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प्रतिमा का विलोम शब्द क्या है pratima  ka vilom shabd kya hai ?

प्रतिमा का विलोम शब्द या प्रतिमा का विलोम , प्रतिमा का क्या होता है ? pratima  ka vilom shabd ,pratima ka vilom shabd kya hai

शब्दविलोम शब्द
प्रतिमा‌‌‌अप्रतिमा
pratimaapratima

‌‌‌प्रतिमा का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों प्रतिमा का विलोम शब्द होता है अप्रतिमा । मतलब यह है कि मूर्ति को प्रतिमा के नाम से जाना जाता है। आप जब किसी मंदिर के अंदर जाते हैं तो वहां पर आप कई तरह की प्रतिमा देखते हैं वैसे अधिकतर देवी देवताओं की प्रतिमा बनाई जाती है। और उसके बाद उनको ‌‌‌मंदिर के अंदर स्थापित किया जाता है। और उसके बाद उनकी पूजा की जाती है। और आप भी कई बार मंदिर के अंदर गए होंगे और वहां पर अपने भी पूजा की होगी । इसी प्रकार से आपके आस पास जो मार्केट होता है वहां पर भी कई तरह की प्रतिमा आपको मिल जाएगी । इसके अलावा घर के अंदर जो पूजा घर होता है वहां पर भी देवी ‌‌‌देवताओं की प्रतिमा आपको रखी हुई मिल जाएंगी । हालांकि अधिकतर लोग यह समझ सकते हैं कि प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से कोई फायदा नहीं होता है। लेकिन यह भी एक गहरा विज्ञान है जिसको समझाने वाले असल मे बचे ही नहीं हैं।

‌‌‌जितनी भी देवी और देवता की प्रतिमा बनाई गई हैं वह एक तरह से खास भाव को बताने वाली होती हैं। और उस भाव के अंदर बढ़ोतरी करने वाली होती हैं। यदि आपको इस दुनिया के अंदर मोक्ष प्राप्त करना है निराकार तक जाना है तो उसके लिए आपको एक प्रतिमा की जरूरत होगी और उसके अंदर आप अपने सभी भावों को एकत्रित ‌‌‌कर पाएंगे । ऐसा नहीं है कि इस दुनिया के अंदर जितनी भी प्रतिमा बनाई गई हैं वे मौजूद नहीं है। आमतौर पर इंसान के सात शरीर बताएं गए हैं। हो सकता है कि वे इंसान भौतिक शरीर के अंदर मौजूद नहीं हैं लेकिन वे किसी दूसरे शरीर के अंदर मौजूद हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि आपके पास देखने की क्षमता नहीं है तो आप दूसरे जगत के अंदर मौजूद इन इंसानों को कभी भी नहीं देख सकते हैं। और यदि आपके पास देखने की क्षमता है तो आप दूसरे जगत के अंदर मौजूद इन इंसानों को आसानी से देखर सकते हैं। इस दुनिया के अंदर सिर्फ हम इंसान ही नहीं रहते हैं वरन उन सभी जीवों की आत्माएं भी हैं।

‌‌‌जोकि अब तक पैदा हुए हैं तो आप समझ सकते हैं कि प्रतिमा बनाकर पूजा करने से आपको क्या फायदा मिल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यह देवता जो दूसरे लोक के अंदर रहते हैं वे किसी ना किसी तरह से हमारी मदद करते हैं। यदि हम इनकी पूजा करते हैं और इनके नाम का जाप करते हैं

‌‌‌इस तरह से प्रतिमा कोई कल्पना नहीं होती है। वह आमतौर पर किसी देवता से जुड़ी होती है और उसके स्वरूप के बारे मे बताने वाली होती है। क्योंकि सभी लोगों की तो द्रष्टि खुली नहीं होती है। तो ऐसी स्थिति के अंदर प्रतिमा की जरूरत सबसे अधिक होती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए।

‌‌‌तो दोस्तों प्रतिमा का सबसे बड़ा महत्व होता है। यह अलग बात है कि कुछ लोग इसका महत्व नहीं समझ पाते हैं। वे बस कल्पनाओं पर भरोशा करते हैं। क्योंकि उनकी बुद्धि यहां तक नहीं पहुंच पाती है। तो इसके अंदर आपका और हमारा दोष नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अप्रतिमा का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों यदि हम बात करें अप्रतिमा का तो इसका मतलब यह होता है कि जिसकी प्रतिमा नहीं हो सकती है। या जिसकी प्रतिमा बनाना संभव नहीं है। जो इसके योग्य नहीं हो । दोस्तों वैसे देखा जाए तो दुनिया के अंदर आप जो भी चीजें देखते हैं उनकी प्रतिमा बनाना संभव है। ‌‌‌क्या आप इस तरह की किसी भी चीज के बारे मे जानते हैं जिसकी प्रतिमा बनाना संभव नहीं है तो आपको बतादें किे दुनिया के अंदर इस तरह की चीज होती है। और सिर्फ एक ही चीज है जिसकी प्रतिमा नहीं बनाई जा सकती है। ऐसा माना जाता है। हालांकि हमारे पास उस चीज को देखने की क्षमता मौजूद नहीं है।

‌‌‌इस तरह की चीज को हम आत्मा के बारे मे जानते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए। प्रतिमा का मतलब जो भौतिक है जिसको आप देख सकते हैं लेकिन अप्रतिमा के पास पुहंचना तो हर कोई चाहता है लेकिन उसके पास आसानी से पहुंच नहीं सकता है। क्योंकि उस तक जाने के लिए कोई भी मार्ग आसान नहीं ‌‌‌ है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर दोस्तों आत्मा का नाम तो अपने सुना ही होगा । हालांकि आत्मा को हम देख नहीं सकते हैं। असल मे जो लोग मर जाते हैं उनको हम भूत कहते हैं लेकिन वे आत्मा नहीं होते हैं। उनका आकार आपको दिखता है। सभी चीजों के पीछे जो उर्जा कार्य करती है। उसको

‌‌‌हम आत्मा के नाम से जानते हैं। लेकिन आपको बता दें कि उस उर्जा का कोई भी गुण नहीं होता है। मतलब यही है कि वह गुण हीन होती है। मुझे नहीं पता की योगी लोग उसका किस तरह से अनुभव करते हैं। लेकिन योगी लोगों का ही मानना है कि आत्मा को देखा जा सकता है। हम जिस चीज से मिलकर बने हैं।

‌‌‌मतलब यही है कि हमारे अंदर जो सता काम करती है वह उसकी वजह से ही संभव होता है। यदि शरीर के अंदर से आत्मा निकल जाती है तो उसके बाद शरीर निढ़ाल  हो जाता है। और वह बस एक माटी का पूतला हो जाता है। क्योंकि सब कुछ आत्मा की सत्ता से ही चल रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌आत्मा के बारे मे एक कहावत है कि इसको आग जला नहीं सकती है पवन सुखा नहीं सकती है और कोई भी तलवार काट नहीं सकती है। इसका जो सबसे बड़ा कारण यही है कि यह जो सब चीजें हैं वे आत्मा से ही पैदा होती हैं। इसके अंदर कोई भी शक नहीं है।‌‌‌यही कारण है कि आत्मा को काटा नहीं जा सकता है। आत्मा आज भी एक रहस्य है और इस रहस्य के बारे मे कोई भी ठीक तरह से जानता नहीं है। लेकिन मानते सब हैं

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