पृथक का पर्यायवाची शब्द या पृथक का समनार्थी शब्द (prithak ka paryayvachi shabd / prithak ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है । जीसे आप जान कर अच्छी तरह से याद कर सकते है तो लेख देखे ।
पृथक | पृथक का पर्यायवाची शब्द या पृथक का समनार्थी शब्द (prithak ka paryayvachi shabd / prithak ka samanarthi shabd) |
पृथक | भिन्न, निराला, बेजोड़, बेमेल, अकेला, अलग, अन्य, पृथक्कृत, दूसरा, अतुल्य, असंगत, विषम, प्रतिभिन्न, इकौंसा, गैर बराबर, अमेल, अनमेल |
पृथक in Hindi | bhinn, niraala, bejod, bemel, akela, alag, any, prthakkrt, doosara, atuly, asangat, visham, pratibhinn, ikaunsa, gair baraabar, amel, anamel. |
पृथक in English | isolated, separate, distinct, detached, several, single. |
दोस्तो पृथक का अर्थ होता है अलग होना । जैसे की आप किसी तरह से अलग होने की बात करते है तो वहां पर पृथक शब्द का प्रयोग किया जाता है । इसके अलावा जो कुछ बेमेल होता है । जो एक दूसरे के समान नही होते है वह पृथक होता है । इस तरह से पृथक के अनेक तरह के अर्थ निकाले जा सकते है जो है –
दोस्तो पृथक शब्द का उपयोग आज एक छोटे से बच्चे के जीवन में भी हो जाता है । क्योकी कई बार ऐसे प्रशन पूछे जाते है जिसमें कहा जाता है की पृथक करो । और पृथक का मतलब होता है अलग करना । जैसा की हमने बताया की कई बार प्रशन पूछे जाते है। जैसे निम्न लिखित मे से पृथक करो । तो इसका मतलब होता है जो सबसे अलग है उसे अलग लिखना है । जैसे गाय, बकरी, भैंस, चिड़िया आदी में जब पृथक की बात की जाती है तो चिड़िया पृथक होगी । क्योकी अन्य सभी पशु होते है और चिड़िया जो होती है वह एक पक्षी है ।
मित्रो पृथक को हम इस तरह से भी कह सकते है की जब चार लोग एक साथ खड़े होते है और तीन ने समान रंग के कपड़े पहने है और एक ने भिन्न तरह का कपड़ा पहना है तो जीसने भिन्न तरह के कपड़े पहने है वह पृथक होता है ।
दोस्तो पृथक का मतलब होता है अलग होना और अलग हम किसी भी आधार पर कर सकते है। जैसा की आपको मालूम होगा की पृथक करने के कई तरह के नियम भी हो सकते है । क्योकी पृथक की जब बात की जाती है तो किसी भी तरह से समान नही होने चाहिए । आप जब किसी वस्तुओ में पृथक की बात करते है तो वे किसी भी तरह से समान नही होनी चाहिए । बल्की किसी न किसी तरह से भिन्न होनी चाहिए । तभी हम पृथक शब्द का प्रयोग करेगे ।
आज के समय में पृथक कोन नही है । बल्की हम कहेगे की इस दुनिया के अंदर मानव भी आज पृथक हो चुका है । हालाकी इसके कई तरह के कारण हो सकते है । एक तो पृथक होने का यह भी कारण हो सकता है मानव अपने पहनावे को भूलता जा रहा है और विदेशी बनता जा रहा है तभी मानव को पृथक कहा जा सकता है ।
और दूसरा मानव को खान पान के आधार पर भी पृथक किया जा सकता है । इस तरह से हम कह सकते है की किसी भी वस्तु या व्यक्ति, जीव जन्तुओ को पृथक करने के लिए निम्न तरह से समानता देखनी होती है और जो समान नही है वह पृथक है । यानि पृथक निम्न तरह से हो सकते है –
जब हम किसी वस्तु के पृथक होने की बात करते है तो हम उसके आकार को भी देखते है क्योकी आकार के आधार पर भी पृथक किया जा सकता है । जैसा की मान लो आपके पास चार तरह की वस्तु है और तीन का आकार आयताकार होता है और एक वस्तु का आकार त्रिभुज के आकार का होता है तो हम कहेगे जो वस्तु त्रिभुज आकार की है वह तीनो से पृथक है । उसी तरह से जब किसी कमरे के पृथक होने की बात करते है तो इसका भी हम आकार देखेगे । जैसा मान लो की आपके घर में कुल छ कमरे है और चार का आकार समान है और बाकी बचे दो का आकर भिन्न है । तो हम कहेगे की दो कमरे ऐसे है जो की चार कमरो से भिन्न या पृथक है ।
दोस्तो आपको पता होगा की मानव जब कुछ देखता है तो वह बाहरी आकार को देखता है । जैसा की हम बात करे मनुष्यो की तो मनुष्य एक दूसरे से बाहरी आकार पर पृथक हो सकते है । क्योकी कुछ लोग ऐसे होते है जो की अन्यो के समान नही होते है और वही पृथक होते है ।
जैसे हम बात करे की चार लोग एक स्थान पर खड़े है । जिनमे से एक का हाथ टुटा हुआ है और बाकी तीन का हाथ पूरी तरह से सही है और इसके अलावा चारो में किसी तरह का कुछ अलग दिखाई नही देता है तो हम कहेगे की तीन लोगो मे से एक का हाथ टूटा होने के कारण से वह तीनो मे से पृथक है । यानि वह तीनो लोगो से मे अलग है।
दोस्तो आज क्षेत्र के आधार पर भी पृथक किया जाने लगा है । और विभिन्न तरह की परिक्षाओ में इस बारे में प्रशन पूछा जाता है । आपने देखा होगा की प्रशन में आता है गांव, शहर, राज्य, और देश । तो इन चार क्षेत्रो मे से चारो एक दूसरे से पृथक होगे । क्योकी जो गाव होता वह शहर में या जीले में आता है । और शहर राज्य में आता है । न की राज्य के समान है और इसी तरह से राज्य देश में आता है और न की देश के समान है तो सभी एक दूसरे से पृथक है।
वही पर हम उदहारण लेते है भारत, अमेरिका, चीन और नगर । तो इन चारो मे से नगर को हम पृथक कहेगे । क्योकी बाकी तीन तो देश है मगर नगर देश नही होता है । बल्की वह शहर होता है । इस तरह से क्षेत्र के आधार पर पृथक किया जाता है ।
दोस्तो किसी वस्तु का किसी तरह से उपयोग हो रहा है यह भी पृथक करने के लिए काफी उपयोगी होता है । दोस्तो पृथक किसी भी तरह से किया जा सकता है और इसी तरह से हम उपयोग के आधार पर पृथक करते है । जैसे – आलू, बैंगन, गोभी, लहसून आदी में जब पृथक की बात होती है तो हम लहसून को पृथक कहेगे । इसके पिछे का कारण यह है की लहसून सब्जियो में गेरी जाती है और बाकी तीन सब्जी स्वयं होती है तो इस कारण से लहसून जो होती है वह बाकी तीनो से पृथक है ।
इस तरह से मित्रो आपको समझना चाहिए की पृथक का मतलब अलग होना होता है और आज अलग हम किसी भी कारण से कर सकते है । जैसा की हमने बताया की अलग करने के लिए हमे उनमे समानता देखनी होती है । अगर किसी भी तरह की समानता नही है असमानता पाई जाती है तो पृथक है ।
हालाकी मानव के जीवन में आज पृथक शब्द का प्रयोग करना कोई नई बात नही होती है । बल्की मानव के जीवन में भी पृथक होने लगा है । और मानव के जीवन में पृथक होने का मतलब है अन्य लोगो से अलग होना । जैसे हम एक गाव का उदहारण लेते है । एक गाव में अनेक तरह के लोग रहते है और सभी एक साथ होकर काम करते है । मगर एक व्यक्ति है जो की अन्य लोगो के साथ काम नही करता है । बल्की उनका साथ भी नही देता है । और वह अकेला ही रहता है । तो वह पूरे गाव से पृथक होगा ।
प्राचीन समय में गाव में पृथक होने के लिए सजा भी दी जाती थी । अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का गुनहा कर देता था तो उसे पूरे गाव से पृथक कर दिया जाता था । शायद आपने यह कही न कही देखा होगा । तो जब लोग गाव से अलग होते थे । तो वे गाव से अलग तरह का कार्य करते थे । और गाव जीस कार्य को एक साथ मिलकर करता था वह अलग हुआ व्यक्ति नही कर पाता था । क्योकी वह गाव के साथ नही होता था । और यह मानव के जीवन में पृथक होता है । हालाकी पृथक का अपना अपना अर्थ निकाल जा सकता है ।
इस तरह से हमने पृथक के पर्यायवाची शब्द या पृथक के समानार्थी शब्दो के बारे मे जान लिया है । मैं आसा करता हूं की आपको लेख पसंद आया होगा ।
अगर आप किसी भी शब्द के पर्यायवाची शब्दो के बारे में जानना चाहते है तो कमेंट में अपना प्रशन रख सकते है ।
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