दोस्तो इस लेख में हम रात का पर्यायवाची शब्द raat ka paryayvachi shabd या रात का समानार्थी शब्द raat ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । साथ ही हम रात से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी पर भी चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
रात | रात्रि, शाम, अंधेरा, संध्या, अंधकार, निशि, रैन, छपा, निशी, कादंबरी, क्षणदा, सिता, कोटर, क्षया, दोषा, शर्वरी, निशीथ, निशीथिनी, त्रिशमा, यामिनी, क्षणढा, विमाचरी, अमावस्या, विभावरी, रजीन, राका, क्षपा, असुर । |
रात in hindi | raatri, shaam, andhera, sandhya, andhakaar, nishi, rain, amaavasya, vibhaavaree, rajeen, raaka, kshapa, chhapa, nishee, kaadambaree, kshanada, sita, sharvaree, nisheeth, nisheethinee, trishama, yaaminee, kshanadha, vimaacharee, kotar, kshaya, dosha, asur. |
रात in English | Night, night-time, evening, eventide, vesper, dark, darkness, murk, blackness, mirk, even, obscurity, negritude, nightly, nocturnal, vespertine. |
1. रात्रि – Raatri
2. शाम – Shaam
3. अंधेरा – Andhera
4. संध्या – Sandhya
5. अंधकार – Andhkaar
6. निशि – Nishi
7. रैन – Rain
8. छपा – Chhapa
9. निशी – Nishi
10. कादंबरी – Kaadambri
11. क्षणदा – Kshanada
12. सिता – Sita
13. कोटर – Kotar
14. क्षया – Kshaya
15. दोषा – Doshaa
16. शर्वरी – Sharvari
17. निशीथ – Nishith
18. निशीथिनी – Nishithini
19. त्रिशमा – Trishama
20. यामिनी – Yaamini
21. क्षणढा – Kshanadha
22. विमाचरी – Vimaachari
23. अमावस्या – Amaavasya
24. विभावरी – Vibhaavari
25. रजीन – Rajeen
26. राका – Raaka
27. क्षपा – Kshapa
28. असुर – Asur
दोस्तो इस प्रशन का उत्तर है की नही । क्योकी जब तक हमारी पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती रहेगी तब तक रात होती रहेगी और इस रात को रोका नही जा सकता है । क्योकी पृथ्वी के अलग अलग स्थानो पर रात दिन होता है । यानि एक स्थान पर रात है तो दूसरा ऐसा स्थान भी होगा जहां पर दिन भी होगा । इस कारण से न तो रात को रोका जा सकता है और न ही दिन को रोका जा सकता है ।
दोस्तो इसका एक सरल सा जबाब है की…………… सूर्य के प्रकाश के कारण से दिन होता है यानि उजाला होता है । और जब सूर्य नही होता है तो अंधकार हो जाता है । इस तरह से रात होती है ।
मगर वही एक बात चोकाने वाली है की जब ब्रहामण्ड मे इतने तारे है तो रात काली क्यो नजर आती है? उन तारो की रोशनी से रात काली नही होनी चाहिए थी ?
इसका उत्तर खगोलशास्त्री और विज्ञान की भाषा मे देगे
तो बताया जाता है की जब तारो का प्रकश ब्रह्मांड मे फैलता हुआ पृथ्वी की तरफ आने लगता है तो उस प्रकाश को बिच मे ही रोक लिया जाता है । क्योकी ब्रह्मांड मे धूल के बादल बने हुए है जो की प्रकाश को नष्ट कर देते है । हालाकी इस प्रकाश का कुछ भाग पृथ्वी तक पहुंच भी जाता है मगर पृथ्वी की दूरी अधिक होने के कारण से तारो का प्रकाश भी पहुंचने मे काफी समय लग जाता है ।
खगोलशास्त्री और विज्ञान के रूप मे बताया जाता है की तारो की रोशनी भी इतनी अधिक नही होती है की वह पृथ्वी और बाकी के ब्रह्मांड को रोशनी पहुंचा कर रात को काली होने से रोक सके । इस तरह से प्रकाश की अनुपस्थिति के कारण से रात काली होती है।
और जब कभी पृथ्वी पर प्रकाश बन जाएगा तो रात काली नही होगी । जिस तरह से अगर रात को रोशनी कर दी जाए तो उस स्थान पर रात काली नजर नही आती है । उसी तरह से पृथ्वी पर रात को काली होने से रोकने के लिए एक और सूर्य की जरूरत होती है जो की पृथ्वी की दूसरी दिशा मे लगा होगा । जिससे पृथ्वी पर पर रात नही होगी और दिन ही दिन होगा । मगर यह एक कलपना मात्र है क्योकी सूर्य जितनी रोशनी को बनाना एक कलपना है । इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नही है ।
दोस्तो चांद का भी पृथ्वी की तरह चमकना जारी रहता है । और चांद मे स्वयं मे कोई चमक नही होती है बल्की वह सूर्य की रोशनी के कारण से चमकता है । मगर जब भी चांद पूरा चमकता है तो उस रात को पृथ्वी पर भी चमक हो जाती है । इसका कारण सूर्य से ही जुडा हुआ है ।
क्योकी जब चांद पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए सूर्य और पृथ्वी के बिच मे आ जाता है तो सूर्य के तेज के कारण से चांद चमक जाता है । चांद इतना अधिक चमकिला बन जाता है की पृथ्वी पर जिस स्थान पर रात होती है वहां चांद की रोशनी फैल जाती है । और उस दिन पूर्णिमा की रात होती है । यही कारण होता है की पूर्णिमा की रात को चमकिली रात होती है ।
दोस्तो आपने गोर किया होगा की तारे रात को ही नजर आते है और दिन मे नजर नही आते है । आखिर दिन मे तारे कहा चले जाते है? इस प्रशन का उत्तर होता है की दिन मे तारे अपने ही स्थान पर रहते है मगर सूर्य का तेज इतना अधिक होता है की तारो की रोशनी फिकी पड जाती है और वे हमे दिखाई नही देते है । मगर जैसे ही रात होती है तारे दिखने लग जाते है क्योकी उस समय सूर्य की रोशनी नही होती है । इस तरह से रात को तारे दिखाई देते है दिन में नही ।
दोस्तो सूरज के कारण से रोशनी होती है मगर जैसे ही रात होती है और सूरज एक स्थान पर स्थिर होता है मगर उसके चारो और पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुए चक्कर लगाती है । जिसके कारण से पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर 24 घंटो मे लगती है । और इसी चक्कर के कारण से रात बनती है ।
जब रात होती है तो जिस ओर पृथ्वी का हिस्सा सूर्य की ओर था वह अब सूर्य की ओर नही रहता है बल्की पृथ्वी का दूसरा हिस्सा सूर्य की ओर आ जाता है और पहले वाला हिस्सा छिप जाता है । जिसके कारण से रात हो जाती है । और सूर्य दिखाई नही देता है । जिससे देखने वालो को लगता है की सूरज रात को कही चला जाता है । क्योकी पृथ्वी घूमती है मगर हमे यह नजर नही आती है ।
दोस्तो जैसा की बताया की चंद्रमा सूर्य की रोशनी के कारण से ही चमकता है । मगर पृथ्वी के जीस स्थान पर अंधेरा होगा चंद्रमा उसी स्थान पर चमकता हुआ दिखाई देता है । क्योकी चंद्रमा की तुलना मे सूर्य का प्रकाश काफी अधिक होता है जिसके कारण से चंद्रमा दिन के समय मे कम दिखाई देता है ।
मगर जैसे ही अंधेरा होता है वह चमकता हुआ दिखाई देने लग जाता है । मगर रात को चंद्रमा के चमकने का भी अलग तरीका है । क्योकी वह निश्चित समय के अनुसारा घटता बढता रहता है । इसका कारण चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश होता है क्योकी जब सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर पडता है तो चंद्रमा की सतह इतनी अधिक अधिक गर्म हो जीती है की वह पूरा ही चमकने लग जाता है ।
मगर जैसे ही सूर्य से चंद्रमा दूर जाता है उसकी चंद्रमा की सतह ठंडी होने लगती है जिससे चंद्रमा घटता हुआ दिखाई देता है । और पास जाने पर बढता हुआ दिखाई देता है । क्योकी अंधेरे मे चंद्रमा का प्रभाव जम जाता है क्योकी उस समय पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी बहुत ही कम होती है । जिसके कारण से चंद्रमा केवल रात को ही चमकता हुआ दिखाई देता है ।
दोस्तो रात मे सब और अंधेरा होता है और ऐसे समय मे जो भी कुछ हम पहले देख चुके है अगर उन्हे भी रात को देखा जाए तो वे सही तरह से नही दिखाई देते है । जिसके कारण से ऐसा लगता है की मानो समाने कोई खडा है । जैसे अगर आपने कभी रात को आक के पेड को देखा है तो वह देखने मे बडा भयानक लगता है।
क्योकी पता नही चलता है की वहां पर आक का पेड है । इसी तरह से बहुत कुछ ऐसा है जो की रात के समय में अधिक सही तरह से नही दिखाई देता है । इसके अलावा अगर आपने कभी रात को काली बिल्ली देखी है तो वह देखने में डरावनी लगती है ।
क्योकी रात के समय में काली बिल्ली की आंखे चमकती है । जिससे देखने वाले को केवल चमकती हुई आंखे ही दिखाई देती है । क्योकी अंधेरा होने से काली बिल्ली का काला रंग छिप जाता है । इस तरह से कह सकते है की रात बडी भयानक होती है और इस समय जाने पहचाने गए वस्तु और स्थान भी बडी अजीब सी लगती है और डरावनी भी होती है ।
दोस्तो रात का मनुष्य के लिए बडा महत्व होता है क्योकी जीस तरह से mobile phone को दिन भर चलाने के कारण से उसका चार्ज खत्म हो जाता है और फिर उसे चार्ज करना पडता है ।
ठिक उसी तरह से मनुष्य दिन भर काम करने के कारण से बहुत अधिक थक जाता है और फिर उसे चार्ज होने की जरूरत होती है जिसके लिए उसे किसी चार्जर की जरूरत नही होती है बल्की उसे आराम करने की जरूरत होती है ।
क्योकी आराम करने के कारण से थकावट दूर होती है और मनुष्य फिर चार्ज हो जाता है । और यह भी है की रात को आराम किया गया दिन मे आराम करने से कही अधिक अच्छा रहता है ।
इसके अलावा अगर रात नही होती तो मनुष्य आराम करने के लिए एक निश्चित समय नही बना पाता और वह दिन रात काम करते रहने के कारण से अपनी उम्र घटा लेता था । अंत मे कहा जा सकता है की रात न केवल मनुष्य के लिए बल्की सभी प्रकार के जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है ।
हां, रात जो होती है वह मानव के लिए उपयोगी है ।
दरसल आपको पता होगा की जब सूर्य की रोशनी नही होती है तो उसे रात कहा जाता है और यह जो रात होती है वह आराम करने का समय माना जाता है । जिसके कारण से रात को मानव के लिए उपयोगी माना जाता है ।
क्योकी रात जो होती हैवह सोने के लिए एक ऐसा समय माना जाता है जो की मानव के लिए काफी जरूरी है और यही कारण नही बल्की बहुत से ऐसे कारण है जो की बताते है की रात का होना भी मानव के लिए जरूरी है ।
वैसे अगर आप रात से जुड़ी जीतनी अधिक जानकारी हासिल करते हो जैसे की आपको उपर हमने बताया था तो उन सभी के आधार पर आप इस बात को आसानी से समझ सकते है क्योकी से समझना आसान है ।
इस तरह से हमने इस लेख में रात का पर्यायवाची शब्द या रात का समानार्थी शब्द के बारे मे जान लिया है साथ ही हम रात की महत्वपूर्ण बातो के बारे मे जान गए होगे । कमेंट मे बताए की लेख कैसा लगा।
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