राजा का पर्यायवाची शब्द या राजा का समानार्थी शब्द (raja ka paryayvachi shabd / raja ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में काफी विस्तार से जानने वाले है । अगर आप भी राजा का पर्यायवाची शब्द के बारे में जानना चाहते है तो आपको इस लेख को देखना होगा ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
राजा | प्रिंस, किंग, नवाब, बादशाह, धराधीश, महाराजा, भूपाल, सुलतान, नराधिप, दंडधर, नरेश, नृपति, शहंशाह, लोकेश, नरपति, नृप, छत्रपति, शाह, नरेन्द्र, भूपति, क्षितीश, भूप, अवनीश, महाराज, राव, महिपाल, सम्राट, राजाधिराज, अवनीपति, क्षोणिय, महीपति, महीप, अवनीश, शहजादा । |
राजा in Hindi | naresh, nrpati, shahanshaah, lokesh, narapati, nrp, chhatrapati, shaah, narendr, bhoopati, kshiteesh, bhoop, avaneesh, mahaaraaj, raav, mahipaal, samraat, raajaadhiraaj, avaneepati, kshoniy, maheepati, maheep, avaneesh, shahajaadaprins, king, navaab, baadashaah, dharaadheesh, mahaaraaja. |
राजा in English | king, monarch, raja, ruler, prince, earl |
दोस्तो राजा का अर्थ होता है वह जो राज्य का मालिक हो यानि भूप, नृपति । यानि इसे इस तरह से समझा जा सकता है वह व्यक्ति जो की पूरे भू-खंड या राज्य पर जो राज करता है वह राजा होता है ।एक राजा अपनी प्रजा को हमेशा खुश रखता है अगर प्रजा पर किसी तरह की मुसीबत आती है तो राजा अपनी प्रजा की हिफाजत करता है । राजा के अर्थ को हम अलग अलग तरह से समझ सकते है जो है –
अगर राजा की बात आती है तो सभी के मन में एक प्रशन जरूर आता है की आखिर राजा कोन होता है । तो दोस्तो राजा वह होता है जो की किसी भू भाग पर संसान करता है । जैसे की भारत के प्रथम हिंदू राजा के नाम पर चंद्रगुप्त मौर्य को जाना जाता है । आपकी जानकारी के लिए बता दे की राजा चंद्रगुप्त मौर्य लगभग पूरे भारत पर सासन किया था । और इस तरह से किसी भी भुभाग पर जो व्यक्ति सासन करता है उसे राजा कहा जाता है ।
हालाकी वर्तमान में राजा शब्द का उपयोग कम होता है । मगर अभी भी हम राजा कह सकते है । यानि जो हमारे राज्य पर सांसन करता है जो हमारे देश पर सांसन करता है वह राजा है ।
इस तरह से राजा संसान करने के रूप में जाना जाता है । मगर इतना काफी नही एक राजा के लिए यह जरूरी होता है की प्रजा उसे पसंद करे । यानि एक सच्चा राजा वही है जो की प्रजा के दिलो पर सांसन करता हो । जैसे की राजा विक्रमादित्य ।
इस धरती पर केवल मनुष्य को ही राजा नही कहा जाता है बल्की अलग अलग जीव जंतुओ के बिच में भी राजा होता है । जैसे की आपको पता होगा की फलो के राजा को आम कहते है । हालाकी यह कहा जाता है । उसी तरह से अनेक तरह से अलग अलग राजा होते है । जैसे की पक्षियो का राजा, पेड़ पौधो का राजा ।
तो असल में राजा वह है जो की सभी में श्रेष्ठ होता है । हालाकी किस कारण से श्रेष्ठ है यह अलग बात होती है ।मगर मनुष्य में श्रेष्ठ होने की बात होती है तो वह ज्ञान और युद्ध कला की होती है । जो योद्धा होता है वही राजा बन जाता है । आपने देखा होगा की चंद्रगुप्त मौर्य एक मामूली व्यक्ति थे । मगर जब चाणक्य ने उन्हे अपना शिष्य बनाया और ज्ञान दिया । तो वे एक महान राजा बन गए थे ।
असल मे चंद्रगुप्त के राजा बनने के पिछे चाणक्य ही थे । कहा जाता है की चाणक्य के जन्म के समय ही एक भविष्यवाणी हुई थी की चाणक्य सम्पूर्ण भारत पर राज करने वाला है । मगर वे राजा तो नही बने बल्की किसी और को राजा बना दिया और यह भी एक तरह का राज है ।
इस तरह से राजा वह है जो की किसी तरह के भू भाग पर शासन कर रहाहै ।
इस तरह से हमारे भारत मे अनेक तरह के राजा हुए थे जिन्होने हमान कार्य किए थे और यही कारण है की आज उनको हर कोई जानता है । आज भी उन राजाओ को कोई भूला नही पाया है ।
भारत में जब भी राजा का नाम आता है तो राजा चंद्रगुप्त की और सकेंत जाता है । क्योकी चंद्रगुप्त मौर्य ने लगभग पूरे भारत में सांसन किया था । और यही कारण है की चंद्रगुप्त मौर्य को आज भी भारत में जाना जाता है ।
दूसरा यह की राजा चंद्रगुप्त मौर्य भारत के प्रथम हिंदू राजा थे । जिन्होने मौर्य वंश की स्थापना की थी ।
आपकी जानकारी के लिए बात दे की राजा चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म पाटलिपुत्र में हुआ था । मगर वर्तमान में इस स्थान को पाटलिपुत्र के नाम से नही जाना जाता है बल्की इसका नाम बदल चुका है । और इसे बिहार के नाम से जाना जाने लगा है । चंद्रगुप्त मौर्य ने हीमौर्य वंश की स्थापना की थी और उस समय इनकी उम्र अधिक नही थी । बल्की उस समय राजा चंद्रगुप्त मौर्य की उम्र 20 ही थी । इसमें विद्वान ब्राह्मण चाणक्य ने काफी मदद की थी ।
अगर विद्वान ब्राह्मण चाणक्य की बात आती है तो आपको उनके बारे में बताने की जरूरत नही है । क्योकी चाणक्य के बारे में आज हर कोई जानता है । असल में चाणक्य ही थे जीन्होने राजा चंद्रगुप्त की खोज की और उन्हे राजा बनाया था । और यह उन्होने क्यो किया था इसके बारे में आपको पता होगा ।
उज्जैन पर राजा करने के रूप में राजा विक्रमादित्य को जाना जाता है । आज हम विक्रम और बेताल की कहानी पढते है और यह वही विक्रमादित्य है जिनको इस कहानी में चरित्र किया गया है । इनका दुसरा नाम विक्रम सेन था ।
इसके अलावा राजा विक्रमादित्य के पास नौ रत्न रहते थे और इसके बाद ही अन्य राजा नौ रत्न रखने लगे थे ।
इसके साथ ही यह भी कहा जाता है की राजा विक्रामदित्य ने निच, फ्रांस, तुर्क और अरब सहित कही स्थानो पर सांसन किया था । विक्रमादित्य को सत्य की मुरत माना जाता है और सत्य के रूप में ही विक्रमादित्य न्याय करते थे ।
इतिहास में जब भी राजाओ की बात आती है तो महाराणा प्रताप का नाम जरूर आता है । क्योकी ये एक ऐसे राजा थे जिन्होने पूरे मुगल साम्राज्य को घुटनो पर लाया था । और भी अपनी वीरता के काण से आज महाराणा प्रताप को पहचाना जाता है ।
इनकी जन्म भूमि कुम्भलगढ़, राजस्थान है । मुग़ल काल में जब सभी राजपूताना राजओ के द्वारा मुगलो से संधी की जाने लगी थी । और समय के साथ साथ महारणा प्रताब ने मुगलो का अंत करने के लिए अकबर से युद्ध किया था । अकबर से हारने के बाद भी अंत में महारणा प्रातबा ने अकबर सही अनेक मुगल सम्राज्य का अंत कर दिया था ।
भारत के अनेक महान राजाओ मे से यह भी एक थे । जो की पाटलिपुत्र राजधानी से थे । मगर कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक सासन किया था । इसके साथ ही यह भी कहा जाता है की सम्राट अशोक भारत के सबसे अधिक शक्तिशाली राजा थे । असल में सम्राट अशोल मौर्य वंश से ही थे ।
इसके साथ ही सम्राट अशोक विश्वप्रसिद्ध थे । इनका पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक था । इनका जन्म 304 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र, पटना में हुआ था । अपने जीवन में एक भी युद्ध नही हारने वाले राजा की जब बात होती है तो सम्राट अशोक का नाम आता है । क्योकी सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नही हारा था ।
राजा भोज को भी महान राजाओ में से एक माना जाता है । राजा भोज भोजपुर पर सासन किया करते थे जो की भुपाल में स्थिति है । भोपाल का नाम आपने सुन रखा होगा इसकी स्थापना करने वाले राजा भोज ही थे । इसके साथ ही राजा भोजपाल किसी विद्वान से कम नही थे बल्की उन्होने अपने जीवन में अनेक किताबो की रचना भी की थी ।
इसके साथ ही राजा भोजन ने अनेक तरह के मंदिरो का निर्माण भी करवाया था ।
अजमेर और दिल्ली में 20 वर्षा की उम्र में शासन करने वाले ये चोहान वश के राजा थे । भारत पर शासन करने वाले अंतिम हिंदू राजा के रूप में पृथ्वीराज चौहान को ही जाना जाता है । इन्होने राजस्थान और हरियाणा पर भी सासन किया है । पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद ग़ोरी से भी युद्ध किया था । इसके अलावा अनेक मुस्लीम राजाओ का सामना भी किया था ।
तराईन का प्रथम युद्ध भी पृथ्वीराजा चौहान ने लड़ा था इसमें मोहम्मद ग़ौर ने चौहान आमने सामने रहे थे । यह युद्ध 1190–1191 के बिच में लड़ा गया था । तराईन का द्वितीय युद्ध भी पृथ्वीराज चौहान ने गौरी के साथ लड़ा था । मगर यहां पर पृथ्वीराज चौहान को हार का सामना करना पड़ा था ।
इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में राजा के पर्यायवाची शब्द या राजा का समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है । यह भी जान लिया है की भारत के महान राजा कोन है । अगर आपको कुछ पूछना हो तो कमेंट करे ।
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …
रोगी का विलोम शब्द, रोगी शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, रोगी का उल्टा Rogi ka…