राकेश टिकैत मोबाइल नंबर , rakesh tikait mobile number ग़ाज़ीपुर बॉर्डर और राकैश टिकैत का नाम बहुत अधिक पुराना नहीं है। राकैश टिकैत का वह भावुक विडियो तो आपको ही याद होगा जिसके अंदर उन्होंने सब लोगों से अपील की थी कि वे गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे । उसके बाद सोसल मिडिया पर वह विडियो काफी वायरल हुआ और लेफट मिडिया ने उसको प्रमुख्ता से चलाया । खैर राकैश टिकैत और अन्य किसान नेताओं की वजह से ही 26 जनवरी के दिन दिल्ली के लाल किले पर हिंसा हुआ जिसके बाद किसान आंदोलन लोगों के बीच एक्सपोज सा होने लगा। उसके बाद राकैश टिकेत की वजह से किसान आंदोलन के अंदर थोड़ी फिर से जान आई थी।
उसके बाद राकैश टिकैत ने सरकार को धमकाते हुए कहा था कि सरकार जब तक इन तीनों कृषि कानूनों को जब तक वापस नहीं लेगी हम आंदोलन जारी रखेंगे और सीने पर गोली खाएंगे । यह कृषि कानूनी किसानों के हित मे नहीं हैं। इसलिए इनको रदृ करने की हम सरकार से मांग करते हैं।
राकैश टिकैत मूल रूप से खेती करने वाला परिवार है।मेहंद्र सिंह टिकैत के छोटे भाई भोपाल सिंह अध्यापक हैं और दिल्ली के अंदर पढ़ाने का काम करते हैं।टिकैत के घर चार लड़के और तीन लड़कियाँ हुईं. इनमें से नरेश टिकैत सबसे बडे हैं।
नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। और एक खाप पंचायत के अध्यक्ष भी हैं जिसके अंदर 80 गांव आते हैं। उसके बाद आते हैं राकेश टिकैत ।तीसरे और चौथे नंबर पर हैं, नरेंद्र और सुरेंद्र टिकैत जो स्थानीय शुगर मिलों में काम करते हैं और खेती का काम संभालते हैं.
राकैश टिकैत का नंबर आपको मिल जाएगा ।जब हम राकेश टिकैत के फेसबुक पेज को चैक करते हैं तो वहां पर हमको एक नंबर दिया हुआ मिला है जो इस प्रकार है 092196 66799। इस नंबर का यह तो पता नहीं है कि यह कितना सही है। लेकिन जहां तक मुझे लगता है आप कॉल करके पता लगा सकते हैं। खैर संभव है कि यह उनके ऑफिस का मोबाइल नंबर हो ।
दोस्तों राकेश टिकैत से यदि आप संपर्क करना चाहते हैं तो आप उनके मेल एड्रस पर संपर्क कर सकते हैं। हालांकि यह संभव नहीं है कि वे जवाब दें लेकिन यदि आप संपर्क करना चाहे तो नीचे मैल एड्रस दिया हुआ है। यदि आपके पास कुछ जरूरी सूचना है तो आप संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए रिप्लाई होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाएगी ।
RakeshTikaitOfficial@gmail.com
दोस्तों आप राकैश टिकैत को फेसबुक से भी संपर्क कर सकते हैं। वे फेसबुक पर काफी एक्टीव रहते हैं और अपने अगले कार्यक्रम के बारे मे नई नई जानकारियों को शैयर करते रहते हैं।फेसबुक पर इनके 771K followers हैं। यदि आप राकेश टिकैत को पसंद करते हैं तो इनको फोलो कर सकते हैं।
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https://twitter.com/tikaitrakesh?lang=en
राकैश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को हुआ था।यह एक भारतिय किसान नेता हैं जिसने 3 कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था।, गणतंत्र दिवस 2021 पर नई दिल्ली में वह विरोध बेहद हिंसक हो गया । हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 400 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सिसौली कस्बे में हुआ था । वह एक प्रमुख किसान नेता और बीकेयू के सह-संस्थापक स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं ।
टिकैत ने मेरठ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की और उसके बाद एलएलबी किया । उसके बाद दिल्ली पुलिस की नौकरी करने लगे और 1992 मे उप निरिक्षक बन गए । लेकिन 1994 ई मे दिल्ली पुलिस की नौकरी को छोड़ दिया ।
पुलिस छोड़ने के बाद, वह बीकेयू के सदस्य के रूप में शामिल हो गए। अपने पिता की मृत्यु के बाद, टिकैत आधिकारिक तौर पर बीकेयू में शामिल हो गए और बाद में इसके प्रवक्ता बने।
2018 ई के अंदर वे तेजी से उभरते हुए किसान नेता बन चुके थे । टिकैत ने 2007 यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा थासे खतौली बहुजन किसान दल (BKD) पार्टी के साथ। और उसके बाद राकैश टिकैत ने भाजपा का समर्थन किया ।
राकेश टिकैत की आदतों के बारे मे जिक्र करते हुए उनके भांजे ने बताया कि राकैश टिकैत शुद्ध शाकहारी हैं और वै अच्छा भोजन करते हैं।इसके अलावा साल मे 4 बार ब्लड डोनेट करते हैं।और वे कई बार वृत भी रखते हैं।
जैसा कि हमने आपको बताया कि राकैश टिकैत पहले पुलिस की नौकरी करते थे । उसके बाद अपने पिता का आंदोलनों मे साथ देने के लिए नौकरी को छोड़ दिया और फिर किसानों के लिए बिजली का दाम कम करने के लिए आंदोलन किया ।
दोस्तों राकेश टिकैत के पिता मेहंद्र सिंह टिकैत को भी पुलिस ने गिरफ़्तार करने की कोशिश की थी।क्योंकि वे भी एक बड़े किसान नेता थे ।एक बार मुलायम सिंह यादव ने उनको गिरफ़्तार करने की कोशिश की । और अखिलेश यादव के काल मे भी पुलिस ने उनको गिरफ़्तार करने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस को मुंह की खानी पड़ी थी।
1988 में दिल्ली के बोट क्लब में हुए पदर्शन के लिए मेहंद्र सिंह को याद किया जाता है। यह प्रदर्शन इतना भयंकर था कि इसके बाद वहां पर किसी भी तरह के प्रोटेस्ट पर रोक लगा दी गई थी।
टिकैत ने कहा कि हमारी लड़ाई बिजेपी से नहीं है वरन मोदी सरकार से है। सरकार किसानों के लिए कुछ खास नहीं कर रही है।और उन्होंने कहा कि सरकार जब तक तीन कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है।
इसके बाद राकैश टकैत ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ किसानों के हक के लिए ही नहीं है। वरन यह आंदोलन है गरीबों और मजदूरों के हक के लिए भी है।इसके अलावा लखनउ के घेराव को लेकर कहा कि चुनाव होने वाले हैं और इसके अंदर कई मुदे हैं।बिजली की कीमत काफी तेजी से यहां पर बढ़ रही है और गन्ने की अच्छी कीमत का भुगतान नहीं हो रहा है। इसलिए वे सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे ।
पिछले दिनों राकैश टकैत की एक ऐसी फोटो भी वायरल हो गई थी जिसके अंदर यह दिखाया गया था कि राकेश टकैत ऐसी के अंदर लैटे हुए हैं। और उसके बाद कई लोगों के आरोप लगाना शूरू किया की टकैत किसान नहीं है। किसानों को कहां पर ऐसी नशीब होती है।और उसके बाद टिकैत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वे प्रेस कल्ब मे आराम कर रहे थे । और कुछ समय के लिए सो रहे थे। यह कोई अपराध नहीं है।
दोस्तों राकेश टिकैत के यह विचार हमने सोसल मिडिया से लिया है। इन से आप राकेश टिकैत की विचार धारा के बारे मे अच्छे से जान सकते हैं।
स्वदेशी के झंडेबदार आज देश के नवरत्नों को निजी हाथों में सौंपने के लिए आतुर है।देश मे विकास के प्रतीक बिजली,परिवहन निजी हाथों में होंगे तो भविष्य क्या होगा आप अंदाज कर सकते है।मिट्टी की सौगंध खाने वाले आज देश बेच रहे है
समस्त देशवासियों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले माँ भारती के वीर सपूतों को कोटिशः नमन।
लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना अपराध नही बल्कि नागरिक समाज की सजगता का प्रमाण है। अम्बाला में अनिल विज को काले झंडे दिखाने के आरोप में 200 से अधिक किसानों की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है।
किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे ।
हम लंबे समय से यह कह रहे हैं कि देश में कैमरे और कलम पर बंदूक का पहरा है यह बात भारत समाचार के कार्यालय एवं कर्मचारियों के घरों पर ITछापेमारी से चरितार्थ हो जाती है । स्वतंत्र आवाज को दबाने के लिए संस्थाओं का दुरुपयोग है भाकियू भारत समाचार के साथ खड़ी है
यह सन 2021 की बात है। राकेश टिकैत किसान नेता के रूप मे काफी अधिक फेमस हुए थे । यूपी के अंदर हुए एक सभा के अंदर किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से अल्लाहू अकबर और हर हर महादेव के नारे भी दिये थे । कहा जाता है कि अल्लाहू अकबर बोलने की वजह से कुछ लोग काफी अधिक नाराज हो गए थे । और उनको फोन पर न जाने कितने लोगों ने गाली गालोच करना शूरू कर दिया । इसके बाद से ही उनको अपना फोन नंबर तक बंद करना पड़ा था । उसके आगे टिकैत ने कहा कि आप अब मंच से खड़े होकर बोल भी नहीं सकते हैं। संविधान के अंदर ऐसा कहीं पर भी नहीं लिखा है कि आप इस तरह के नारे नहीं लगा सकते हैं।बाकि आप यदि राकेश टिकैत से जुड़ना चाहते हैं , तो आपको उनके सोसल मिडिया पर ही संपर्क करना होगा ।
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