दोस्तो इस लेख मे हम राम के बारे मे बात करेगे की राम के पर्यायवाची शब्द ram ka paryayvachi shabd या राम के सामानार्थी शब्द ram ka samanarthi shabd क्या होते है साथ ही हम बात करेगे की राम का जन्म कैसे हुआ । इस तरह से इस लेख मे बहुत कुछ बताया गया है तो लेख को आराम से देखे । { ram paryayvachi shabd in hindi}
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या सामानार्थी शब्द { paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
राम | रामचन्द्र, सियाराम,अयोध्यापति, दाशरथि , रघुबर, रघुपति, रघुराज, रघुनाथ, राघव, रघुनन्दन, रघुराय , सीतापति, खरारि , रावणारि , कौशल्यानंदन, अवधेश , दशरथात्मज , कौशल्यानन्दन , जानकीश , सीतानाथ , जानकीवल्लभ दशाननारि, रघुनंदन, जानकी – जानकी, वैदेही, जानकीपति, सीता, भूतनया, पुरुषोत्तम, भूमिजा, जनक नन्दिनी, अवध , जनकात्मजा रामप्रिया, मैथिली, मिथिलेश कुमारी, परशुराम – रेणुकात्मज , परशुधर, यामदग्नि, भागव, दशरथनंदन, राघव, त्रिसिरारि, राघवेन्द्र |
Ram | Ramchandra, Rama, Siyaram, Ayodhyapati, Dasharati, Raghubar, Raghupati, Raghuraj, Raghunath, Raghava, Raghunandan, Raghunaraya, Sitapati, Kharari, Ravanari, Kaushalyanandan, Awadhesh, Dasharathmaj, Kaushalyanandan, Janakish, Sitanath, Janakivallabh, Janaki-Dashana, Janakivallabh Vaidehi, Janakipati, Sita, Bhutnaya, Purushottam, Bhumija, Janaka Nandini, Awadh, Janakatmaja Rampriya, Maithili, Mithilesh Kumari, Parashuram-Renukatmaja, Parashudhar, Yamadagni, Bhagava, Dasharathanandan, Raghava, Trisirari, Raghava |
Ram | Ramchandra, Rama, Siyaram, Ayodhyapati, Dasharati, Raghubar, Raghupati, Raghuraj, Raghunath, Raghava, Raghunandan, Raghunaraya, Sitapati, Kharari, Ravanari, Kaushalyanandan, Awadhesh, Dasharathmaj, Kaushalyanandan, Janakish, Sitanath, Janakivallabh, Janaki-Dashana, Janakivallabh Vaidehi, Janakipati, Sita, Bhutnaya, Purushottam, Bhumija, Janaka Nandini, Awadh, Janakatmaja Rampriya, Maithili, Mithilesh Kumari, Parashuram-Renukatmaja, Parashudhar, Yamadagni, Bhagava, Dasharathanandan, Raghava, Trisirari, Raghava |
1. रामचन्द्र (Ramachandra)
2. सियाराम (Siya Ram)
3. अयोध्यापति (Ayodhyapati)
4. दाशरथि (Dasharathi)
5. रघुबर (Raghubar)
6. रघुपति (Raghupati)
7. रघुराज (Raghuraj)
8. रघुनाथ (Raghunath)
9. राघव (Raghav)
10. रघुनन्दन (Raghunandan)
11. रघुराय (Raghuraya)
12. सीतापति (Sitapati)
13. खरारि (Kharari)
14. रावणारि (Ravanari)
15. कौशल्यानंदन (Kaushalyanandan)
16. अवधेश (Avadesh)
17. दशरथात्मज (Dasharathatmaja)
18. कौशल्यानन्दन (Kaushalyanandan)
19. जानकीश (Janakish)
20. सीतानाथ (Sitānāth)
21. जानकीवल्लभ (Janakivallabh)
22. दशाननारि (Dashananari)
23. रघुनंदन (Raghunandan)
24. जानकी – जानकी (Janaki – Janaki)
25. वैदेही (Vaidehi)
26. जानकीपति (Janakipati)
27. सीता (Sita)
28. भूतनया (Bhutnaya)
29. पुरुषोत्तम (Purushottam)
30. भूमिजा (Bhumija)
31. जनक नन्दिनी (Janak Nandini)
32. अवध (Avadh)
33. जनकात्मजा (Janakatmaja)
34. रामप्रिया (Ramapriya)
35. मैथिली (Maithili)
36. मिथिलेश कुमारी (Mithilesh Kumari)
37. परशुराम – रेणुकात्मज (Parashuram – Renukātmaja)
38. परशुधर (Parashudhar)
39. यामदग्नि (Yamadagni)
40. भागव (Bhagav)
41. दशरथनंदन (Dasharathnandan)
42. राघव (Raghav)
43. त्रिसिरारि (Trisirari)
44. राघवेन्द्र (Raghavendra)
45. मिथिलेश कुमारी (Mithilesh Kumari)
राम राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे । जिन्हें राम नाम दिया गया था । इसके अलावा राम वे ही है जिन्होने रावण का अंत किया और 14 वर्षो का वनवास किया था । इस राम शब्द का अर्थ यही है की जो मनुष्य के रोम रोम मे बसा रहता है या हृदय मे वास रहता है वह राम है । मगर इसे एक शब्द मे अर्थ भिन्न प्रकार के हो सकते है जैसे –
ग्रंथो की बात के अनुसार हर देव के जन्म के बारे मे सटिक धारणा नही मिलती है क्योकी जन्म के बारे मे अलग अलग बात बाताई जाती है । ठिक उसी तरह से राम के बारे मे भी यही धारण है क्योकी इनके जन्म के बारे मे ऐसी धारणा बताई जाती है की राम का जन्म कब व कैसे हुआ । मगर वाल्मीकि ने जो रामायण लिखी है उसमे बताया गया है की प्रभु श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था ।
क्योकी देवताओ का जन्म कोई साधारण जन्म तो होता नही है वे कुछ अलग तरह से जन्म लेते है जिन्हे हम उत्पत्ति कहते है । क्योकी राम भी एक देव थे तो उनका जन्म भी माता के गर्भ से नही हुआ था ।
राम ने दशरथ के पुत्र और कौशल्या के पुत्र के रूप मे जन्म लिया था । बताया जाता है की दशरथ ने पुत्र प्राप्त के लिए एक बहुत बडा यज्ञ किया था । यह यज्ञ इतना बडा था की इसमे दशरथ ने विभिन्न पंडितो और साधुओ व राजाओ को बुलवाया । जब ये सभी आ गए तब राजा दशरथ ने यज्ञ शुरू करवाया । इन सभी पंडितो और ब्रहामणो व साधुओ ने यज्ञ को बडे जोरो शोरो से किया ।
इस यज्ञ मे दशरथ ने खीर बनवाई थी मगर यह खीर कोई साधारण खीर नही थी बल्की इनका सेवन उनकी रानियो के द्वारा किया गया जिसके कारण से रानी के गर्भ मे बच्चे का प्रवेश हो चुका था । दशरथ की तीनो रानियो के गर्भ से बच्चे का जन्म हुआ था मगर दशरथ की तीन रानियो मे से सबसे पहले राम का जन्म हुआ जो की कौशल्या के गर्भ से उत्पन्न हुआ था ।
क्योकी यह दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी का दिन था जिसके कारण से राम का जन्म इसी दिन मनाया जाता है । इस तरह से प्रभु श्री राम जी का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था ।
राम के 14 वर्षो के वनवास के पिछे का भी अलग अलग कारण बताया जाता है क्योकी वनवास मिला तभी वे रावण का अंत कर सके । साथ ही बताया जाता है की 14 वर्ष प्रभु श्री राम के शेष थे यानि इन वर्षो के बाद में प्रभु श्री राम का अंत होने वाला था । साथ ही बताया जाता है की अगर इससे पहले प्रभु श्री राम अपने राजपठ के चलते हुए राजा बनते है तो उनका पुरा कुल नास हो सकता है । यह बात कोई और नही जानती थी बल्की जो राजा दशरथ की सबसे प्रिय रानी कैकयी थी ।
प्रभु राम को अपनी माता से भी ज्यादा कैकयी प्रेम करती थी मगर फिर भी कैकयी ने राम को वनवास भेज दिया क्योकी बताया जाता है की एक बार जब श्रवण कुमार अपने माता पिता के लिए पानी लेने के लिए जा रहा था तो दशरथ ने हिरन समझ कर श्रवण कुमार की हत्या कर दी थी तब दशरथ को कुल नाश का श्राप मिल गया था । यह बात जान कर कैकयी ने राम का जैसे ही विवाह हुआ तो उसे वनवास भेज दिया ।
कैकयी प्रभु राम से बहुत प्रम करती थी मगर उसे देवताओ ने बताया की राम का जन्म किस कारण से हुआ है साथ ही यह भी बताया की यह तभी संभव होगा जब राम अपने घर मे नही रहेगे । यह जानकारी देने के बाद मे देवताओ ने कैकयी को 14 वर्षो का वनवास भेजने को कहा । क्योकी देवताओ को यह भी पता था की कैकयी दशरथ की प्रिय रानी है जिसके कारण से वे इसकी बात को मान जाएगे ।
इस कारण से देवताओ ने यह बात कैकयी को बताई थी । यह बात जानने के बाद मे कैकयी ने मना किया मगर फिर उसे समझ मे आ गया था की रावण का अंत जरूरी है । यह जानने के बाद मे उसने दशरथ से वरदान के रूप मे राम के 14 वर्षो के वनवास की माग की । यह सुन कर दशरथ हिल गए क्योकी वे भी राम को बहुत प्रेम करते थे साथ ही कैकयी भी इतना प्रेम करती थी तो दशरथ ने सोचा की यह ऐसा क्यो माग रही है ।
जिसे सुन कर दशरथ नही मान रहे थे । मगर अब कैकयी अपनी जीद पर अड गई और कहने लगी की आपने मुझे वरदान देने का वचन दिया था तो अब यही मेरी माग है । एक बार दशरथ के प्राणो की रक्षा कैकयी ने की थी तभी उसे तीन वरदान देने को दशरथ ने कहा था । यह बात दशरथ को याद थी जिसके कारण से वह मना नही कर सकता था।
इस तरह से बडी कठिनता से उसने यह बात मानी और कैकयी ने 14 वर्षो के लिए राम को वनवास भेज दिया । क्योकी राम ज्ञानी थे जिसके कारण से उन्होने कैकयी को कभी बुरा नही माना और वे समझ गए की ऐसा किसी न किसी कारण से हो रहा है । जब रावण का अंत हुआ तब राम को समझ मे आ गया की मेरा 14 वर्षो का वनवास क्यो हुआ था ।
साथ ही तब राम को यह भी पता चल गया था की उसके वंश को श्राप दिया गया था और मेरी उम्र केवल 14 वर्ष है । क्योकी मेरा जन्म रावण के अंत के लिए था जो मुझे करना ही था मगर यह करने के लिए मुझे वनवास जाना भी जरूरी थी ।
इस तरह से हमने इस लेंख मे जाना की किस तरह से राम के हिंदी मे पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द होते है साथ ही राम शब्द का अर्थ क्या होता है और इसके वाक्य में प्रयोग क्या होते है साथ ही बहुत कुछ जाना । मगर विशेष रूप से पर्यायवाची ही थे ।
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