रानी का पर्यायवाची शब्द या रानी का सामनार्थी शब्द (rani ka paryayvachi shabd / rani ka samanarthi shabd) के बारे में आपको इस लेख में काफी अधिक विस्तार से जानने को मिलने वाला है । तो आप इस लेख को पूरा देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची या सामनार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
रानी | महरानी, क़्वीन, बेगम, महिषी, मालकिन, मल्लिका, राजपत्नी, बेग़म, राज्ञी, राजकुमारी, नृप वल्लभा, मलिका, पटरानी । |
रानी in Hindi | maharaanee, qveen, begam, mahishee, maalakin, mallika, raajapatnee, begam, raagyee, raajakumaaree, nrp vallabha, malika, pataraanee . |
रानी English | queen, rani, ranee, sovereign. |
दोस्तो रानी का अर्थ होता है राजा की पत्नी। जैसे की आपको मालूम है की हमारे भारत में अनेक तरह के राजा हुआ करते थे । और राजा जिस महिला से विवाह करता था वह उसकी पत्नी होती थी । हालाकी कहा जाता है की राजा की कई पत्निया होती थी । तो जो भी राजा की पत्नी होती थी उसे रानी कहा जाता था । और वर्तमान में भी रानी को राजा की पत्नी कहा जाता है ।
हालाकी रानी के अर्थ हो हम कई तरह से समझ सकते है जैसे –
झांसी की रानी का नाम जैसे ही हम सुनते है तो हमारे दिमाग में आ जाता है की वह रानी लक्ष्मीबाई है । क्योकी आज हर कोई रानी लक्ष्मीबाई के बारे में जानता है ।उनकी वीरता ओर बहादुरी का आज भी भारत दिवाना है । उन्होने अंग्रेजो से काफी मुकाबला किया था और अपने बच्चे के साथ होने पर भी पिछे नही हटी बल्की अपने बच्चे को पिठ पर बांध कर अंग्रेजो का सामना करती रही थी ।
अगर झांसी की रानी के जन्म की बात की जाए तो उनका जन्म 19 नवम्बर 1828 मणिकर्णिका ताम्बे में हुआ था । जीनकी मृत्यु केवल 29 वर्ष में 17-18th जून 1858 को हुई थी।
जिन्होने गंगाधर राव नेवालकर नामक राजा से विवाह किया था और उनकी मृत्यु के बाद में रानी पद के रूप में सिहासन संभाला था ।
इसके अलावा आपको यह भी मालूम होगा की उनको मनु नाम से भी बुला जाता था । दसल यह उनका बचपन का नाम था और सभी इसी नाम से उन्हे बुलाया करते थे । झांसी का युद्ध एक ऐसा युद्ध रहा था जहां पर केवल रानी लक्ष्मीबाई ही नही बल्की अन्य महिला भी युद्ध में भाग ले चुकी थी । दरसल यह युद्ध 1857 के समय में हुआ था और झांसी की रक्षा करने के लिए एक रानी के रूप में लक्ष्मीबाई ने महिलाओ को युद्ध कला सिखाई और युद्ध के लिए तैयार किया था ।
चितोड़ के राजा के रूप में रत्नसिंह को जाना जाता था जिनका विवाह पद्मिनी से हुआ था और फिर इसे रानी पद्मिनी के नाम से जाना जाने लगा था । यह एक राजपूताना रानी थी । जिनका जन्म पुगल गांव जैसलमेर में हुआ था । अगर कभी सुंदर रानी की बात होती है तो पद्मिनी का नाम भी आता है । क्योकी रानी काफी सुंदर भी दिखाई देती थी ।
इतिहास में रानी पद्मिनी के साथ जुड़ी गई एक घटना सुनने को मिलती है जो की रानी के जौहर के रूप मे जानी जाती है ।
क्योकी जैसा की आपको हमने बताया की रानी पद्मिनी काफी सुंदर थी और इसी सुदरता के कारण से एक बार सुल्तान अलाउद्दीन चिलजी जो की उस समय दिल्ली पर सासन किया करते थे उनकी बुरी नजर रानी पर पड़ी थी क्योकी रानी काफी खुबसुरत थी तो सुल्तान अलाउद्दीन चिलजी को रानी को हासिल करने की बुरी चाह हुई ।
जिसके कारण से उन्होने चितोड़ पर हमला कर दिया । ताकी सुल्तान अलाउद्दीन चिलजी चितोड़ के राजा को हरा कर रानि को हासिल कर ले । मगर रानि पद्मिनी भी किसी से कम नही थी बल्की वह अपनी आन बान बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी । और इस बात का पता रानी का जौहर की घटना से साफ पता चलता है । क्योकी रानी पद्मिनी को जब सुल्तान अलाउद्दीन चिलजी के बारे में पता चला तो उन्होन अपने आप की आन बान बचाने के लिए आग में कूद कर आत्महत्या कर ली ।
हालाकी इसे एक बलिदान के रूप में जाना जाता है और आज भी लोगो के मन में यह घटना बैठे हुई है और रानी पद्मिनी इसी बलिदान के कारण से काफी अधिक प्रसिद्ध बनी हुई है । हालाकी रानी पद्मिनी के बारे में जीतना भी बताया जाए वह कम ही रहेगा । क्योकी रानी पद्मिनी में अनेक तरह की विशेषताए थी ।
माहेश्र्वर को राजधानी बना कर जिसने शासन किया था भला उसे कोन भुल सकता है । बल्की यह अहिल्याबाई होल्कर थी जो की एक मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी के रूप मे आज भी जानी जाती है । इस रानी ने इतने इतने प्रसिद्ध कार्य किए है की आज भी हर कोई इनके बारे मे जानता है ।
और इसमे काफी महत्वपूर्ण बात यह थी की रानी अहिल्याबाई ने अनेक ऐसे प्रसिद्ध कार्य अपने राज्य की सीमामाओ से अलग किए थे । जिसके कारण से रानी अहिल्याबाई को केवल उनके राज्य में ही नही बल्की बाहर भी जाना जाने लगा था ।
दरसल रानी अहिल्याबाई ने अनेक मंदिर बनवाए, अनेक तीर्थों को बनाया अनेक कुओ का निमार्ण किया । जब कुओ की और कमी दिखी तो बावड़ियो को बनाया गया था और अनेक तरह के मार्ग बनाए थे । और यह काम पूरे भारत भर में करवाए थे । जिसके कारण से आज भी अहिल्याबाई रानी को सभी जानते है । आपको बता दे की इन्होने खण्डेराव से विवाह किया था ।
इसके साथ ही जहां पर इनका जन्म हुआ था वह स्थान चौंडी था । जो की आज महाराष्ट्र के एक जिले का छोटा सा गाव है ।
क्योकी उस समय विवाह के लिए 18 वर्ष की उम्र का कोई कानून नही था और इस बारे में आपको पता है । तो उस समय विवाह छोटी सी उम्र में ही कर दिया जाता था और उसी तरह से रानी अहिल्याबाई का विवाह भी छोटी सी उम्र में कर दिया था । जब उनका विवाह हुआ था तो उनकी उम्र 10 वर्ष ही थी ।
अगर हम इसी तरह से बताते रहेगे तो आप भारत की प्रसिद्ध रानियो के नाम तक को नही जान पाओगे । क्योकी रानी अहिल्याबाई के बारे मे जितना भी बताया जाएगा वह कम ही लगेगा । उनकी वीरता और उनके कार्यो के बारे में जीतना भी लिखा जाएगा वह कम होगा । और आप भीपढते पढते थक जाएगे । इस कारण से हम पहले भारत की प्रसिद्ध रानियो के नाम जान लेते है ।
आज हम जिस स्थान को मध्यप्रदेश के नाम से जानते है वही पर एक क्षेत्र है जिसे गोडवाना कहा जाता है वहां पर शासन करने वाली यह एक रानी है । और यही कारण है की इन्हे गोडवाना की रानी दुर्गावती कहा जाता है । जब उनका विवाह किया गया था तो उनके पति का नाम दलपत शाह था ।
अगर वर्तमान की स्ति्रयो की बात की जाए तो वे रानी दुर्गावती के आस पास तक नही पहुंच पाती है । क्योकी आज महिला कोकरोच तक से डर जाती है । और एक हमारी रानी दुर्गावती थी जो की चीते का शिकार करने का शोक रखती थी ।
आपको पता होगा की चीते का शिकार करना कोई आम बात नही है केवल आप इसी बात से पता लगा सकते हो की रानी कितनी बहादूर और युद्ध का अभ्यास रखती थी । हालाकी इतनी ताक्तवर होने के बाद भी इन्होने रानी बन कर अपने राज्य पर शासन नही किया था बल्की इन्होने अपने बेटे को राजा बनाया और स्वयं बेटे के पिछे रह कर राज्य को चलाने का काम करती थी ।
अगर आप आज भी गोडवाना में जाकर रानी दुर्गावती के में कुछ भी पुछोगे तो लोग बताने से पिछे नही हटने वाले है । क्योकी उस समय राज्या में इतना अधिक विकाश हुआ था की सभी के मन में रानी दुर्गावती का नाम बस गया था ।
अब हम रानी दुर्गावती के बारे में बस इतना ही जानेगे । क्योकी हमे भारत की दुसरी प्रसिद्ध रानी के बारे में भी जानना है ।
अगर आप महारानी ताराबाई के बारे में नही जानते है तो आपको मै भारत के एक प्रसिद्ध और बलवान राजा के बारे में बताता हूं जीना कनाम छत्रपति शिवाजी था । और आप इनके बारे में अच्छी तरह से जानते है ।
इनके पास एक व्यक्ति सरसेनापति के रूप में काम करता था जिनका नाम हंबीरराव मोहिते था । और अंबीरराव मोहिते जब शिवाजी जैसे एक युद्धा के साथ काम करते है तो आपको मालूम हो जाना चाहिए की उन्हे कितनी अच्छी तरह से युद्ध कला आती होगी होगी । अब आप कहोगे की हम तो महारानी ताराबई के बारे में जानने को आए थे और आप हो जो छत्रपति शिवाजी के बारे में बता रहे हो ।
तो दोस्तो आपको बता देते है की हम जीस सरसेनापति हंबीरराव मोहिते की बात कर रहे है उनकी ही बेटी यह महारानी ताराबाई है । तो आप इस बात से पता लगा सकते है की महारानी ताराबाई कितनी ताक्तवर और युद्ध कला लिए हुए हो सकती है ।
अगर अब भी आप महारानी ताराबाई को नही जानते है तो आपने कभी न कभी ताराबाई भोंसले का नाम सुना होगा । यह असल में महारानी ताराबाई का पुरा नाम है । अगर हमने छत्रपति शिवाजी की बात की है तो यह भी जाहिर होगा की उनका संबंध किसीन किसी तरह से महारानी ताराबाई से जरूर होगा । और ऐसा है क्योकी शिवाजी का जो छोटा पुत्र था जिसका नाम राजाराम था उनके साथ हीताराबाई भोसले का विवा हुआ था ।
अब आपको उनके बारे मे अधिक बताने की जरूरत नही है क्योकी आपको पता चल गया होगा की रानी ताराबाई कितनी ताक्तवर हो सकती है । क्योकी वह शिवाजी के बेटे की पत्नी है और शिवाजी की सेना का सेनापति जो है उसकी बेटी थी ।
इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में प्रसिद्ध रानियो के बारे में जाना है । मगर हमारा विशेष टॉपिक रानी शब्द के पर्यायवाची शब्दो का था । तो आप एक बार फिर से उन्हे रिपिट कर ले ताकी आपको अच्छी तरह से याद हो जाए ।
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