साधु का पर्यायवाची शब्द या साधु का समानार्थी शब्द (sadhu ka paryayvachi shabd ya sadhu samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । अगर आप भी यह जानना चाहते है की साधु के पर्यायवाची क्या है तो आपको बता दे की इतनी अधिक जानकारी आपको कही नही देखने को मिलेगी । और इस यहां पर साधु के पर्यायवाची के बारे में जानने पर आपको साधु के बारे में अच्छी जानकारी हासिल हो जाएगी ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
साधु | सज्जन, महात्मा, योगी, वैरागी, तपस्वी, संत, कुलीन, सभ्य, मुनि, संन्यासी, भद्र, सिद्ध पुरुष, शिष्ट, साधक , सिद्ध, भिक्षु । |
साधु in Hindi | sajjan, mahaatma, yogee, vairaagee, tapasvee, sant, kuleen, sabhy, muni, sannyaasee, bhadr, siddh purush, shisht, saadhak , siddh, bhikshu . |
साधु in English | saint, anchoret, anchorite, Dominican, fakir, righteous |
दोस्तो साधु का अर्थ होता है अच्छा, भला। इसके अलावा यह भी कहा जा सकता है की साधु एक सज्जन व्यक्ति होता है । यानि एक ऐसा व्यक्ति जो की दीक्षा लेकर गेरुए वस्त्र धारण कर लेते है तो उन लोगो को साधू कहा जाता है । मगर साधु वही है जो की अच्छा और नेक आदमी है कहने का अर्थ है सज्जन व्यक्ति साधू होता है ।
लगता है मित्र आप समझ नही पा रहे है और इसका कारण यही है की साधू को अनेक तरह से परिभाषित किया जाता है । जिसके कारण से इसके अर्थ को समझना कठिन हो जाता है ।
तो आइए जानते है संक्षिप्त में साधु का अर्थ क्या हो सकता है
तो इस तरह से दोस्तो आपने देखा है की साधु का एक अर्थ नही होता है बल्की साधु के अनेक अर्थ होते है । और आपको बता दे की सभी एक एक अर्थ का अपना महत्व होता है । क्योकी इन अर्थों से साधू को समझना आसान हो जाता है ।
दोस्तो आपको बता दे की साधु के अनेक तरह के अर्थ होते है । या फिर यह कह सकते है की साधु को अनेक तरह से समझाया जा सकता है । हम यह भी कह सकते है की जो तप करता है वह साधु होता है और यह भी कह सकते है की जो सन्यास ले चुका है वह साधु होता है । तो ऐसा कहने का मलतब यही है की साधु का अर्थ अनेक तरह से होता है और उनके बारे में हमने उपर बात की है ।
वैसे आपको बता दे की साधु वह है जो सज्जन होता है । इसका मतलब है की जो व्यक्ति इस समाज में सज्जन के रूप में जान जाते है या फिर ऐसे कुछ कार्य करते है जिसके कारण से उन्हे सज्जन कहा जाता है तो ऐसे व्यक्ति को ही साधू कहा जाता है । कहते है की जो साधू होते है वे वह सब कुछ करते है जो की उन्हे करना चाहिए और किसी का बुरा तक नही सोचते है और यह सब एक सज्जन व्यक्ति की निशानी होती है अत सज्जन व्यक्ति ही असल में साधू होता है ।
सज्जनों के बिना समाज बिखर जाएगा क्योकी अगर कोई सज्जन नही होगा तो दुनिया में चारो और बुरा ही बुरा होगा और आपको बता दे की आज के समय में महान पुरूषो का कहना है की “सज्जन समाज की नींव हैं।” और मेरे अनुसार यह बात सत्य भी होती है ।
क्योकी सज्जन जो होते है वे हमेशा दूसरो को अपने लिए नही बल्की अपने बिना किसी मतलब के महत्व देते है और उनको सम्मान देते हुए उनकी मदद भी करते है और यह सब सज्जन के ही गुण होते है । सज्जन व्यक्ति हमेशा ईमानदार रहता है और कभी भी किसी के साथ बेईमानी का काम नही करते है और यह बात आपको पता होनी चाहिए ।
आध्यात्मिक ज्ञान की बात की जाए तो कुछ सज्जन ऐसे होते है जिनके पास अच्छा आध्यात्मिक ज्ञान होता है और वे अपने इसी ज्ञान के कारण से साधू में भी श्रेष्ठ बने हुए है । और कहते है की एक साधू के पास आध्यात्मिक ज्ञान का होना बहुत ही जरूरी है और जिस किसी साधू के पास आध्यात्मिक ज्ञान होता है वही असल में दूसरो को शिक्षा दे सकता है ।
सन्यासी वह होता है जो की सन्यास ले चुका है । जैसे की आपको पता होगा की कुछ लोग ऐसे होते है जो की अपने घर से पूरी तरह से रिश्ता तोड़ लेते है और इस संसार की मोह माया से दूर होकर सन्यास मे अपना जीवन जीते है तो ऐसे व्यक्ति को सन्यासी कहते है ।
कहते है की सन्यासी के पास एक अलग ही तरह का विचार होता है और अपने इसी विचार के कारण से वह आज इस समाज में जाना जाता है । वैसे इस बात को सच में स्वीकार करना चाहिए । क्योकी सन्यासी के पास जो विचार होते है वे काफी मुल्यवान होते है हालाकी इन्हे समझने वाला चाहिए । आपको बता दे की सन्यासी जो होते है वे ही असल में साधू होते है ।
क्योकी इन्होने यह अच्छी तरह से सिख लिया है की दुनिया में किस तरह से आगे बढा जाए और किस तरह से इस दुनिया में हमारा जन्म हुआ है । मतलब यह है की सन्यासी इस भौतिक दुनिया से परे देखने में सक्षम होते जा रहे है जो की एक साधू के होने का गूण होता है । अत सन्यासी साधु होता है ।
संत एक ऐसा नाम है जो की काफी पवित्र माना जाता है । आपको बता दे की संत को आज के समजा में काफी बुद्धिमान माना जाता है और यह भी कहा जाता है की जो संत होते है वे असल में एक साधू ही होते है । आपको बता दे की संत का जो जीवन होता है वह अनुभव और ज्ञान से पूरी तरह से भरा हुआ है और यह बात आपको पता होनी चाहिए ।
संत दान और निःस्वार्थ जीवन जीने के कारण से ही उन्हे साधू कहा जाता है और भी संत में ऐसे काफी सारे गूण होते है जिनके कारण से उन्हे साधू बनाया जाता है ।
आपको बता दे की इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे भारत में ही नही बल्की अन्य देशो में भी संतो की पूजा की जाती है और लोगो का मानना है की संत के पास जो ज्ञान होता है वह हमारे पास नही है और यही कारण है की उनकी पूजा की जाती है । संत के अगर कभी भाषण को आप सुनते हो तो आपको देखने को मिलेगा की जो संत लोगो का जीवन होता है वह काफी अलग होता है और वे अपने जीवन में कुछ अलग करने की कोशिश करते है ।
आपको बता दे की संत लोग हमेशा ज्ञान देते रहते है और हमेशा दुसरो से प्रेम करने के बारे में बताते है । संत लोगो का कहना है की जो व्यक्ति हमारा पड़ोसी होता है उससे हमे हमेशा प्रेम करना चाहिए न की उसे गालिया देनी चाहिए और यही असल में संत को अन्य से अलग बनाता है ।
आपको बता दे की यह सभी कुछ ऐसे गुण होते है जो की एक साधू के अंदर होते है और यही कारण है की संत को साधू कहा जाता है आपको बता दे की संत लोग हमेशा साधू के रूप में जाना जाता है और यह आपको पता होना चाहिए ।
ऋषि मुनि के बारे में आपने सुना होगा आपको बता दे की इनके अंदर जो गुण होते है उनके कारण से इन्हे एक साधु के रूप में जाना जाता है । आपकेा बता दे की ऋषि मुनि के पास एक अच्छी बुद्धि होती है और यह जो बुद्धि होती है वह हमारे साधू से भी कई गुणा अधिक होती है मगर इसका मतलब यह नही है की इन्हे साधू नही कहा जा सकता है ।
बल्की इन्हे साधू कहा जाता है और यह आपको पता होना चाहिए । ऋषि मुनि के पास ज्ञान और समझ है जो की हमसे पूरी तरह से अलग होती है और यही कारण है की उन्हे असल जीवन में अद्वितीय बना देती है ।
इसके अलावा आपको बता दे की ऋषि मुनि जो होते है वे काफी अधिक धैर्यवान होते है और उनके धैर्य को अक्षर देखने को मिल जाता है और यही कारण होता है की उन्हे साधू कहा जाता है । क्योकी इसी तरह से साधू होते है ।
और यह हमारा नही बल्की बहुत से ज्ञानि लोगो का भी कहना है की यह जो ऋषि मुनि होते है वे ही असली साधु होते है ।
तपस्वी ही असली साधु हैं क्योकी जो तपस्वी होते है जो की तपस्या करने के रूप में जाने जाते है । आपको बता दे की बहुत सारे तपस्वी ऐसे है जो की भगवान के नाम को याद रख कर उनकी तपस्या करते है और इसी तरह से साधू होते है ।
तपस्वियों को जीवन कोई साधारण जीवन नही होता है बल्की उनके जीवन में काफी गहरी समझ होती है उनके पास ऐसा ज्ञान होता है जिसके कारण से वे यह जान जाते है की उनका जन्म आखिर इस धरती पर किस कारण से हुआ है । और आपको बता दे की हम जिस दुनिया और शरीर को अपना मान रहे है असल में वे तपस्वियों का मानना नही होता है ।
बल्की तपस्वियों का मानना है की यह सब भौतिक दुनिया है और इसके अंदर हमारा कुछ नही है बल्की इसके बहार जो है वह हमारा है और उसी को प्राप्त करने के लिए तपस्वी मेहनत पर मेहनत करते जा रहे है और इस तरह से तपस्वी होते है जो की अपने आप को अन्यो से अलग मानते है और यह आपको पता होना चाहिए ।
इस तरह से जो लोग आज जीवन में तपस्या कर रहे है वे तपस्वी है और यह तपस्वी ही असली साधु होते है ।
इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में तपस्वी शब्द के पर्यायवाची शब्द और समानार्थी शब्द के बारे में एक अच्छी जानकारी हासिल की है । आशा है कीलेख आपको पसंद आया होगा ।
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