समास का विलोम शब्द क्या होगा ?samas ka vilom shabd
समास का विलोम शब्द या समास समास का विलोम शब्द, समास का उल्टा क्या होता है ? samas ka vilom shabd samas ka vilom shabd kya hoga
शब्द | विलोम शब्द |
समास | व्यास |
samas | Vyaas |
समासका विलोम शब्द क्या होगा ? samas ka vilom shabd
दोस्तों यदि हम समास के विलोम शब्द की बात करें तो इसका विलोम शब्द होता है व्यास । और यदि हम समास के मतलब की बात करें तो इसका अर्थ होता है योग मेल संचय और संग्रह । दोस्तों वैसे आपको बातदें कि समास शब्द का प्रयोग हिंदी व्याकरण मे किया जाता है। मतलब दो या दो से अधिक शब्दों को सार्थक शब्द बनाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। और आप समझ सकते हैं।दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।जैसे रसोई के लिए घर तो इसको हम रसोईघर के नाम से जानते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
अव्ययीभाव समास २- तत्पुरुष समास ३- बहुव्रीहि समास ४- द्वंद्व समास आदि समास के भेद होते हैं। यदि आपने हिंदी व्याकरण के बारे मे पढ़ा ही होगा तो उसके अंदर समास तो आए ही होंगे । इसके बारे मे आप जानते ही हैं। और उनमे से आपने कुछ सीखा भी होगा ।
अव्ययीभाव समास में अव्ययीभाव का शाब्दिक अर्थ होता होता है। और इसके अंदर पूर्वपद प्रधान होता है।इसमें पहला पद उपसर्ग होता है जोकि प्रधान होता है। जैसे प्रत्येक मनमाना और भरपेट । इस समास के उदाहरण होते हैं।
तत्पुरुष समास में पूर्व पद गौण और उत्तर पद प्रधान होता है और इसके अंदर पहला पद संज्ञा या फिर विशेषण होता है। और यदि हम तत्पुरूष समास के भेद की बात करें तो इसके तीन भेद होते हैं। कर्मधारिय ,तत्पुरुष और द्धिगू समास ।
द्वंद्व समास में पूर्व और उत्तर दोनों पद प्रधान होते हैं | द्वंद्व समास के कुल तीन भेद हैं इतरेतर द्वंद्व समाहार द्वंद्व वैकल्पिक द्वंद्व
इस समास के अंदर दो शब्द होते हैं जोकि आमतौर पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं। लेकिन इनको अलग अलग किया जा सकता है। उसके बाद भी इनका समुचित अर्थ निकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे दिन रात यह दोनों दो शब्द हैं। इसी प्रकार से लेनदेन यह सब द्वंद्व समास के उदाहरण होते हैं। जैसे राधा कृष्ण आदि इसके अंदर आते हैं। तो अबकी बार यदि परीक्षा के अंदर इस तरह के शब्द आते हैं तो आपको समझ जाना चाहिए कि द्धंद्धव समास है।
बहुव्रीहि समास के अंदर समास मे आए पद को छोड़कर अन्य कोई पद प्रदान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। इसके कई सारे उदाहरण हम आपको बता सकते हैं। जैसे कि लम्बोदर मे लंबा है उदर जिसका इसको अलग नाम से बोला जाता है।दशानन का मतलब होता है दश हैं सिर जिसके । बहुव्रीहि समास के इसके अलावा भी बहुत सारे उदाहरण होते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और यदि यह समास के बारे मे आप जानते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं । आप इस बात को समझ सकते हैं।
व्यास का अर्थ और मतलब
दोस्तों यदि हम व्यास के अर्थ की बात करें । तो यह आमतौर पर कई अर्थों को प्रकट करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि एक महान ऋषि, साधु, जो महाभारत, पृथक्करण, प्रसार आदि होता है। दोस्तों साधु को भी व्यास के नाम से जानते हैं। साधु के बारे मे आप जानते ही हैं। वैसे अधिकतर लोग साधु को बदनाम करने की कोशिश करते हैं उनको लगता है कि साधु ढोंगी होते हैं लेकिन यह हकीकत नहीं है। सारे साधु एक जैसे नहीं होते हैं। एक सच्चा साधु बनना भी इतना आसान काम नहीं होता है। और साधु आपके डॉक्टर की तरह नहीं होते हैं कि महंगे महंगे दवा लिखकर देते हैं। और खूब लूटते हैं ।
यदि सच्चा साधु कुछ बोल देता है तो वह सच्च होती है। सच्चा साधु झूठ नहीं बोलते हैं यह आपके एक्टर की तरह नहीं होते हैं जो पर्दे पर प्यार के लिए जान देने वाले बन जाते हैं और रियल मे रोज नई औरतों के साथ घूमते नजर आते हैं। लेकिन आजकल सच का जमाना ही नहीं रहा है। लोग उनके जैसे ही हो चुके हैं।
जो इंसान बुरा है वह बुराई को देखना ही पसंद करेगा । यदि आप अच्छाई उनको बताएंगे तो फिर वह काम नहीं करेगा । इसलिए तो गीता के अंदर कहा गया है कि गीता को भी वही समझ सकता है जिसके अंदर समझने की योग्यता हो जिसके अंदर समझने की योग्यता नहीं है। उसके सामने आप इसका बखान करेंगे तो कोई भी फायदा नहीं होने वाला आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। और यही आपके लिए सही भी होगा । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । आपको बतादें कि साधु एक उच्च कोटी का योगी भी होता है। जोकि बहुत कुछ कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
योग और भोग एक साथ नहीं हो सकते हैं। साधुओं को बुरे बताने वाले लोग बस भोगी होते हैं। हर चीज को भोगने मे ही अपना पूरा जीवन लगा देते हैं और जब मौत करीब आती है। तो उसके बाद काफी डरने लग जाते हैं उनको अपने पाप कर्म याद आने लग जाते हैं।
लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। और कुछ भी नहीं किया जा सकता है। यह जीवन मिला है तो उसको सही कामों के अंदर आपको लगाना चाहिए । यदि आप इसको बुरें कामों के अंदर आप लगाते हैं तो यह आपकेा बुरा ही फल देगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
इसलिए सदैव अच्छे कर्मों पर आपको ध्यान देना चाहिए और बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए । इसी के अंदर आपकी भलाई है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
साधु के वेश मे कई चोर भी छुपे हुए रहतें हैं जोकि साधुओं को बदनाम करते हैं उनसे आप बचके रहना । जिस करत है एक आम खराब हो जाता है तो सभी को नहीं फेंका जा सकता है। उसी प्रकार से कुछ ढोगी साधु बन जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि सब खराब ही हैं।