समीप का पर्यायवाची शब्द या समीप का समानार्थी शब्द (samip ka paryayvachi shabd / samip ka samanarthi shabd) कें बारे में इस लेख में जानेगे इसके अलावा हम समीप का अर्थ क्या होता है और समीप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जानेगे तो लेख को देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
समीप | पास, निकट, नज़दीक, अनतिदूर, सन्निकट, अदूर, घनिष्ट, पड़ोसी, पास का, बग़लवाला, अंतरंग, अभिन्न, मुंहबंद, अतिपाश्र्व, अध्यास, नेरे, पाश्र्र्व, आसन्न, उपकंठ, समर्याद, अन्तिक, अमित, सनीड, तट, दिग, अभ्यास, सविध, अभ्यग्र, अभ्यण, सवेश । |
समीप in Hindi | paas, nikat, anatidoor, adoor, ati paarshv, abhyaas, nere, paashrrv, aasann, upakanth, samaryaad, antik, amit, saneed, tat, sannikat, dig, abhyaas, savidh, abhyagr, abhyan, savesh. |
समीप in English | Near, close, nigh, nearby, adjoining, neighboring, proximate, neighbor, eighbour, adverb, aboard, a nigh, contiguous, nearish, toward. ================ And ================= near, a nigh, nigh, snug, With, to, next to, by, on, towards, , alongside of, past, around, nearby, nigh, proximate, close, nearby, adjoining, neighboring, nearby, neighbor, neighboring, similar, identical, equal, like, alike, near, next-door, near, circumjacent, circumambient, near, close, closely, nearby, nigh, short, side by side, thereabouts, thereabout, nearby. |
समीप शब्द का प्रयोग ऐसी जगहो पर होता है जाहां पर कोई व्यक्ति पास या निकट रहता हो । इस कारण से कहा जा सकता है की समीप का अर्थ निकट रहना है । अगर समीप शब्द के अर्थ को एक शब्द में बताए तो होगे –
इस तरह से समीप का अर्थ वही होता है जो समीप का पर्यायवाची शब्द है । और इस शब्द का वहां पर प्रयोग होता है जहां पर कोई निकट या समीप रहता हो । जिस तरह से राहुल अपनी मां के समीप है । यहां पर निकट की जगह निकट भी कहा जा सकता है ।
दोस्तो हमारे आस पास के लोगो के कारण से हम अकेला महसुस नही करते है और दूसरो के साथ बाते कर कर कुछ समय गुजार लेते है । इस तरह से आस पास के लोगो के साथ अच्छा मेल जोड रहता है । मगर इस तरह का सबसे अधिक प्रभाव गावो में देखने को मिलता है । यानि जब गावों मे कोई पडोसी परेशानी में होता है तो उसका पडोसी उसकी मदद कर देता है ।
इस तरह से मदद करने के कारण से दोनो पडोसी में अच्छा समंबध बना रहता है । और यही कारण है की कुछ लोग अपने पडोसी को इतना समीप रखते है की उसे अपने घर का ही सदस्य मानते है । और जैसा घर के लोगो के साथ होता है वैसा ही व्यवाहर पडोसी के के साथ होता है ।
मगर यहां पर यह जानना जरूरी है की वह पडोसी आखिर कैसा है यानि वह हमारे पास रह कर हमे नुकसान तो नही पहुंचाएगा । इस तरह से जानने के बाद में उस पडोसी को अपने समीप रखना चाहिए । इसके बाद ही उसे अपने घर का एक सदस्य बनाना चाहिए ।
मगर यहां पर एक अच्छे पडोसी की बात होती है तो उसे इतना समीप तो रखना ही चाहिए जितना अन्य कोई न हो । यानि जितना कोई दूसरा अन्य व्यक्ति न हो । क्योकी पडोसी, व्यक्ति के दिन और रात में सहयोगी बनने वाला होता है ।
जिस तरह से अगर किसी व्यक्ति को रात में बिमारी हो जाती है तो उसका पडोसी ही उसमी मदद कर सकता है कोई दूर रहने वाला व्यक्ति उसकी मदद नही कर सकता है । इस कारण से कहा जाता है की समीप उसे ही रखना चाहिए जो सच्चा और अच्छा हो । और उसका दुख और सुखो मे साथ देना चाहिए ।
चाहे फिर बिच मे कितने भी झगडे क्यो न हो जाए दुखो में उसकी साहयता जरूर करनी चाहिए और खुशी में उसके साथ खुश भी होना चाहिए । इस तरह से समीप अपने पडोसी को रखना भी जरूरी है ।
दोस्तो समीप वही व्यक्ति होता है जो आपको महत्व देता है आपकी फिकर करता है । क्योकी आपसे जलने वाला व्यक्ति कभी भी समीप नही रह सकता है । इस कारण से आपका भी फर्ज बनता है की अपने समीप रहने वाले व्यक्ति की सहायता करे ।
इस लिए उस समीप व्यक्ति के बारे में जितना हो सके उतना अधिक जानना जरूरी है । और फिर जब भी लगे की यहां पर उस समीप व्यक्ति को मेरी जरूरी है तो उसकी सहायता कर देनी चाहिए । फिर वह पैसे देकर ही समीप की सहायता हो या हाथ बटा कर । एक अच्छे समीप रहने वाले व्यक्ति की साहयता करने के लिए निम्न तरीके अपना सकते है –
दोस्तो आपने दोस्तो को तो देखा होगा मगर आपने कभी यह जानने की कोशिश की है की आपका दोस्त आपके कितना नजदीक रहता है यानि कितना समीप है । क्योकी दोस्त तो वही होता है जो आपके समीप होता है । और जो समीप रहता है उसके जितना बडा दोस्त हो भी कोई नही सकता है । आखिर इस तरह के दोस्तो को पहचाना कैसे जाए की कौन कितना समीप है ।
इसके तरीको के बारे में जानने से पहले आपको अपने दोस्तो के व्यवाहर के बारे में जानना होगा की किस दोस्त का आपके प्रति किस तरह का व्यवाहर है इस तरह से दो प्रकार के दोस्त मान सकते है पहला असमीप या दूर रहने वाला दोस्त और दूसरा समीप रहने वाला या पक्का दोस्त ।
अगर आपका दोस्त अपनी जरूरत के समय ही याद करता है और अपनी जरूरत पूरी हो जाने के बाद में आपसे लंबे समय तक बात नही करता है तो इस तरह के दोस्त कभी भी आपके समीप नही रहते है बल्की वे आपके नजदीक होने का नाटक रकते है ।
हकिकत तो यह रहती है की इस तरह के दोस्त मतलबी होते है जो मतलब के समय आपके पास आते है और मतलब पूरा हो जाने के बाद में चाहे आपका कुछ भी हो उन्हे फिकर भी नही होती है ।
इस तरह के दोस्तो को पहचानने के लक्षण
दोस्तो इस तरह के दोस्त वे होते है जिन्हे हम कई बार किसी कार्य के लिए बुलाते है मरग वे कहते है की आएगे आएगे । और कभी कहते है की भाई आज तो समय नही मिला । इस तरह से बहाने बाजी बना कर आपके कई बार बुलाने पर भी नही आते है इस तरह के दोस्तो को आप दोस्त तो कह सकते हो मगर असमीप वाले दोस्त कहते हो । क्योकी समीप तो हमेशा ही नजदीक होता है ।
दोस्तो, एक दोस्त का विवाह दूसरे दोस्त के लिए बडा महत्व का दिन होता है क्योकी वह उसके दोस्त यानि भाई समान दोस्त का विवाह है और इस विवाह में हर दोस्त को समय से पहले ही जाना चाहिए ।
मगर कुछ दोस्त ऐसे होते है जो खाने के समय आ जाते है और कहते है की भाई आज तो कोई काम हो गया वरना मैं कल ही आ जाता । तो बता दू की ऐसे दोस्त केवल दिखावटी दोस्त हो सकते है । क्योकी ये समीप वाले दोस्त नही होते क्योकी एक समीप दोस्त को एक बार कहने मात्र आ जाता है ।
समीप रहने वाले दोस्तो को आसानी से पहचाना जा सकता है । इनमे से कुछ लक्षण हो सकते है यानि निम्न कारणो से पहचान सकते है ।
दोस्तो, एक सच्चा और समीप दोस्त वही होता है जो आपके बारे में हर वक्त की खबर रखता है यानि आपके बारे में जानकारी रखता है की अब आप किस हाल में हो । इस तरह के दोस्तो को समीप के दोस्त कहा जाता है जिन्हे नजदीकी दोस्त भी कहा जाता है ।
दोस्तो, एक ऐसा दोस्त जो आपके न कहने पर भी आपके दूखो में सहायता करता है और आपके सुखो में खुश होता है । इस तरह के दोस्त को एक समीप वाला दोस्त कहा जाता है जिसे पक्का दोस्त कहते है ।
दोस्तो संसार में ऐसा कोई नही है जिसे काम न हो मगर दोस्त तो वही होता है जो आपके विवाह में कम से कम दो दिन पहले तो आए और आपके विवाह में सबसे अधिक हाथ बटाए । क्योकी दोस्त वही है जो आपकी साहयता करे और विवाह में साहयता करना और आन्नद उठाने वाला दोस्त ही समीप का दोस्त होता है ।
दोस्तो इस तरह से हमने इस लेंख में समीप का पर्यायवाची शब्द के बारे में जान लिया है साथ ही हमने यह जान लिया है की समीप का अर्थ क्या होता है और इसका कैसे वाक्य में प्रयोग होता है । इसके अलावा समीप शब्द के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल की है ।
उमीद करता हू लेंख पसंद आया होगा ।
दोस्तों हम बात कर रहे हैं घर मे चारपाई के टूटने के बारे मे ।…
मौत तो हर घर मे होती है। और जो इंसान मर जाता है , वह…
Mota ka vilom shabd मोटा का विलोम शब्द, मोटा शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मोटा का उल्टा mota…
नफ़रत का विलोम शब्द या नफ़रत का विलोम , नफ़रत का उल्टा क्या होता है…
दिवस का विलोम शब्द या दिवस का विलोम , दिवस का क्या होता है ? divas ka…
सदाचारी का विलोम शब्द या सदाचारी का विलोम , सदाचारी का क्या होता है ? sadachari ka…