समुद्र का पर्यायवाची शब्द या समुद्र का समानार्थी शब्द (samudra ka paryayvachi shabd / samudra ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम जानेगे इसके साथ ही हम समुद्र से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी के बारे में चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
समुद्र | सागर, सिन्धु, जलघि, पारावार, अमूतोद्भव, सरस्त्रान्, अब्धि, वारिधि, अर्णव, उदघि, रत्नाकर, जलघाम, अकूपार, अदनवत, पयोनिधि, नदीश, नीरनिधि, सरत्पिति, वारीश, पयोघि । |
समुद्र in Hindi | saagar, sindhu, jalaghi, paaraavaar, amootodbhav, sarastraan, abdhi, vaaridhi, arnav, udaghi, ratnaakar, jalaghaam, akoopaar, adanavat, payonidhi, nadeesh, neeranidhi, saratpiti, vaareesh, payoghi . |
समुद्र in english | sea, ocean, water, deep, mare, pond. |
हिदी भाषा में समुद्र के अर्थो को निम्न प्रकार से देख सकते है
वह जलराशी जो की पृथ्वी के कुल तीन चतुर्थांश हिस्से में फैली हुई है समुद्र कहा जाता है । पृथ्वी का वह भाग जो की 70 प्रतिशत पानी का बना होता है वही समुद्र होते है ।
अकसर आप लोगो ने देखा होगा की विभिन्न तरह के पहाडो पर बर्फ के रूप में पानी रहता है और जब ये पहाड ताप के कारण से नष्ट होने लग जाते है तो इनमे से पानी निकल कर बाहर आता है और यह पानी बहता हुए एक ऐसे स्थान पर जाकर रूकता है जो की काफी अधिक बडा होता है और इसमें अधिक मात्रा में पानी भरा रहता है । देखने मे दूर दूर तक पानी ही नजर आता है । इस तरह की जलराशी को समुद्र कहा जाता है ।
आपको बता दे की समुद्र पृथ्वी पर विभिन्न तरह की क्रियोओ को नियमीत करते है । और ऐसा बताया जाता है की इसमे 2 लाख से भी अधिक जीवो की प्रजातिया रहती है । अक्सर आपने समुद्र मे मछली के बारे मे सुना होगा और ऐसे ही बहुत सारे जीव रहते है । यहां तक की यह भी माना जाता है की समुद्र से ही सबसे पहले जीवो की उत्पत्ति हुई थी ।
दोस्तो यह तो सभी को मालूम है की जब पृथ्वी का जन्म हुआ था तो यह एक आग के समान तप रही थी । जिसके कारण से पानी होने का कोई नामोनिशान तक नही है । मगर वैज्ञानिको ने अनुमान लगाते हुए कहा है की जब पृथ्वी तप रही थी तो इसमे से विभिन्न तरह की गैसे निकल रही थी और ये गैसे बादल के रूप में बदले लगी थी ।
धिरे धिरे समय के साथ जब गैसे और अधिक निकली तो बादल भारी बन गए और वर्षा होने लगी थी । जिसके कारण से पृथ्वी पानी के सम्पर्क में आकर ठंडी हो रही थी और हाईड्रोजन जैसी गेसे छोड रही थी जो उपर जाकर वापस बादल के रूप में बनती जा रही थी । इस तरह से पृथ्वी पर लगातार वर्षा होते रहने के कारण से पृथ्वी ठंडी हो गई थी ।
मगर जब पृथ्वी का निर्माण हुआ तो सभी स्थान एक जैसे नही थे यानि कही उचाई थी और कही खड्ढे पडे थे और इस तरह से वर्षा हो रही थी । जिसके कारण से ये गड्ढे पानी से भरने लगे थे । इस तरह से कई करोडो वर्ष बित जाने के बाद में ये गड्ढे पूरी तरह से भर गए थे जो की वर्तमान में समूद्र के नाम से जाने जाते है ।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की वर्तमान में भी समुद्र की उत्पत्ति जारी है क्योकी जब समुद्र का पानी वाष्प के रूप में आसमान मे जा रहा है तो उसे कम होना चाहिए मगर पानी उतना का उतना ही है । इसके पिछे का कारण समुद्र में अन्य नदियो का पानी मिल रहा है ।
क्योकी वर्तमान में अनेक बर्फीले पहाड है जिनमें भारी मात्रा में पानी है और वह एक बर्फ के रूप में है । और इन्ही पहाडो में से पानी बहता हुआ एक नदी का रूप लेता है । जो की किसी विषेश स्थान पर जाकर रूक जाता है । और यह प्रक्रिया अन्य नदियो के साथ भी होती है जिसके कारण से समुद्र में पानी बना रहता है । इस कारण से हम कह सकते है की वर्तमान में भी समद्र की उत्पत्ति हो रही है ।
समुद्र का पानी खारा होने का मूल कारण समुद्र में पाया जाने वाला ठोस सोडियम क्लोराईड होता है । और यही कारण है की समुद्र का पानी खारा होता है । मगर प्रशन यह रह जाता है की इतना अधिक सोडियम क्लोराईड आखिर आता कहा से है तो इसके मुख्य 4 कारण होते हे जिनके कारण से समुद्र का पानी खारा बन जाता है ।
दोस्तो आपको पता है की नदिया कई किलोमिटर दूरी तय करती हुई आती है और इस बिच में विभिन्न तरह के स्थानो से गुजरना पडता है जहां पर पहले ही नमक की मात्रा होता है क्योकी जब चट्टाने पानी के सम्पर्क में आती है तो उनका अपरदन हो जाता है और पानी के साथ बह कर समुद्र में जाती रहती है । इस तरह से जब कई करोडो वर्षा तक होता रहता है तब समुद्र का पानी अधिक खारा बन जाता है ।
दोस्तो वर्षा का पानी कुछ अम्लीय होता है जो की अपनी अम्लता के कारण से किसी भी चट्टान पर पडता है तो उसका अपरदन कर देता है । और विभिन्न तरह के पर्वतो के अपरदन के कारण से यह पानी बहता हुआ नदियो के साथ मिल जाता है और ऐसा होता हुआ यह वापस समुद्र में चला जाता है । जिसके कारण से समुद्र का पानी खारा बन जाता है ।
आपको जानकारी नही होगी मगर सत्य है की समुद्र में भी ज्वालामुखी विस्फोट होता है और इस विस्फोट में किसी प्रकार का लावा नही निकलता बल्की किचड और विभिन्न तरह की गैसे निकलती है । जिसके कारण से समुद्र में रासायनीक क्रिया होने लग जाती है । और एक यह भी कारण होता है की समुद्र का का पानी खारा बन जाता है ।
इसके अलावा विभिन्न तरह के आयन भी मौजूद होते है जो की ज्वालाविस्फोट के कारण से बने थे । और जब ये आयन आपस में क्रिया करते है तो लवण बन जाता है ।
दोस्तो समुद्र में पानी रहता है और इसके कारण से मनुष्य पानी से आने वाली बडी समस्या से बचा हुआ है । यह तो एक आम बात है इसके अलावा भी समुद्र होने के बहुत बडे फायदे है और इनमे से सबसे पहला पानी का एक स्थान पर इकट्ठा होने का ही होता है । इस पानी में अनेक तरह के जीव रहते है और अपना जीवन यापन करते है इस तरह से विभिन्न तरह के कारण है जिनके कारण से कहा जा सकता है की एक समुद्र का भी महत्व होता है आईए जानते है उन कारणो को –
दोस्तो आप लोगो पता है की पृथ्वी पर 70 प्रतिशत पानी है और इसे इकट्ठा रहने के लिए समुद्र जैसे स्थान मोजूद है । मान लो की अगर समुद्र न हो तो यह पानी कहा जाता यानि यह पानी कही और नही बल्की पूरी पृथ्वी पर मंडराता रहात और पृथ्वी को पूरी तरह से पानी से ढका रहता था ।
क्योकी 70 प्रतिशत पानी 30 प्रतिशत भूमी को आराम से ढक लेता है । इस कारण से समस्या का सामना करना पड सकता है । क्योकी अगर इस तरह से पानी रहता है तो मानव अपना जीवन तक नही चला पाता है और उसे हर पल पानी में ही रहना पडता है । इस कारण से कह सकते है की समुद्र के होने के कारण से पानी को इकट्ठा होने में मदद मिलती है ।
दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की समुद्र में 2 लाख प्रजातिया रहती है जिसके कारण से कहा जा सकता है की समुद्र 2 लाख प्रजातियो का घर बना हुआ है । और इनके लिए समुद्र का महत्व होना काफी अधिक होता है ।
दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की आज समुद्र के होने के कारण से पृथ्वी का तापमान नियत्रित रहता है अगर समुद्र न हो तो पृथ्वी की जो गर्म जगह है वह और अधिक गर्म हो जाती है और ठंडी जगह और अधिक ठंडी हो जाती है । क्याकी सूर्य से आने वाला ताप ही पृथ्वी पर नही होता है बल्की अनेक तरह के ज्वालामुखी है जो की अक्सर समुद्रो में फटते रहते है उनसे भी तापमान निकलता है जिनका नियत्रित समुद्र ने कर रखा है ।
दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता देते है की समुद्र में इतना अधिक नमक है की इसे अगर फैलाया जाए तो 500 फुट उंची एक परत बन जाती है । जो की समुद्र ने इसे अपने अंदर पूरी तरह से समा रखा है और इस नमक को अपने साथ मिला रखा है । जिसके कारण से किसी को भी इस नमक के बारे मे ज्यादा जानकारी नही है ।
दोस्तो समुद्र में भी ज्वालामुखी फटते है और इनसे मिथैन जैसी अनेक गैसे भी निकलती है जिनका नियन्तरण समुद्र ने कर रखा है ।
दोस्तो समुद्र होने के कारण से इसमें तरह तरह के जीव रहते है जिनका शिकार कर कर मनुष्य अपना पेट भरता है । इस तरह से मनुष्य को भी इसका बडा लाभ प्राप्त होता है और वह आसानी से अपना पेट भर सकता है । इस तरह से इन जीवो को पकडने के लिए अनेक तरह के लोगो को रोजगार प्राप्त है
दोस्तो इस तरह से हमने समुद्र के पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है अगर आपको किसी प्रकार का प्रशन पूछाना है तो कमेंट करे ।
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