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संध्या का विलोम शब्द क्या Sandhya ka vilom shabd kya hai ?

संध्या का विलोम शब्द या संध्या का विलोम , संध्या का उल्टा क्या होता है ? Sandhya ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
संध्याउषा
SandhyaUsha

‌‌‌संध्या का विलोम शब्द और अर्थ

आपको बता दें कि संध्या नाम का अर्थ शाम, गोधूलि, गोधूलि बेला, संघ, सोचा होता है।दोस्तों संध्या का विलोम उषा होता है। दोस्तों संध्या के अर्थ के बारे मे आप जान ही चुके हैं। इसको आम भाषा के अंदर शाम के नाम से जाना जाता है। और हर दिन के बाद शाम आती है। इसके बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।

‌‌‌शाम का मौसम काफी सुहाना होता है। लेकिन आजकल शाम का मौसम उतना सुहाना नहीं है। क्योंकि काफी तेज गर्मी पड़ रही है। और ऐसी गर्मी के अंदर यदि लाइट नहीं हो तो काफी बुरा हाल हो जाता है। खैर दोस्तों शाम के मौसम मे जो किसान होते हैं वे अपने घरों को लौटते हैं। और खेत मे गए हुए जीव जंतु भी घर को लौटते ‌‌‌ हैं। वैसे देखा जाए तो शाम का तलब अंत भी होता है। कहा जाता है कि जीवन की शाम हो चुकी है तो इसका मतलब यही है कि इंसान के जीवन का अंत होने वाला है। या उसके जीवन का अंत समय आ चुका है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर शाम ‌‌‌के समय मे जब सूरज ढलने लग जाता है तो उसके बाद उसकी जो किरणे होती हैं वह नीली दिखाई देने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता ही होगा क्योंकि आप हर शाम को यह सब देखते ही हैं। वैसे शहरी लोग जो होते हैं वे शाम को ही अपने घर से बाहर निकलते हैं और घूमने के लिए जाते हैं।

‌‌‌कुछ साल पहले हम जब शहर के अंदर निवास करते थे तो शाम के समय घूमने के लिए निकल जाया करते थे । और उसके बाद वहां पर काफी समय बीताते थे दिन के अंदर कंपनी मे काम करते थे तो समय ही नहीं मिलता था।  खास कर जब संडे की छूट्टी होती थी तो यह सब हम करने के लिए जाते थे ।

‌‌‌वैसे देखा जाए तो घूमने का जो समय होता है वह दिन मे ही होता है। दिन के समय अधिक घूमा जाता है। लेकिन शाम के समय भी आप घूम सकते हैं। सुबह के अंदर घूमने का काफी फायदा होता है। क्योंकि उस समय हवा काफी ताजी होती है। और घूमने के अपने फायदे होते हैं। यही कारण है कि ‌‌‌अधिकतर लोग सुबह के समय ही घूमने के लिए निकलते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । दोस्तों शाम और सुबह तो एक तरह का जीवन चक्र होता है जोकि चलता रहता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इसी तरह से जीवन चलता रहता है। खैर शाम के समय मे मे बाजार के अंदर घूमने का मजा ही ‌‌‌कुछ अलग होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप शहर के अंदर रहते हैं। तो उसके बाद शाम को घूमने के लिए भी निकलते होंगे । इसके बारे मे आप जानते ही होंगे । और शहर के अंदर घूमने के लिए जाने के बाद वहां पर कुछ चटपटी चीजें भी खाते होंगे ।

‌‌‌कुल मिलाकर शाम को घूमने का काफी मजा होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌सुबह का अर्थ और मतलब

दोस्तों सुबह के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। सुबह का मतलब होता है सूरज का उगना । जब सूर्य उदय होता है तो उस समय को सुबह के नाम से जाना जाता है। सुबह हम सभी लोग सोकर उठते हैं। और उसके बाद हम खुद को काफी तरोताजा महसूस करते हैं। इसके बारे मे आपको ‌‌‌अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। खैर दोस्तों सुबह का समय काफी शानदार होता है। अक्सर कुछ लोग सुबह जल्दी उठते हैं और उसके बाद घुमने के लिए जाते हैं हालांकि यह अधिकतर शहरों के अंदर देखने को मिलता है। यदि आप सुबह घूमने के लिए जाते होंगे तो आपको पता चलेगा कि कई लोग हैं ऐसे ‌‌‌ जोकि सुबह घूमने के लिए निकलते हैं। हालांकि सुबह का घूमना काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

 क्योंकि सुबह कोई वाहन रोड़ पर नहीं दौड़ते हैं। इसकी वजह से काफी ताजी हवा मिलती है और उसके अंदर किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। उसी प्रकार से ‌‌‌यह जो हवा होती है वह आपके फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर यदि आप भी सुबह घूमने के लिए निकलते हैं तो आपको भी घूमना काफी अच्छा लगता है। यह आपके दिमाग को शांत करता है। क्योंकि सुबह का मौसम काफी सुहावना होता है।

‌‌‌हालांकि भारत के कई सारे इलाकों के अंदर सुबह घूमना उतना अच्छा नहीं होता है। खास कर रेगिस्तानी इलाकेां के अंदर इसका कारण यह है कि वहां पर काफी अधिक गर्मी पड़ती है। और ऐसी स्थिति के अंदर आप सुबह घूमने के लिए जाते हैं तो आप पसीने से तरबतर हो जाएंगे और उतना मजा भी नहीं आएगा ।

‌‌‌लेकिन यदि आप भारत के किसी ऐसे इलाके के अंदर रहते हैं जहां पर काफी ठंड रहती है तो उसके बाद सुबह का घूमना आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। और मौसम भी काफी सुहावना होता है। ऐसी स्थिति के अंदर सुबह हर इंसान को घूमने के लिए जाना चाहिए और फायदा उठाना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा घर की जो महिलाएं होती हैं। उनके अंदर भी एक प्रकार की मान्यता प्रचलित है कि सुबह जल्दी उठने से घर के अंदर किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती है। तो वे जल्दी उठती हैं और उसके बाद अपने घर के काम के अंदर लग जाती हैं। ऐसा देखा गया है। हालांकि आजकल की महिलाएं सुबह जल्दी नहीं उठ ‌‌‌नहीं पाती हैं। जिसकी वजह यह होती है कि वे रात को समय पर सोती नहीं है। जिसके कारण से सुबह जल्दी उठाना उनके लिए काफी अधिक मुश्किल हो जाता है। वैसे भी आजकल स्मार्ट फोन का जमाना  है तो लोग स्मार्ट फोन से देर रात तक चिपके रहते हैं। और उसके बाद सही नींद नहीं आती है।

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