संतोष नाम की राशि santosh naam ki rashi
संतोष नाम की राशि , santosh naam ki rashi,संतोष नाम के लोग बहुत अच्छे होते हैं।अक्सर संतोष नाम महिला और पुरूषों दोनों का होता है।यदि आप अपने बच्चे का नाम संतोष रख रहे हैं तो आपको उसके बारे मे पूरी जानकारी होनी चाहिए । जैसे कि संतोष नाम के लोग कैसे होते हैं ? संतोष नाम के लोगों के अंदर क्या खास बात होती है ? इसके अलावा इन लोगों को क्या करना चाहिए ? और कौनसे बिजनेस के अंदर पैसे लगाना इनके लिए फायदेमंद हो सकता है ?
संतोष नाम की राशि santosh name ki rashi
संतोष नाम के लोगों की राशी कुंभ होती है।और इनके अराध्यदेव हनुमानजी व शनिदेव होते हैं। इनको इन दोनों देवों की पूजा से काफी अच्छे फलों की प्राप्ति होती है। संतोष नाम के लोग काफी बुद्धिमान भी होते हैं। इनको समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।यह समाज के अंदर अच्छा व्यवहार करते हैं। और मित्र को चुनने मे यह गलती नहीं करते हैं। कारण यह है कि यह मित्र को पूरी तरह से सोच और समझ कर बनाते हैं।
नाम | संतोष |
अर्थ | |
लिंग | लड़की |
धर्म | हिंदु |
शुभअंक | 8 |
राशी | कुंभ |
स्वामीग्रह | शनि |
शुभरंग | काला, बैंगनी और गहरा नीला रंग |
शुभदिन | शनिवार और मंगलवार |
शुभरत्न | नीलम |
सामान्यरोग | ऐंठन, एलर्जी, हडियो के रोग और सांस से जुड़े रोग |
संतोष नाम का अर्थ और मतलब santosh naam ki rashi
यदि आपका नाम संतोष है तो इसका मतलब आपको पता होना चाहिए । क्योंकि तभी आप यह पता लगा सकते हैं कि इस नाम का अर्थ क्या कहता है ?
- संतोष का अर्थ संतुष्ट होता है।जैसे कि आप किसी चीज को लेकर संतुष्ट हो गए हैं तो इसका मतलब यह है कि आपने संतोष प्राप्त कर लिया है।
- एक संतोष का अर्थ खुशी भी होता है। संतोष शब्द का अर्थ खुशी के अर्थ मे भी किया जाता है। संतोष का मतलब यह है खुशी के अंदर होना ।
- इसी प्रकार सं संतोष का मतलब इच्छा की पूर्णता भी है।जैसे आपकी पानी पीने की इच्छा हो रही है आपने भर पेट पानी पिया उसके बाद पानी पीना बंद कर दिया यह एक तरह से संतोष कहलाएगा ।
संतोष नाम के लोगों का रिश्ता santosh naam ki rashi
संतोष नाम के लोग स्वाभाव से काफी अच्छे होते हैं।हालांकि इनकी अच्छाई हर कोई नहीं देख सकता है।हालांकि यह आपको बाहर से कठोर लग सकते हैं लेकिन अंदर से काफी कोमल होते हैं।
वैसे संतोष नाम के लोग हर कार्य को काफी बेहतर ढंग से करने की कोशिश करते हैं।हालांकि यह अनजान लोगों से अधिक मेलमिलाप पसंद नहीं करते हैं। लेकिन असल मे यह उन लोगों से अधिक हंसी मजाक करते हैं जिनको यह पसंद करते हैं या जिन पर यह भरोशा करते हैं। प्यार के अंदर यह ईमानदारी को काफी पसंद करते हैं। प्यार मे धोखा देना इनको पसंद नहीं होता है।यह अगले इंसान से भी ईमानदारी की उम्मीद यह लोग करते हैं।
यदि कोई इनको प्यार मे धोखा देता है तो यह उसे पसंद नहीं करते हैं। प्यार के अंदर धोखा देने वाले लोगों को यह चेतावनी भी देते हैं।इसके अलावा संतोष नाम के लोगों के अंदर रिश्तों की काफी अच्छी समझ होती है।यह सच और झूठ के अंदर बहुत ही आसानी से फर्क करने की क्षमता रखते हैं।
इनके अलावा संतोष नाम के लोग दूसरों की मदद करना काफी पसंद करते हैं।यह अपने परिवार के सदस्यों से मिलजुल कर रहना पसंद करते हैं। और यदि परिवार के सदस्यों पर कोई समस्या आती है तो यह उसे दुर करने के लिए काफी मदद करते हैं।
संतोष नाम के लोगों का जीवन काफी बेहतरीन होता है। यह अपने पूरे जीवन को सुलझे हुए तरीके से जीना पसंद करते हैं। देखने मे इनका जीवन काफी साफ सुथरा होता है।
इनसे जो भी इंसान प्यार करता है।वह काफी खुश रहता है। क्योंकि यह अपने साथी की खुशियों का पूरा ध्यान रखते हैं। हर प्रकार की समस्या मे उनका साथ यह कभी नहीं छोड़ते हैं।
संतोष नाम के लोग कर्तव्यनिष्ठ होते हैं।यह उन लोगों के अंदर नहीं होते हैं जोकि अपने कर्तव्य को छोड़कर भाग जाएं । यह उन लोगों मे से होते हैं जो मरते दम तक कर्तव्यों को पूरा करने का प्रयास करते हैं।
संतोष नाम के लोगों के गुण santosh naam ki rashi
दोस्तों जैसा कि आपको पता ही होगा कि हर इंसान के अंदर खास प्रकार के गुण होते हैं। यदि आपके अंदर कुछ खास प्रकार के गुण हैं तो आपको पता होगा ।यदि आप संतोष नाम के लोगों के बारे मे जानना चाहते हैं तो नीचे इनके बारे मे विस्तार से दिया है।
दूसरों से संवाद नहीं करना
दोस्तों संतोष नाम के लोग हर किसी से बातें नहीं करते हैं।और यह काफी कम बोलते हैं। बहुत अधिक बोलना इनकी आदत नहीं होती है।यही वजह है कि यह अपना अधिक समय चुप होकर गुजारते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह मूर्ख होते हैं। संतोष नाम के लोग केवल उन्हीं लोगों के सामने बात करते हैं।जहां पर इनकी बातें सुनी जाती हैं। हर किसी के सामने यह बातें करना पसंद नहीं करते हैं।
दूसरों की सुनना पसंद नहीं होता है
दोस्तों संतोष नाम के लोग दूसरों की बकवास बातों को सुनना पसंद नहीं करते हैं। हालांकि यदि कहीं पर अच्छी बातें बताई जा रही हो तो उन बातों को यह सुनना पसंद करते हैं। और वहां पर अपना दिमाग भी लगाते हैं।
संवेदनशील होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों संतोष नाम के लोग काफी संवेदनशील होते हैं।संवेदनशीलता का मतलब यह है कि इनके मन मे जीवों के प्रति काफी संवेदना होती है। जब कोई पीड़ा के अंदर होता है तो यह उसकी मदद करने के बारे मे अवश्य ही सोचते हैं । क्योंकि ऐसा करने से इनके मन को सकून मिलता है।
मजबूत इच्छाशक्ति वाले होते हैं
संतोष नाम के लोगों की यह खास बात होती है कि यह मजबूत इच्छा शक्ति वाले होते हैं। इसका अर्थ यह है कि इनको इतनी आसानी से कोई भी हरा नहीं सकता है। क्योंकि यह हार मानने वालों मे से नहीं होते हैं। मरते दम तक लड़ना इनकी आदत होती है। इनकी मजबूत इच्छा शक्ति के चलते ही तो यह अपने कार्य के अंदर काफी सफल रहते हैं और कई बार तो लोग भी इनकी सफलता का लौहा मानते हैं। क्योंकि यह होते ही इसी प्रकार के हैं।
दूरदर्शी होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों नाम के लोग दूरदर्शी होते हैं। इसका मतलब यह है कि यह दूर की सोच कर चलने वाले होते हैं। और यह कार्य जो भी करते हैं अक्सर अच्छा ही करते हैं। क्योंकि यह ऐसा कोई भी कार्य नहीं करते हैं जो इनको नुकसान पहुंचाता है।
मार्गदर्शक होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों संतोष नाम के लोग उन क्षेत्र के अंदर अच्छे मार्गदर्शक होते हैं।जिनके बारे मे यह जानकारी रखते हैं। यह दूसरों को भी काफी बेहतर ढंग से गाइड कर सकते हैं।
सहनशील होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों संतोष नाम के लोग काफी सहनशील होते हैं।इसका अर्थ यह है कि यह कठिन से कठिन परिस्थितियों के अंदर भी खुद को सहन करने मे सक्षम होते हैं।हालांकि गलत चीजों को सहन करना इनकी आदत नहीं होती है।
मजाकिया होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों संतोष नाम के लोग काफी मजाकिया किस्म के होते हैं।हालांकि यह हर किसी से मजाक करना पसंद नहीं करते हैं। यह केवल उन्हीं लोगों से मजाक करना पसंद करते हैं जिनसे यह अच्छे से जुड़े होते हैं।
स्पष्टवादी होते हैं संतोष नाम के लोग
दोस्तों संतोष नाम के लोग स्पष्टवादी होते हैं। इसका अर्थ यह है कि यह बातों को साफ तरीके से कहना पसंद करते हैं। हालांकि इनकी स्पष्टवादिता कई बार इनके लिए ही मुश्बित का सबब बन जाती है।लेकिन यह इसके लिए अधिक चिंता नहीं करते हैं।
ईमानदार
दोस्तों संतोष नाम के लोग काफी ईमानदार होते हैं।यह अपने कार्य को ईमानदारी से पूरा करते हैं। यह अपनी ईमानदारी की वजह से जाने जाते हैं। हालांकि इनको ईमानदारी की वजह से कई लोग पसंद भी करते हैं।
सादा जीवन उच्च विचार
दोस्तों सदा जीवन उच्च विचार इनकी पहली पहचान होती है। यह दिखावा करना पसंद नहीं करते हैं। क्योंकि इनको पता है कि दिखावा करने से कोई भी फायदा नहीं है। हालांकि इनका मानना होता है कि इंसान के विचार उच्च होने चाहिए ।
खुद को नियंत्रित करने मे सक्षम
दोस्तों संतोष नाम के लोग खुद को नियंत्रित करने मे सक्षम होते हैं। इसका मतलब यह है कि यह जल्दी आपा खोने वाले लोगों के अंदर नहीं होते हैं। वरन जो कुछ भी करते हैं। पूरी समझ और होश के साथ ही करते हैं। बेहोशी मे करना इनकी आदत नहीं होती है।
धैर्यशील होते हैं संतोष नाम के लोग
संतोष नाम के लोग धेर्यवान होते हैं। मतलब यह है कि यह जोभी कार्य करते हैं। पूरे धैर्य के साथ करते हैं। यही वजह है कि यह लंबे समय तक टिके रहते हैं। असफलता को झैलने की आदत इनके अंदर होती है। इसी वजह से यह कई बार बड़ी सफलता अर्जित करके सबकों चौका देते हैं।
अंतरमुखी होते हैं संतोष नाम के लोग
संतोष नाम के लोग अंतरमुखी होते हैं।इनकी अंदर अपनी दुनिया होती है। उसी दुनिया के अंदर यह रमण करना पसंद करते हैं। यह लोग अकेलापन काफी पसंद करते हैं। अकेले बैठना इनकी आदत मे शुमार होता है।
संतोष नाम के लोगों मे रोग
इनके अंदर अंदर मानसिक रोग, ऐंठन, गर्मी, जलोद आदि रोग हो सकते हैं। इसके अलावा सुरेंद्र नाम के जातकों को सांस से संबंधित रोग और रक्त संचार की समस्याएं हो सकती हैं।संचार प्रणाली, ऐंठन, एलर्जी, अप्रत्याशित बीमारी और दुर्घटनाओं का शिकार बना सकता है।इनको दिल की बीमारी होने का खतरा भी अधिक होता है।
संतोष नाम के लोगों मे दोस्ती
दोस्ती के बारे मे यह कहा जाता है कि दोस्ती सोच समझ कर करनी चाहिए क्योंकि एक बुरा दोस्त आपके दुश्मनों से भी अधिक खतरनाक होता है। इसलिए अच्छे लोगों को ही दोस्त बनाना चाहिए ।वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला व मकर आदि कुछ ऐसी राशी हैं जिनके साथ सुरेश नाम के लोगों की अच्छी बनती है। इसी प्रकार से मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक कुछ ऐसी राशियां हैं जिनके साथ सलोनी नाम के लोगों की कम बनती है।
संतोष नाम के लोगों के लिए शुभ अंक
इस नाम के लोगों के लिए लोगों के लिए शुभ अंक 8 होता है। 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 71, 80 शुभ होती है। इनके अलावा 5, 6 अंक शुभ, 3, 7 अंक सम एवं 1, 2, 9 अंक अशुभ फलकारी होते हैं।
संतोष नाम के लोगों के लिए शुभ रंग
संतोष नाम के लोगों की राशी कुंभ होती है।इनके लिए काला ,नीला बैंगनी रंग काफी अच्छा होता है। इनको इन्हीं रंगों के कपड़ों को पहनना चाहिए। क्योंकि यही शुभ फल देने वाले होत हैं।
संतोष नाम के लोगों के लिए शुभ दिन
संतोष नाम के लोगों के लिए शुभ दिन मंगलवार और शनिवार होता है। यदि आपका नाम संतोष है तो आपको मंगलवार और शनिवार के दिन ही कोई शुभ कार्य करना चाहिए । क्योंकि इसी दिन किया गया कार्य आपके लिए काफी फायदेमंद होता है।
संतोष नाम के फेमस लोग
दोस्तों बहुत से लोगों के नाम संतोष होते हैं।यदि आप अपना नाम संतोष रख रहे हैं या फिर आपका नाम पहले से ही संतोष है तो आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम के लोग कितने और किस कार्य क्षेत्र के अंदर फेमस हो चुके हैं।
Santhosh (actor)
संतोष मलयालम सिनेमा में एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं । इन्होंने 100 से अधिक फिल्मे की हैं। इन्होंने फिल्मों के अंदर खलनायक ,नायक और हास्य कलाकार के अंदर अपना रोल निभाया है।यह तिरुवनंतपुरम के रहने वाले हैं।यह सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक सीएन केसवन नायर और पी. राजलक्ष्मीम्मा के इकलौते पुत्र हैं।वह अपनी दो बहनों के साथ पेट्टा, तिरुवनंतपुरम में पले-बढ़े हैं। और इनका लालन पालन नाना नानी ने किया था।
अपनी स्कूली शिक्षा . सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुवनंतपुरम से पूरी की थी। इनकी दो बहिने पढ़ने के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ बन गई तो इन्होंने अभिनय के अंदर अपना काम पकड़ा ।यह अपने कॉलेज के दिनों से ही अभियन के अंदर काम करते थे ।इन्होंने एक स्कूल शिक्षिका से शादी की थी। इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम राजश्री है।इन्होंने बहुत सारी फिल्मे की । जिनकी लिस्ट हम आपको यहां पर दे रहे हैं।
- श्रृंगारवेलन (2013)
- रास्ते में (2013)
- अजीत कुमार के रूप में जिंजर (2013)
- मालिक: कम्मथ और कामथ (2013)
- नखंगल (2012)
- मदिरसी (2012)
- भूमियुदे अवकाशिकल (2012)
- कमल पेराक (2012)
- कार्यस्थान (2010)
- आईजी महानिरीक्षक (2009)
- काकी (2007)
- बस कंडक्टर (2005)
- द टाइगर (2005)
- चंद्रोलसवम (2005)
- कोचिराजावु (2005)
- वेट्टम (2004)
- स्वतंत्रता (2004)
- रनवे (2004)
- कृष्णा गोपालकृष्ण (2002)
- कथारा (2000)
- अपराध फ़ाइल (1999)
- मांत्रिकम (1995)
- ओरु अभिभाषकंते केस डायरी (1995)
- सिंदूररेखा (1995)
- कदल (1994)
- चुक्कन (1994)
- पलयम (1994)
- अवन अनंतपद्मनाभन (1994)
- सैन्याम (1994)
- गांडीवम (1994)
- सीमा शुल्क डायरी (1993)
- कौरवर (1992)
- अर्द्रम (1992)
- म्यानमार (1992)
- थलस्तानम (1992)
- कौमारा स्वप्नंगल (1991)
- विष्णुलोकम (1991)
- कूडिक्काझ्चा (1991)
- कदथनदान अंबाडी (1990)
- अपराध शाखा (1989)
- पेरुवन्नापुराथे विशेंगल (1989)
- ओरु मुथासिक्कधा (1988)
- आयथम (1988)
- चारवलयम (1988)
- मनासा मैने वरु (1987)
- अग्निमुहूर्तम (1987)
- इरुपथम नूटंडु (1987)
- कैबरे डांसर (1986)
- स्नेहमुल्ला सिंघम (1986)
- एंटे शबदम (1986)
- युवाजनोत्सवम (1986)
- नंदी वेन्दुम वरिका (1986)
- इथिले इनियुम वरु (1986)
- कोठी थेरुमवारे (1985)
- ओरमीकान ओमानिक्कान (1985)
- किराथम (1985)
- कट्टूथी (1985)
- अंगदिकप्पुरथु (1985)
- उपाराम (1985)
- एडविन के रूप में अकलाथे अंबिली (1985)
- दैवथेयोर्थु (1985)
- वसंत सेना (1985)
- विजयकृष्णन / कुट्टप्पन के रूप में इथु नल्ला थमाशा (1985)
- स्नेहिचा कुट्टथिनु (1985)
- Anakkorumma (1985) विक्रमानी के रूप में
- ईरन संध्या (1985)
- ओरिक्कल ओरिदाथु (1985)
- कॉलेज धमकाने के रूप में कंडू कंदारिन्जू (1985)
- इविड ई थीराथु (1985)
- ई लोकम इविदे कुरे मनुश्यर (1985)
- इनियुम कथा थुडारम (1985)
- संध्याकेंथिनु सिन्दूरम (1984)
- कुरिशुयुधम (1984) गुंडा के रूप में
- ओरु सुमंगलियुडे कड़ा (1984)
- निशेदी (1984) सनी के रूप में
- 18 अप्रैल (1984)
- इविडे थुडंगुन्नु (1984)
- पिन्नीलावु (1983)
- नानायम (1983)
- इथु नजंगलुडे कथा (1982)
Santosh Bhattacharyya
संतोष का जन्म 1 नवंबर 1924 – 10 मार्च 2011 एक बंगाली भारतीय विद्वान थे, जिन्होंने कोलकाता, भारत में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया ।
इनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।अर्थशास्त्र के अंदर इन्होंने अध्ययन किया और कोलकता विश्वविधालय से इन्होंने मास्टर किया था। उसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
मास्टर डिग्री हाशिल करने के बाद उन्होंने भारतिय सांख्यकी संस्थान के अंदर भी काम किया था।उसके बाद उन्होंने कोलकता विश्वविधालय के अंदर भी अर्थशास्त्र पढ़ाया था।
एक छात्र के रूप में, भट्टाचार्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्ण सदस्य थे।(1977–2011) के बीच यह कलकत्ता विश्वविधालय के अंदर कुलपति रहे थे ।
संतोष भट्टाचार्य | |
उत्पन्न होने वाली | 1 नवंबर 1924 |
मर गए | 10 मार्च 2011 |
अकादमिक पृष्ठभूमि | |
अल्मा मेटर | स्कॉटिश चर्च कॉलेज (बीकॉम) कलकत्ता विश्वविद्यालय (एमकॉम) लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पीएचडी) |
शैक्षणिक कार्य | |
संस्थानों | भारतीय सांख्यिकी संस्थान कलकत्ता विश्वविद्यालय |
Santosh Chandra Bhattacharya
संतोषचंद्र की जन्म और मृत्यु 30 अगस्त 1915 – 14 दिसंबर 1971 को हुई थी।यह ढाका के अंदर इतिहास के व्याख्याता रह चुके थे ।भट्टाचार्य एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार से आते हैं जो संस्कृत के अध्ययन की परंपरा के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 30 अगस्त 1915 को ढाका के सामने बुरिगंगा के दूसरी ओर जंतरैल गाँव में हुआ था।
भट्टाचार्य ने ढाका विश्वविद्यालय से इतिहास में सम्मान के साथ स्नातक किया । 1938 में उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री को भी पूरा किया था।
25 मार्च 1971 को, जब पाकिस्तानी सेना ने ढाका में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया तो यह अपने गांव भाग गए थे ।14 दिसंबर 1971 को, अल बद्र मिलिशिया के एक दस्ते ने ढाका में से इनका अपहरण किया और उसके बाद इनकी हत्या कर दी गई ।
Santosh Chowdhary
संतोष चौधरी का जन्म जन्म 5 अक्टूबर 1944 ई के अंदर हुआ था।वह 2009 में होशियारपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। वह पहले 1992 और 1999 में फिल्लौर निर्वाचन क्षेत्र पंजाब से चुनी गई थीं।
Santosh Dutta
संतोष दत्ता का जन्म और मृत्यु 2 दिसंबर 1925 – 5 मार्च 1988 को हुए थे ।यह एक वकील थे और कॉमेडियन के रूप मे इन्होंने काम किया था।सत्यजीत रे ने उन्हें अपनी अमर फिल्म पराश पत्थर में एक छोटी सी भूमिका के रूप मे इन्होंने काम किया था।
साल | शीर्षक | निदेशक |
1958 | पाराश पथारी | सत्यजीत रे |
1958 | स्कूल का संचालक | अग्रगामी |
1961 | किशोर कन्या | सत्यजीत रे |
1965 | Mahapurush | सत्यजीत रे |
1968 | गूपी गाइने बाघा बने | सत्यजीत रे |
1972 | स्ट्रीर पत्रा | पूर्णेंदु पत्रिया |
1973 | श्रीमन पृथ्वीराज | तरुण मजूमदार |
1973 | मरजीना अब्दुल्ला | दिनेन गुप्ता |
१९७४ | सोनार केला | सत्यजीत रे |
१९७४ | जादू बंशा | पार्थ प्रतिम चौधरी |
1976 | जन अरण्य | सत्यजीत रे |
1976 | असाधारन | सलिल सेन |
1977 | बहन | पीयूष बोस |
1977 | एक जे छिलो देशो | तपन सिन्हा |
1977 | ई पृथ्वीबीर पंथानीबास | अरविंद मुखर्जी |
1977 | शेष रक्षा | शंकर भट्टाचार्य |
1978 | चारमूर्ति | उमानाथ भट्टाचार्य |
1778 | जॉय बाबा फेलुनाथ | सत्यजीत रे |
१९७९ | घटकली | बिमल रॉय जूनियर |
१९७९ | गणदेवता: | तरुण मजूमदार |
1780 | ब्रजाबुलिक | पीयूष बोस |
1980 | पका देखा | अरविंद मुखर्जी |
1980 | हीरक राजार देशे | सत्यजीत रे |
1980 | संधि | अमल दत्ता |
1980 | अभी | अपूर्व कुमार मित्र Mi |
1980 | गोपाल भनारी | अमल सूरी |
1981 | सुवर्णलता | बिजॉय बोस |
1981 | ओगो बोधु शुंडोरी | सलिल दत्ता |
1982 | खेलार पुतुली | तरुण मजूमदार |
1982 | मलंचा | पूर्णेंदु पत्रिया |
1982 | रसमॉयर रसिकता | अमल सूरी |
1983 | राजेश्वरी | सलिल दत्ता |
1983 | कौके बोलो ना | विश्वनाथ मुखर्जी |
1983 | दुती पता | बिमल रॉय जूनियर |
1983 | श्रींखाली | अबीर बसु |
1984 | पुजारीनी | पार्थ प्रतिम चौधरी |
1984 | शिलालिपि | पलाश बनर्जी |
1984 | सोर्गोलो | विश्वजीत |
1984 | लोलिता | तपन चौधरी |
1984 | अमर गीति | तरुण मजूमदार |
1984 | जॉय परजोय | चंदन मुखर्जी |
1985 | बैकुंठर विलो | सुशील मुखर्जी |
1985 | निशांताय: | नारायण चक्रवर्ती |
1985 | अमर पृथ्वीबी | बिमल भौमिक |
1985 | निशांते | नारायण चक्रवर्ती |
1985 | हुलस्टुल | अरविंद मुखर्जी |
1986 | दुई अध्याय Ad | गौतम मुखोपाध्याय |
1986 | उरबाशे | सलिल दत्ता |
1986 | सुभो कामों अच्छाो? | पार्थ प्रतिम चौधरी |
1987 | अबीर | कमल मजूमदार |
1987 | सम्राट–ओ–सुंदरी | बिमल रॉय जूनियर |
1988 | अग्नि संकेत | स्वरूप दत्ता |
1989 | गिली गिली गे | ईश्वर चक्रवर्ती |
1991 | Palatka | सरन डे |
Santhosh Echikkanam
यह मलयालम साहित्य के एक भारतीय लेखक और मलयालम सिनेमा में एक पटकथा लेखक है। अन्नयम रसूलम और बैचलर पार्टी जैसी फिल्मों के लिए इन्होंने पट कथा को लिखा था।
सन 1971 ई के अंदर कासरगोड जिले के भारतीय राज्य की केरल के अंदर यह पैदा हुए थे । मलयालम और साहित्य में स्नातक होने के बाद, उन्होंने केरल प्रेस अकादमी से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया फिर आकाश वाणी से जुड़ गए ।
उत्पन्न होने वाली | 1971 (उम्र 49-50) बेदडका, कासरगोड, केरल , भारत |
व्यवसाय | लेखक, पटकथा लेखक |
शैली | उपन्यास |
उल्लेखनीय कार्य | शवसामीकोमलनारनयुम परवाययुमबिरयानी |
उल्लेखनीय पुरस्कार | कहानी के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कारपद्मप्रभा साहित्य पुरस्कारकरूर पुरस्कारप्रवासी बशीर पुरस्कारअबुधाबी शक्ति पुरस्कारचेरुकाड पुरस्कारवीपी शिवकुमार केली पुरस्कारकोलकाता भाषा साहित्य परिषद पुरस्कारदिल्ली कथा पुरस्कारकेरल राज्य टेलीविजन पुरस्कार |
पति या पत्नी | जलसा मेनन |
बच्चे | महादेवन |
माता–पिता | एसी चंद्रन नायर (पिता)श्यामला (माँ) |
Santosh Gangwar
संतोष कुमार गंगवार जन्म 1 नवंबर 1948 को हुआ था। यह क्ष्रम मंत्रालय इनके अधीन था। यह भारजिय जनता पार्टी के सदस्य हैं।16वीं लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में चुना गया है । उन्होंने 2014 के आम चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पर 2.4 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की ।
1 नवंबर 1948 को बरेली में जन्मे, संतोष कुमार गंगवार ने आगरा विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश के रोहिलखंड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की , जहाँ से उन्होंने बीएससी और एलएलबी की डिग्री पूरी की थी।
गंगवार को आपातकाल के दौरान तत्कालीन सरकार के खिलाफ जन आंदोलन का मार्गदर्शन करने के लिए जेल में भेज दिया गया । उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य भाजपा कार्य समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया और 1996 में उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव के पद को दिया गया ।
वित्त राज्य मंत्री | |
कार्यालय में 5 जुलाई 2016 – 3 सितंबर 2017 | |
प्राइम मिनिस्टर | नरेंद्र मोदी |
इससे पहले | जयंत सिन्हा |
इसके द्वारा सफ़ल | शिव प्रताप शुक्ला |
कपड़ा मंत्री | |
कार्यालय में 26 मई 2014 – 7 जुलाई 2016 | |
प्राइम मिनिस्टर | नरेंद्र मोदी |
इससे पहले | कावुरी सांबा शिव राव |
इसके द्वारा सफ़ल | स्मृति ईरानी |
सांसद, लोकसभा | |
निर्भर | |
पदभार ग्रहण 2014 | |
इससे पहले | प्रवीण सिंह अरोण |
कार्यालय में 1989-2009 | |
इससे पहले | बेगम आबिदा अहमद |
इसके द्वारा सफ़ल | प्रवीण सिंह अरोण |
चुनाव क्षेत्र | बरेली |
व्यक्तिगत विवरण | |
उत्पन्न होने वाली | 1 नवंबर 1948 (उम्र 72) बरेली , संयुक्त प्रांत , भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवनसाथी | सौभाग्य गंगवार |
बच्चे | 2 |
रहने का स्थान | बरेली |
अल्मा मेटर | • आगरा विश्वविद्यालय ( बी.एससी. ) • रोहिलखंड विश्वविद्यालय ( एलएलबी ) |
Santhosh George Kulangara
25 December 1971 को संतोष जार्ज का जन्म हुआ था।यह भारतीय यात्री, प्रकाशक , उद्यमी और मीडियाकर्मी हैं । यह सफारी टीवी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक हैं । संतोष कोट्टायम जिले के मारंगट्टुपिल्ली में स्थित एक शैक्षिक प्रकाशक लेबर इंडिया पब्लिकेशन के रूप मे भी कार्य किया है।120 से अधिक देशों के अंदर इन्होंने यात्रा की थी और अपने यात्रावृतांत को अपनी एक पुस्तक के अंदर संग्रहित किया था।
वह मीडिया क्षेत्र में प्रवेश किया और शुरू कर दिया 1992 में विभिन्न टेलीविजन चैनलों के लिए टेलीफिल्म्स और वृत्तचित्र बनाकर अपने पत्रकारिता करियर को बंद कर दिया था। 26 साल की उम्र में, उन्होंने लेबर इंडिया पब्लिकेशन्स का नेतृत्व संभाला था।इनकी जीवन साथी का नाम सोनी है और इनके दो बच्चे भी हैं।इनको अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
- केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (2012),
- एशियाई टेलीविजन पुरस्कार,
- केआर नारायणन पुरस्कार (केआर नारायणन फाउंडेशन द्वारा स्थापित), सर्वश्रेष्ठ टेलीविजन कार्यक्रम निर्देशक के लिए केरल फिल्म क्रिटिक्स अवार्ड
- भारतीय जूनियर चैंबर द्वारा टेलीविजन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वर्ष 2004 के लिए युवा प्रतिभा पुरस्कार।
- गैर-काल्पनिक टेलीविजन कार्यक्रमों के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए सौपर्णिकथीरम मिनी स्क्रीन अवार्ड,
- जेसीआई इंडिया द्वारा स्थापित आउटस्टैंडिंग यंग इंडियन नेशनल अवार्ड
- रोटरी स्टार ऑफ़ द ईयर 2007 अवार्ड,
- रेडियो और टीवी एडवरटाइजिंग प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन द्वारा स्थापित ऑल इंडिया आरएपीए अवार्ड
- भारत, राष्ट्रीय फिल्म अकादमी पुरस्कार
- 2015 में मनियेरी माधवन पुरस्कार।
Santhosh Jogi
संतोष जोगीं एक मलयालम गायक थे । जिनकी मौत सन 2010 ई के अंदर हुई थी। जिन्होंने 30 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने 2004 की मलयालम फिल्म टू व्हीलर से अपनी शुरुआत की थी।जोगी का जन्म एराविमंगलम में हुआ था। इन्होंने अपनी शिक्षा पूणे के अंदर पूरी की थी।इन्होंने स्थानिय मंचों के अंदर अपना गायक का कार्यक्रम शूरू किया था।उसके बाद दुबई के अंदर एक गायक के रूप मे भी इन्होंने काम किया था। उनका विवाह 24 जून 2001 को जिजी से हुआ था और उनकी दो बेटियां, चित्रलेखा और कपिला थीं।
संतोष जोगी 13 अप्रैल 2010 को त्रिशूर में अपने दोस्त के फ्लैट में मृत पाए गए थे। उनका शव पंखे से लटका मिला था। हालांकि यह कभी पता नहीं चल पाया कि उनको क्या हुआ था। पुलिस के पास वही घिसी पिटी थ्योरी थी कि उन्होंने सुसाइड किया था।
- राजमानिक्यम (2005)
- पोनमुदिपुझायोरथु (2005)
- इरुवट्टम मनावट्टी (2005)
- पुलिज्नम (2006)
- राष्ट्रम (2006)
- बलराम बनाम तारादास (2006)
- कीर्तिचक्र (2006)
- ओरुवन (2006)
- अली भाई (2007)
- बिग बी (2007)
- छोटा मुंबई (2007)
- मायावी (2007)
- नज़रानी (2007)
- टू व्हीलर (2007)
- 4 जुलाई (2007)
- खाकी (2007)
- चंद्रनिलेक्कुल्ला वाझी (2008)
- मालाबार वेडिंग (2008)
- कुरुक्षेत्र (2008)
- मुल्ला (2008)
- पोक्किरी राजा (2010)
- अपूर्वरागम (2010)
- क्रिश्चियन ब्रदर्स (2010)
Santosh Joshi
पंडित संतोष जोशी का जन्म जन्म 2 जुलाई, 1960 को हुआ था।हिंदुस्तानी शास्त्रीय परंपरा में एक भारतीय गायक हैं। भक्ति भजन के रूप मे उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संतोष जोशी का जन्म बीकानेर में पुष्टिकर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता, शिव नारायण जोशी, आबिद हुसैन के पूरब लखनऊ घराने के तबला वादक और सूरज करण रंगा और पं के छात्र थे।
जोशी ने अपने बड़े भाई परमानंद जोशी से तबला प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उसके बाद लखनऊ में भातखंडे संगीत विद्यालय और खैरागढ़ में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से संगीत के अंदर शिक्षा प्राप्त की थी।
इनके अधिक लोकप्रिय रागों में शुद्ध सारंग, कलाश्री, मधुवंती, किरवानी, मलकौंस, शंकर, पटदीप, चारुकेशी, गोरख कल्याण और वाचस्पति आते हैं।
Santosh Juvekar
संतोष जुवेकर एक मराठी फिल्म अभिनेता, टेलीविजन और मंच अभिनेता हैं।और इन्होंने हिंदी फिल्मों के अंदर भी काम किया है।जुवेकर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 2004 में मराठी नाटक आनी मकरंद राजाध्यक्ष के साथ नरेन देशमुख की भूमिका निभाकर की थी। इनकी पहली फिल्म की शुरुआत 2006 में राजीव पाटिल की फिल्म ब्लाइंड गेम थी। इनका जन्म 12 दिसंबर 1984 को हुआ था।
साल | शीर्षक | भूमिका |
2004 | आनी मकरंद राजाध्यक्ष | नरेन देशमुख |
पुलिस पंच | ||
या गोजिर्वन्या घराती | मराठी टीवी श्रृंखला | |
वदलवाटी | कविश्वरी | |
ऊँ पॉस | ||
भूमिका | ||
किमायगरी | ||
2006 | अंधा खेल | |
2007 | आनंदाछे झाडी | |
2008 | सखी | |
2008 | मुंबई मेरी जान | अशोक |
2008 | मान्या सज्जन | बाजा |
2008 | सनाई चौघड़े | आदित्य |
2008 | पिकनिक | |
2008 | दोषी | |
2009 | बेधुंधी | पांडुरंगा घोरपड़े (धान) |
2009 | चल गमत करु | |
2010 | ज़ेंडा | संतोष शिंदे (संता) |
शर्याती | संजय | |
रिंगा रिंगा | छोकरा | |
पंगिरा | ||
पाशो | ||
2011 | मोरया | मनोज शिंदे (मान्य) |
2011 | फक्ता लध महान | सलीम |
2011 | शाला | माजारेकर सर |
2011 | शाहनपन देगा देवा | हिमेश |
2011 | प्रतिबिंब | |
2011 | राज का रानी | |
2012 | गोल गोल दब्यातला | |
2012 | आया का बयान | ऐंकर |
2012 | जन गण मन | डगडु |
2012 | 31 दिसंबर | नक्सली |
2012 | वेइगो | |
2012 | मामला | पक्या |
2012 | तेंदुलकर आउट | नायर |
2013 | सुख महंजे नक्की के अस्त | सुहास |
2013 | रेगे | |
2014 | कैम्पस कट्टा | राजा सिद्धार्थ शिंदे |
2014 | एक तारा | ज्ञानेश्वर लोखंडे (मौली) |
2015 | अस्सा सासर सुरेखा बै | यश महाजनी |
2015 | ब्लैक होम | |
2016 | डॉक्टर रखमाबाई | दादाजी |
2016 | पुलिस लाइन एक पूर्ण सत्य | बाला देसाई |
2018 | गडबाद गोंधली | सनमित्रा |
2018 | बाइकर का अड्डा | विक्की |
2019 | छत्रपति शासन | रंजीत दादा पाटिल |
2020 | भोंसले | विलास धवले |
Santosh Kashyap
संतोष कश्यप एक फुटबॉल प्रबंधक हैं जो चेन्नईयिन एफसी बी के वर्तमान मुख्य कोच हैं।उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।करियर के अंत के बाद वे कश्यप कोचिंग में चले गए। उनकी पहली नौकरी महिंद्रा यूनाइटेड अंडर-19 कोच के रूप में थी। इनका जन्म 12 जून 1966 को दिल्ली भारत के अंदर हुआ था।
Santosh Kumar (actor)
संतोष कुमार इनका असली नाम सैयद मूसा अब्बास रज़ा था। यह एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी फिल्म अभिनेता थे ।वह लाहौर , पाकिस्तान के एक पढ़े-लिखे उर्दू भाषी परिवार से थे । इनके भाई दर्पण भी एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हर चुके हैं। जबकि उनके दूसरे भाई एस.सुलेमान एक फिल्म निर्देशक थे।
उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय , हैदराबाद से स्नातक की उपाधि प्राप्त की , जहाँ उन्होंने उच्च अंकों के साथ भारतीय सिविल सेवा परीक्षा उर्तिण की थी।सन 1947 के अंदर भारत विभाजन के बाद यह लाहौर पाकिस्तान चले गए । 1947 में भारत में उनकी पहली फिल्म अहिंसा थी । पाकिस्तान में, उनकी पहली फिल्म 1950 में बेली थी।
उत्पन्न होने वाली | सैयद मूसा रज़ा 25 दिसंबर 1925 लाहौर , ब्रिटिश भारत |
death | 11 June 1982 लाहौर , पंजाब , पाकिस्तान |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तानी |
सक्रिय वर्ष | 1947-1982 |
जीवनसाथी | जमीला बेगम सबिहा खानम |
पुरस्कार | सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए निगार पुरस्कार (1957) सितारा-ए-इम्तियाज (2010) |
- 1949 मेरी कहानी (उर्दू)
- 1950 बेली (पंजाबी)
- 1950 दो अंसू (उर्दू)
- 1950 शम्मी (पंजाबी)
- 1950 गभरू (पंजाबी)
- 1951 अकेला (उर्दू)
- 1951 चन्न वे (पंजाबी)
- 1953 गुलाम (उर्दू)
- 1953 आवाज़ (उर्दू)
- 1953 शेरी बाबू (पंजाबी)
- 1953 महबूबा (उर्दू)
- 1953 गुलनार (उर्दू)
- 1953 आघोष (उर्दू)
- 1954 रात की बात (उर्दू)
- 1955 कातिल (उर्दू)
- 1955 पट्टन (पंजाबी)
- 1955 नज़राना (उर्दू)
- 1955 इंतकाम (उर्दू)
- 1956 हमीदा (उर्दू)
- 1956 लाख-ए-जिगर (उर्दू)
- 1956 क़िस्मत
- 1956 इंतजार (उर्दू)
- 1956 सरफरोश (उर्दू)
- 1956 मिस 56 (उर्दू)
- 1957 इश्क-ए-लैला (उर्दू)
- 1957 वाडा (उर्दू)
- 1957 सरदार (उर्दू)
- 1957 सात लाख (उर्दू)
- 1957 बेदारी (उर्दू)
- 1958 हसरत (उर्दू)
- 1958 मुखरा (पंजाबी)
- 1959 मुसकरहाट (उर्दू)
- 1959 नाजी (पंजाबी)
- 1959 तेरे बघैर (उर्दू)
- 1959 नगमा.ए-दिल (उर्दू)
- 1960 सल्तनत (उर्दू)
- 1960 शाम ढाले (उर्दू)
- 1962 मौसिकर {उर्दू }
- 1962 घुंघट (उर्दू)
- 1963 दामन (उर्दू)
- 1963 सीमा (उर्दू)
- 1964 सफ़ैद खून (उर्दू)
- 1964 इशरत (उर्दू)
- 1964 बीस दिन (उर्दू)
- 1964 आज़ाद (उर्दू)
- 1964 चिंगारी (उर्दू)
- 1964 हवेली (उर्दू)
- 1965 फ़ैशन (उर्दू)
- 1965 नायला (उर्दू)
- 1965 Kaneez (उर्दू)
- 1966 हमराही (उर्दू)
- 1966 इंसान (उर्दू)
- 1966 मजबूर (उर्दू)
- 1966 मेरा सलाम (उर्दू)
- 1966 मां, बहू और बेटा (उर्दू)
- 1966 सावल (उर्दू)
- 1966 तकदीर (उर्दू)
- 1966 तस्वीर (उर्दू)
- 1966 लोरी (उर्दू)
- 1967 रहो रेहम (उर्दू)
- 1967 लहू पुकारे गा (उर्दू)
- 1967 सीतामगर (उर्दू)
- 1967 Dewar भाभी (उर्दू)
- 1967 आग (उर्दू)
- 1968 कमांडर (उर्दू)
- 1968 नाहीद (उर्दू)
- 1968 शहंशाह-ए-जहाँगीर (उर्दू)
- 1968 जनवरी-ए-आरजू (उर्दू)
- 1968 वोहती (पंजाबी)
- 1969 पाकदामन (उर्दू)
- 1969 लाडला (उर्दू)
- 1969 मान बीटा (उर्दू)
- 1970 अंजुमन (उर्दू)
- 1971 गढ़हस्ती (उर्दू)
- 1971 सलाम-ए-मोहब्बत (उर्दू)
- 1971 जलते सूरज के नीच (उर्दू)
- 1972 एक रात (उर्दू)
- 1972 मोहब्बत (उर्दू)
- 1973 शरबी (पंजाबी)
- 1974 मिस हिप्पी (उर्दू)
- 1974 शराबी (पंजाबी)
- 1976 तलक (उर्दू)
- 1982 आंगन (उर्दू)
- 1985 दीवाने दो (उर्दू)
Santosh Kumar Ghosh
इनका जन्म और मृत्यु 9 September 1920 – 26 February 1985 को हुए थे ।यह एक भारतिय बंगाली साहित्यकार और पत्रकार थे।इनका जन्म फरीदपुर जिले के अंदर हुआ था जोकि बंगलादेश के अंदर हुआ था। सुरेश चंद्र घोष सरजूबाला देवी के पुत्रथे
, उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी के साथ बंगाली और गणित दोनों में बहुत अधिक प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की। वर्ष 1940 में उन्होंने बीए की परीक्षा डिस्टिंक्शन पास की थी।के अंदर प्रत्याहा के अंदर एक पत्रकार के रूप मे काम करना शूरू किया था।
। उन्होंने ‘द मॉर्निंग न्यूज’ और ‘द नेशन’ के लिए भी काम किया था। 1964 में उन्हें आनंदबाजार पत्रिका और हिंदुस्तान स्टैंडर्ड दोनों प्रकाशनों का सहयोगी संपादक बनाया गया था।जापान, कोरिया, पाकिस्तान, रूस के अंदर पत्रकारों मंचों से भाग लिया था।
संतोष कुमार ने नाटक, कविता और निबंध लिखें।इनके दो नाटक आजतक (1969) और अपार्थिबो (1971) उल्लेखनीय हैं। कविताओं के लिए कबीतर प्रार्थना (1980) नामक एक संग्रह है।पृथ्वी (नबाशक्ति, 1937) इनकी पहली प्रकाशित कविता था।बिलाती डाक नामक इनकी पहली कहानी प्रकाशित हुई थी।
Santosh Lad
संतोष का जन्म 27 February 1975 को हुआ था।यह एक भारतीय कांग्रेस के राजनेता हैं।शिवाजी लाड और शैलजा लाड के पुत्र संतोष लाड का जन्म 27 फरवरी 1975 को बेल्लारी जिले के संदूर तालुक में हुआ था । उनकी एक बड़ी बहन है। संदूर एजुकेशन सोसाइटीज आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज, बेल्लारी,
कर्नाटक से उन्होंने अपना बीकॉम किया था।लाड के पिता शिवाजी लाड की मृत्यु तब हो गई जब लाड 16 वर्ष के थे। उन्होंने अपने पारिवारिक व्यवसाय को बढ़ाया और इसे अन्य क्षेत्रों में विविधता प्रदान की और साथ ही, अपने राजनीतिक जीवन का निर्माण किया। उन्होंने कीर्ति लाड से शादी की थी । इनके बेटे का नाम करण लाड है।
- इनके द्धारा सम्हाले गए पद कुछ इस प्रकार से हैं।
- 1998 – निर्वाचित पार्षद, संदूर नगर पंचायत
- 2003 – जनता दल (सेक्युलर) का प्रतिनिधित्व करने वाले सांदूर से निर्वाचित विधायक
- 2007 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए
- 2008 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले कलघाटगी से विधायक चुने गए
- 2010 – केपीसीसी के महासचिव नियुक्त
- 2010 – केपीसीसी द्वारा रायचूर जिला प्रभारी नियुक्त किया गया
- 2013 – कलघाटगी से विधायक के रूप में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की
- 2013 – सूचना और अवसंरचना राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त
Santosh Madhavan
संतोष माधवन का जन्म जन्म 7 जून 1960 को हुआ था।संतोष माधवन 2004 से संयुक्त अरब अमीरात में की गई धोखाधड़ी के लिए इंटरपोल द्वारा वांछित है । दुबई की एक भारतीय महिला, सेराफिन एडविन ने उन पर 2002 में 400,000 दिरहम की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा इनको कम उम्र की लड़कियों से छेड़छाड़ का दोषी पाया गया और इनको जेल की सजा भी सुनाई गई।
Santosh Marray
संतोष का जन्म 1957 ईस्टन के एपिस्कोपल सूबा के ग्यारहवें और वर्तमान बिशप हैं । इससे पहले, उन्होंने अलबामा के सूबा (2012-2016) और पूर्वी कैरोलिना के सूबा (2009-2012) दोनों के लिए सहायक बिशप के रूप में कार्य किया था।यह अपने पिता की तीसरी संतान थे ।और इनका जन्म एक हिंदू के रूप मे हुआ था। और जब वे 16 साल के थे तब उन्होंने ईसाई धर्म को अपना लिया था।
Santosh Mohan Dev
इनका जन्म और मृत्यु 1 अप्रैल 1934 – 2 अगस्त 2017 को हुए थे ।एक भारतीय राजनीतिक नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख सदस्य थे ।सन 1980 ई के अंदर यह पहली बार सांसद चुने गए थे ।इन्होंने 5 बार असम का प्रतिनिधित्व किया था।वे दो बार त्रिपुरा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे ।
इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कैबिनेट और गैरकैबिनेट पदों पर कार्य किया ।देव ने 1982 में चीन में आयोजित जनसंख्या सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और 1984 में आइल ऑफ मैन में राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे।इसी प्रकार सन 1986 ई के अंदर भारत के संचार और पर्यटन मंत्री थी।1991 में केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री के पद पर कार्य किया।
संतोष मोहन देव प्रसिद्ध बंगाली उत्तर पूर्वी स्वतंत्रता सेनानी सतींद्र मोहन देव के तीन पुत्रों में सबसे बड़े हैं। साठ के दशक के अंदर उनको बिहार के राज्यपाल की पेशकस की थी। लेकिन वे राज्यपाल नहीं बने ।संतोष मोहन देव की शिक्षा असम के सिलचर में जीसी कॉलेज में हुई थी और उन्होंने कार्डिफ यूके के वेल्श कॉलेज से एमबीए किया है।
इनकी चार बैटियां हैं। इनकी पत्नी बिथिका देव मई, 2011 तक अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र सिलचर से असम राज्य विधानसभा की सदस्य भी रह चुकी है।
संसद के सदस्य | |
कार्यालय में 1980-84,1984-89,1996-98,1999-2004,2004-2009 (5 शर्तें) | |
चुनाव क्षेत्र | सिलचर |
कार्यालय में 1989-91,1991-96 (2 शर्तें) | |
चुनाव क्षेत्र | त्रिपुरा पश्चिम |
भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री | |
कार्यालय में 2004 – 2009 | |
इसके द्वारा सफ़ल | विलासराव देशमुख |
पर्यटन राज्य मंत्री | |
कार्यालय में 1986-1988 | |
संचार राज्य मंत्री | |
कार्यालय में 1986-1988 | |
गृह राज्य मंत्री | |
कार्यालय में 1988-1989 | |
इस्पात राज्य मंत्री | |
कार्यालय में 1991 | |
व्यक्तिगत विवरण | |
उत्पन्न होने वाली | 1 अप्रैल 1934 सिलचर , असम प्रांत , ब्रिटिश भारत |
मर गए | 2 अगस्त 2017 (आयु 83 वर्ष) सिलचर , असम , भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवनसाथी | सुश्री बिथिका देवी |
बच्चे | सुष्मिता देवी समेत 4 बेटियां |
रहने का स्थान | सिलचर |
Santhosh Narayanan
संतोष नारायणन तमिल फिल्म उद्योग में एक भारतीय फिल्म संगीतकार और संगीतकार हैं । उन्होंने 2012 की तमिल फिल्म अट्टाकथी में एक संगीतकार के रूप मे शूरूआत की थी।
संतोष नारायणन का जन्म भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। वह दो बच्चों में सबसे छोटे हैं।इनकी शिक्षा आरएसके हायर सेकेंडरी स्कूल , तिरुचिरापल्ली में हुई थी ।अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे संगीत निर्माण के क्षेत्र मे काम करने लगे ।
उन्होंने तेलुगु लघु फिल्म अद्वैथम के लिए दो मूल गीतों सहित संगीत तैयार किया , वे समकालीन लोक संगीत बैंड “ला पोंगल” का भी हिस्सा थे, जिसमें उन्होंने 2009 में कुछ लाइव शो में प्रदर्शन किया था।संतोष ने आरए रहमान के एक साथी प्रवीण मील के साथ शूरूआत की थी।गायक के रूप मे उनके द्धारा गाये जाने वाले गीत
साल | फ़िल्म | गीत |
2014 | जिगरथंडा | “बेबी” |
2015 | एनाक्कुल ओरुवन | “एंडी इप्पादी” |
2015 | 36 वायथिनिले | “नालु कज़ुधा” |
2016 | कधलुम कदंधु पोगुम | “का का का पो”, “बोंगु किचन” |
2016 | रेमो | “दावुया” |
2016 | इरैविक | “कादल कप्पल” |
2016 | कश्मोरा | “ढिक्कू धिक्कू सर” |
2017 | सर्वर सुंदरम | “भाई” |
2017 | विज़िथिरु | “पोन विधि” |
2018 | परियेरम पेरुमल | “करुप्पी”, “नान यार” |
2019 | ए 1 | “चित्तुक्कू” |
2020 | जिप्सी | “बहुत बहुत बुरा” |
2021 | गुरुजी | “पोलकट्टम पारा पारा” |
Santhosh Pandit
संतोष पंडित एक भारतीय फिल्म अभिनेता, गायक, और सेलिब्रेटी हैं।फिल्म कृष्णनम राधायम इनकी सुपरहिट और वायरल हुई थी।सुपरस्टार संतोष पंडित नामक एक दूसरी फिल्म काफी सुपरहिट हुई ।
पंडित 2013-2014 के मलयालम रियलिटी टीवी शो मलयाली हाउस में सूर्य टीवी पर प्रसारित हुए ।19 July 2013 को एक सोसल मिडिया अभियान की वजह से इनको कार्यक्रम के अंदर से निकाल दिया गया था।
साल | शीर्षक | चरित्र |
2011 | कृष्णनम राधायुम | जॉन |
2012 | सुपरस्टार संतोष पंडित | जीतू भाई |
2014 | मिनिमोलुडे आचान | आदित्य वर्मा |
कालिदासन कवितायेझुथुकायनु | काली | |
2016 | टिंटुमोन एना कोडेश्वरन | टिंटुमोन |
2017 | ओरु सिनेमक्करानो | अपनी तरह |
मास्टरपीस | कॉलेज चपरासी | |
नीलिमा नल्ला कुट्टियानु बनाम चिरंजीवी IPS | चिरंजीवी आईपीएस और अनिरुद्ध | |
2018 | उरुक्कू सतीशानो | चिम्पुमोन |
2019 | ब्रोकर प्रेमचंद्रन्ते लीलाविलासंगल |
Santosh Rana
संतोष राणा का जन्म और मौत 1942 – 29 जून 2019 को हुई थी। यह एक भारतिये राजनीतिज्ञ थे ।राणा को 2018 में उनकी पुस्तक रजनीतिर एक जीवन के लिए आनंद पुरस्कार मिला था।1960 के दशक में, संतोष राणा कलकत्ता विश्वविद्यालय , राजाबाजार साइंस कॉलेज में एक शोध के अंदर हिस्सा ले रहे थे । 1967 में पश्चिम बंगाल में पहली संयुक्त मोर्चा सरकार सत्ता में आई और 1969 में भाकपा(माले) ने एक नई क्रांतिकारी पार्टी की शुरुआत की । और यह भाकपा के समर्थक थे ।संतोष राणा ने अपनी पीएचड़ी को अधुरी छोड़ दिया ।
इस समय किसान जमिंदारों से काफी परेशान थे ।20,000 से अधिक लोग जमिंदारों के घरों मे घुस गए और उनके हथियारों को जब्त कर लिया ।यह हिंसा नहीं वरन जनता का विरोध था।
सत्तर के दशक की शुरुआत में भाकपा (माले) आंदोलन बिखरने लगा और 1971-72 तक यह चरमरा गया। संतोष राणा ने 1971 में चारु मजूमदार के एक संगठन मे प्रवेश कर लिया ।
व्यक्तिगत विवरण | |
उत्पन्न होने वाली | 1942 गोपीबल्लवपुर, पश्चिम बंगाल, भारत |
मर गए | 29 जून 2019 (आयु ७६) |
राजनीतिक दल | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (1969-1972) पीसीसी, सीपीआई (एमएल) (1972-2016) |
जीवनसाथी | जयरश्री (तलाकशुदा) |
बच्चे | 1 |
अल्मा मेटर | प्रेसीडेंसी कॉलेज , कलकत्ता विश्वविद्यालय , राजा बाजार साइंस कॉलेज |
Santosh Sahukhala
इनका जन्म 10 January 1988 ई को हुआ था। और यह एक फुटबाल खिलाड़ी हैं।बचपन में वह मध्यपुर फुटबॉल क्लब में खेलते थे। उनके बड़े भाई बाल गोपाल साहूखला भी एक पेशेवर फुटबॉलर हैं। और 8 साल के अंदर ही इन्होंने फुटबाल खेलना शूरू कर दिया था।
उन्होंने मनांग मर्सयांगडी क्लब के लिए हस्ताक्षर किए , जो उनके हस्ताक्षर के समय सबसे अधिक भुगतान पाने वाले नेपाली फुटबॉलर बन गए।
कोच ग्राहम रॉबर्ट्स ने उन्हें अनुशासनात्मक आधार पर तिमोर लेस्ते के खिलाफ क्वालीफायर के लिए राष्ट्रीय टीम से हटा दिया । वह कॉल के बावजूद अभ्यास के लिए उपस्थित नहीं थे।
Santosh Saroj
संतोष सरोज एक बॉलीवुड पटकथा लेखक और संवाद लेखक हैं।मुकुल आनंद के साथ उनका सहयोग सबसे सफल रहा, अग्निपथ और खुदा गवाह जैसी फिल्में काफी सफल रही । उन्होंने टीनू आनंद, फिल्म की लाइक कालिया , शहंशाह और मेजर साब के लिए लिखा।इन्होंने कुछ फिल्मों की पटकथा को लिखा । इनमे से कुछ के नाम इस प्रकार से हैं।
- कालिया – 1981
- बुलुंडी -1981
- प्यार में सौदा नहीं – 1982
- वक्त वक्त की बात – 1982
- नाम ओ निशान -1987
- शहंशाह -1988
- एक ही मकसद -1988
- अग्निपथ -1990
- आज का अर्जुन – 1990
- दूध का कर्ज -1990
- इज्जत – 1991
- गुणगार कौन -1991
- खुदा गवाह -1992
- पुलिस अधिकारी – 1992
- फूल और अंगार – 1993
- कृष्णा अवतार – 1993
- आदमी -1993
- जय किशन – 1994
- क्रांति क्षेत्र -1994
- इंसाफ अपने लहू से -1994
- आ गले लग जा -1994
- विजेता -पटकथा और संवाद-1996
- जंग -स्टोरी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग्स-1996
- कृष्णा -1996
- दानवीर-कहानी,-1996
- राजा की आएगी बारात – 1996
- मेजर साब -1998
- गैर -संवाद-1999
- क्रोध -पटकथा-2000
- बादल -संवाद-2000
- एक हिंदुस्तानी -2003
- सरफ..जिंदगी दिखती है -2008
Santosh Sivan
इनका जन्म 8 फरवरी 1964 को हुआ था।यह एक भारतीय छायाकार , फिल्म निर्देशक, निर्माता और अभिनेता हैं, जिन्हें मलयालम सिनेमा , तमिल सिनेमा और हिंदी सिनेमा में उनके कार्यों के लिए जाना जाता है।
फिल्म और टेलिविजन संस्थान के अंदर स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।वह इंडियन सोसाइटी ऑफ सिनेमैटोग्राफर्स (आईएससी) के संस्थापक सदस्य हैं और भारत में फोटोग्राफी के सबसे सम्मानित निदेशक (डीओपी) हैं।
2014 तक, उन्हें अपने कार्यों के लिए ग्यारह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और इक्कीस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन्हें 2014 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
इनका जन्म कलाकारों के घर हुआ था इनकी दादी इनको पैंटिंग और संगीत की शिक्षा देती थी।उनकी यात्राओं की वजह से उनका परिचय न्नीसवीं शताब्दी के भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा से हुआ । उनकी शिक्षा लोयोला स्कूल, तिरुवनंतपुरम और मार इवानियोस कॉलेज , तिरुवनंतपुरम में हुई थी ।
इनके पिता वृत्तचित्र बनाते थे । और यह भी अपने पिता की मदद करते थे ।दक्षिण भारत के सुदूर क्षेत्रों की इन यात्राओं के दौरान, उन्हें लोककथाओं और देश के लोगों की कहानियाँ भी सुनने का मौका मिला । इंडियन सोसाइटी ऑफ सिनेमैटोग्राफर्स के संस्थापक सदस्य और भारत में फोटोग्राफी के सबसे सम्मानित निदेशक संतोष ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान से स्नातक की उपाधि प्राप्त थी।
उत्पन्न होने वाली | 8 फरवरी 1964 (उम्र 57) हरिपद , केरल , भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अल्मा मेटर | भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणेमार इवानियोस कॉलेज, त्रिवेंद्रम |
व्यवसाय | छायाकार फ़िल्म निर्देशक अभिनेता चलचित्र निर्माता |
जीवनसाथी | दीपा ( मीटर। 1993) |
रिश्तेदारों | संगीत सिवन (भाई) संजीव सिवन (भाई) |
इनको मिलने वाले आवार्ड कुछ इस प्रकार के हैं।
- 1998 – द टेररिस्ट- काहिरा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
- 1998 – द टेररिस्ट- काहिरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन पिरामिड
- 1999 – मल्ली – शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फीचर फिल्म और वीडियो के लिए एडल्ट्स जूरी अवार्ड (दूसरा स्थान)
- 1999 – द टेररिस्ट – सिनेमैनिला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड जूरी पुरस्कार Prize
- 1999 – द टेररिस्ट – सिनेमोनिला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए लिनो ब्रोका अवार्ड
- 2000 – मल्ली- पॉज़्नान बकरी १८वें एले कीनो में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए इंटरनेशनल यंग ऑडियंस फिल्म फेस्टिवल
- 2000 – द टेररिस्ट – साराजेवो फिल्म फेस्टिवल में माननीय उल्लेख के लिए पैनोरमा जूरी पुरस्कार
- 2000 – सिएटल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स में मल्ली इमर्जिंग मास्टर्स शोकेस अवार्ड Award
- 2004 – मल्ली – लॉस एंजिल्स के भारतीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए ऑडियंस अवार्ड
Santosh Srinivas
संतोष श्रीनिवास रोवथु एक निर्देशक , पटकथा लेखक और छायाकार हैं जो मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में काम करते हैं ।संतोष का पालनपोषण विशाखापत्तनम मे हुआ था। इन्होंने अपने कैरियर की शूरूआत सिनेमैटोग्राफर से की थी।और इन्होंने एक छायाकार के रूप मे कई फिल्मों मे काम किया था। इनके द्धारा काम की जाने वाली फिल्में कुछ इस प्रकार से हैं।
साल | फ़िल्म | क्रेडिट |
2006 | खतरनाकी | छायांकन |
2007 | तककरी | छायांकन |
2008 | इंद्रधनुष | छायांकन |
2011 | कंदिरीगा | निदेशक |
2014 | राभास | निदेशक |
2016 | हाइपर | निदेशक |
2021 | अल्लुडु अधूर्स | निर्देशक और लेखक |
Santosh Thundiyil
संतोष थुंडियिल एक भारतीय छायाकार हैं । उन्हें कुछ कुछ होता है (1998), देवदूत (2000), कृष (2006), पिंजर (2003), राउडी राठौर (2012) और जय हो (2014) जैसी फिल्मों के अंदर काम किया था। और इन्होंने कई सफल फिल्में भी दी थी।
इन्होंने रसायन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। संतोष ने 1994 में भारत में प्रतिष्ठित एफटीआईआई , पुणे से छायांकन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया था।इनकी फिल्मोंग्राफी कुछ इस प्रकार से थी।
साल | फ़िल्म | भाषा: हिन्दी |
2019 | सेटर्स | हिंदी |
2018 | पेंगलिला | मलयालम |
2018 | नीराली | मलयालम |
2017 | न्यू यॉर्क में आपका स्वागत है | हिंदी |
2016 | रुस्तम | हिंदी |
2014 | जय हो | हिंदी |
2013 | जयंतभाई कि लव स्टोरी | हिंदी |
2012 | राउडी राठौर | हिंदी |
2011 | पटियाला हाउस | हिंदी |
2010 | तेरे बिन लादेन | हिंदी |
2010 | असंभव प्यार | हिंदी |
2009 | भाग्य | हिंदी |
2008 | आकाश गोपुरम | मलयालम |
2008 | टीपू कानन टीपू किरी | मलायी |
2006 | पलंकु | मलयालम |
2006 | क्रिश | हिंदी |
2005 | काल | हिंदी |
2005 | वक्त: द रेस अगेंस्ट टाइम | हिंदी |
2004 | रोक साको से रोक लो | हिंदी |
2003 | पिंजा | हिंदी |
2000 | तेरा जादू चल गया | हिंदी |
2000 | देवदूथन | मलयालम |
1999 | नमस्कार भाई | हिंदी |
1998 | कुछ कुछ होता है | हिंदी |
1998 | प्रणयवर्णांगली | मलयालम |
Santosh Vempala
इनका जन्म 18 October 1971 को हुआ था।वह जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान में कंप्यूटर विज्ञान के विशिष्ट प्रोफेसर हैं । उनका मुख्य कार्य सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में रहा है।
वेम्पाला ने बी.टेक किया। 1992 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में डिग्री हाशिल किया था।1997 में, उन्हें बर्कले में मिलर फैलोशिप से सम्मानित किया गया । इसके बाद, वह 2006 में जॉर्जिया टेक में स्थानांतरित भी कर दिया गया था।इनका प्रमुख कार्यसैद्धांतिक कम्प्यूटर विज्ञान के अंदर रहा था। इन्होंने एल्गोरिदम , यादृच्छिक एल्गोरिदम , कम्प्यूटेशनल ज्यामिति जैसी चीजों पर काम किया ।
संतोष वेम्पला | |
उत्पन्न | 18 October 1971 विशाखापत्तनम , भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अल्मा मेटर | कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय (पीएचडी) आईआईटी, दिल्ली (स्नातक) |
पुरस्कार | एसीएम के फेलो (2015) |
वैज्ञानिक कैरियर | |
खेत | कंप्यूटर विज्ञान |
संस्थानों | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान |
डॉक्टरेट सलाहकार | अव्रीम ब्लम |
Santosh Yadav
संतोष यादव का जन्म जन्म 10 अक्टूबर 1967 को हुआ था। और इन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट को फतह किया था।
D. Santosh
डी. संतोष त्रिची , तमिलनाडु , भारत के एक भारतीय फिल्म और थिएटर अभिनेता हैं । यह इनका जन्म सन 1976 को हुआ था।ह पीएसजी टेक , कोयंबटूर , तमिलनाडु से इंजीनियरिंग स्नातक हैं ।
अभिनय सीखने के लिए इन्होंने 1998 में अमोल पालेकर और भक्ति बर्वे द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में दाखिला दिलाया था।सत्यदेव दुबे की मुफ्त कार्यशालाओं में शामिल हुए और जल्द ही नाटकों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
2009 में, उन्हें शिमित अमीन निर्देशित और रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर में एक पोर्न-जुनूनी कार्यालय सहयोगी गिरि रेड्डी के रूप में इन्होंने काम किया था।इनकी के द्धारा की जाने वाली फिल्मों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।
साल | शीर्षक |
2002 | भगत सिंह की किंवदंती |
2003 | ज़मीं |
2004 | खाकी |
2004 | दीवार: आइए अपने नायकों को घर लाएं |
2005 | इकबाल |
2006 | अहिस्ता अहिस्ता |
2006 | जवानी दीवानी |
2007 | जोखिम |
2007 | यातायात संकेत |
2007 | राम गोपाल वर्मा की आग |
2007 | धमाल |
2008 | माई नेम इज एंथनी गोंसाल्वेस |
2009 | रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर |
2012 | सावधान मेरी जान |
2014 | भूतनाथ रिटर्न्स |
2014 | पिज़्ज़ा |
2017 | कमांडो 2 |
Ghulam Rasool Santosh
गुलाम रसूल संतोष का जन्म 1929 ई के अंदर हुआ था। और वे एक प्रमुख कश्मीरी चित्रकार और कवि थे। वह कश्मीर शैववाद से प्रेरित अपने विषयों के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते थे।इनको साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था।
इनका जन्म गुलाम रसूल पुराने श्रीनगर के चिंकराल मोहल्ला हब्बा कदल पड़ोस में मामूली साधनों के एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में हुआ था।और अपनी पिता की मौत के बाद इन्होंने स्कूल को छोड़ दिया ।इसके बाद इन्होंने रेशम की बुनाई और पेंट करने का कार्य भी किया ।10 मार्च, 1997 को नई दिल्ली , भारत में उनका निधन हो गया । उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
संतोष ने कश्मीरी में नाटक , कविता और निबंध भी लिखे । वह कश्मीरी शैववाद पर भी एक अधिकार था, और उन बहुत कम लोगों में से एक था जो शारदा नामक प्राचीन, और लगभग विलुप्त, कश्मीरी लिपि को पढ़ने मे सक्षम थे । इस लिपि को पढ़ने वाले अब शायद ही बचे हैं।
K. S. Ravindra
केएस रवींद्र एक भारतिय पटकथा लेखक हैं।जो तेलुगु सिनेमा में काम करते हैं । उन्होंने संतोषम फिल्म अवार्ड्स में पावर (2014) के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार जीता था।
केएस रवींद्र का जन्म और पालन-पोषण गुंटूर में हुआ था । बी.कॉम में स्नातक होने के बाद , रवींद्र ने 2003 में अपने फिल्मी करियर के अंदर प्रवेश किया था।चिन्ना कृष्णा के साथ वे जुड़ गए थे ।रवींद्र की शादी शतरंज खिलाड़ी हरिका द्रोणवल्ली की बड़ी बहन अनुषा से हुई थी। इनकी एक बेटी भी है।इनकी कुछ फिल्मे इसप्रकार से हैं
साल | फ़िल्म |
2008 | भद्राद्री |
2010 | वीरा परम्परा |
2010 | डॉन सीनु |
2011 | अरे मेरे दोस्त |
2012 | अंगरक्षक |
2012 | बालुपु |
2014 | अल्लुडु सीनु |
2014 | शक्ति |
2016 | सरदार गब्बर सिंह |
2017 | जय लव कुश |
2018 | पंथम |
2019 | वेंकी मामा |
N. Santosh Hegde
संतोष हेगडे का जन्म 16 June 1940 को हुआ था।भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश , भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हैं । और यह लोकपाल भी रह चुके हैं।
संतोष हेगड़े का जन्म तुलु भाषी बंट परिवार में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति केएस हेगड़े और उनकी पत्नी मीनाक्षी हेगड़े के यहां पर हुआ था । और यह छ बच्चों मे से एक थे ।
प्रारंभिक शिक्षा सेंट एलॉयसियस कॉलेज, मैंगलोर और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज , मद्रास में हुई। उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, बैंगलोर से अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा और बैंगलोर के सेंट्रल कॉलेज से बीएसी की डिग्री ली थी।
वह 2 अगस्त 2011 को कर्नाटक के लोकायुक्त के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद, वह टीम अन्ना के मुख्य सदस्य के रूप में 2011 में अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में शामिल हो गए। अगस्त 2012 में, उन्होंने टीम अन्ना को छोड़ दिया था।
Sanigaram Santosh Reddy
इनका जन्म 12 नवंबर 1942 को हुआ था। संताना, संतोष रेड्डी, मृधु स्वाभावी, पेडला पेननिधि जैसे नामों से भी इनको जाना जाता है।रेड्डी का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद जिले के मुचकुरु गांव में हुआ था।उन्होंने गिरिराज सरकारी कॉलेज निजामाबाद, उस्मानिया विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।यह अपने कॉलेज के दिनों मे से ही राजनिति से प्रभावित थे । और समाजवादी नेताओं से जुड़ना चाहते थे ।
1978 में, रेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ वाईएस राजा शेखा रेड्डी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारा चंद्र बाबू नायडू के साथ आर्मूर निर्वाचन क्षेत्र से आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप मे चुने गए ।
रेड्डी ने 1990-1991 में सड़क और भवन मंत्री और 1991-1992 में तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में नेदुरिमल्ली जनार्दन रेड्डी के मंत्रिमंडल में काम किया था।
V. Santhosh Kumar
इनका जन्म 15 November 1991 को हुआ था। भारत के एक शौकिया मुक्केबाज हैं। वह 61-64 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं। संतोष में रजत पदक जीता 2010 के एशियाई खेलों में आयोजित गुआंगज़ौ , चीन । उन्होंने ने हरा दिया दानियर येलययसिनोव की कज़ाकस्तान 16 के स्कोर से मुक्केबाज़ी मे स्वर्ण पदक जीता था।
सलोनी नाम की राशि saloni naam ki rashi
सुमित्रा नाम की राशि Sumitra naam ka rashi