दोस्तो इस लेख में हम सप्ताह का पर्यायवाची शब्द saptah ka paryayvachi shabd या सप्ताह का समानार्थी शब्द saptah ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । इसके अलावा सप्ताह शब्द से जुडी महत्वपूर्ण बातो पर चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द { saptah ka paryayvachi shabd / saptah ka samanarthi shabd} |
सप्ताह | हफ्ता, सात दिन, सात का समूह, सप्तवार, सप्तदिन, सात दिनो तक । |
सप्ताह (saptah) in hindi | athavaara, haphta, saat din, saat ka samooh, saptavaar, saptadin, saat dino tak . |
सप्ताह (Week) in English | Week, heptad, hebdomad, sennight. |
एक महिने के प्रत्यक सात दिनो तक के सयम को सप्ताह कहा जाता है । इसमे रविवार से लेकर शनिवार तक के सभी सात दिन आ जाते है । सप्ताह का अर्थ हफ्ता भी होता है जो की कुल सात दिनो का वार है । सप्ताह का अर्थ एक शब्द में –
रात का पर्यायवाची शब्द या रात का समानार्थी शब्द
दिन का पर्यायवाची शब्द // दिन का समानार्थी शब्द
पल का पर्यायवाची शब्द या पल का समानार्थी शब्द
राशि के सभी पर्यायवाची शब्द // rashi ka paryayvachi shabd
दोस्तो पुरानी सभयता में सात ग्राहो को बडा महत्व दिया जाता था । जिसके कारण से ही सात दिनो को चुना गया । और फिर इन्हे सप्त दिनो के नाम से जाना जाता था । प्रत्यक दिन का एक मुख्य ग्रह था । समय के चलते रहने से जब बेबीलोन सभ्यता का आरम्भ हुआ तो इन सात दिनो को एक हफ्ते के रूप मे जाना जाने लगा ।
अब इन हफ्तो का बडा महत्व था और समय के साथ साथ यही हफ्ते एक सप्ताह के नाम से जाना जाने लगा । इस तरह से सप्ताह शब्द की उत्पत्ति बेबीलोन सभ्यता से हुई मानी जाती है । इसके साथ ही वर्तमान में भी सप्ताह को कुल सात दिनो के रूप मे जाना जाता है ।
दोस्तो सप्ताह में सात दिना होना एक ज्योतिषि का आधार है । क्योकी प्राचिन समय में जो सभयता थी वह ग्रंहो को बडा महत्व देती थी । और सोर मंडल में कुल ग्रह नो है । मगर उनमे से ही सात ग्रहो का प्रभाव मनुष्य पर पडता है ऐसा ज्यातिषियों का मानना था ।
इसी कारण से कुल सात दिन को ही चुना गया और प्रत्यक दिन को एक ग्रह से जोड दिया गया था । इन ग्रहो के कारण से ही आज एक सप्ताह मे सात दिन होते है । मगर ग्रह नो है फिर भी सात ग्रंहो का महत्व देने के रूप मे सात दिन बनाए गए है ।
दोस्तो सप्ताह शब्द कुल सात दिनो का एक समूह होता है । जिसे हम रविवार से लेकर शनिवार तक के दिनो को सामिल करते है । यानि सप्ताह में कुल सात दिन होते है । और इन सातो दिनो को ही सप्ताह कहा जाता हैं। अगर एक भी दिन को निकाल दिया जाए तो उसे सप्ताह नही कहा जा सकता है । हालांकी सप्ताह का प्रथम दिन और सप्ताह का दूसरा दिन जैसे नामो से बुलाया जा सकता है ।
दोस्तो सप्ताह को कुल सात दिनो का माना जाता है और उनके नाम है –
यह सप्ताह का प्रथम दिन होता है । इस दिन को एक शुभ दिन के रूप मे जाना जाता है और साथ ही सरकारी कार्यकाल में काम कर रहे लोगो को एक दिन का अवकाश प्रदान करने का यह प्रथम दिन है। इसी दिन सप्ताह मे अवकाश रखा जाता है । रविवार शब्द की उत्पत्ति सूर्य के रवि नाम से हुई है क्योकी रविवार के ग्रह को रवि या सूर्य ही बताया जाता है । इसके बाद में आने वाला दिन सोमवार होता है ।
इस दिन का नाम सोम से पडा है । इस दिन को भगवान शिव का दिन कहा जाता है यही कारण है की सोमवार का व्रत भगवान शिव के नाम पर ही किया जाता है । सोमवार का दिन सप्ताह का दूसरा दिन होता है जो की मंगलवार से पहले आ जाता है । यानि मंगलवार का दिन इसके बाद में आता है ।
यह सप्ताह का तीसरा दिन होता है । इसके ग्रह का नाम मंगल होता है और इसी ग्रह के नाम पर इस दिन का नाम मंगलवार रखा गया है । इस दिन को भगवान हनुमान का दिन कहा जाता है और यही कारण होता है की हनुमानजी की पूजा पाठ इसी दिन होता है । हनुमान का दिन होने के कारण से कहा जाता है की इस दिन सब कुछ मंगल ही मंगल होता है ।
यह मंगल ग्रह से मंगलवार दिन के बाद मे आने वाला सप्ताह का चोथा दिन होता है । इस दिन का नाम भी एक ग्रह पर रखा गया है जिसका नाम बुद्ध ग्रह होता है । क्योकी इसका नाम भगवान बुद्ध के नाम पर भी बताया जाता है मगर प्राचिन सभ्यता के अनुसार दिनो को ग्रहो के अनुसार उत्पन्न किया गया है ।
जिससे इसका नाम भगवान बुद्ध पर नही होता बल्की बुद्ध ग्रह पर होता है । मगर इस दिन को भगवान बुद्ध का दिन कहा जाता है । इसी कारण से भगवान बुद्ध की बडी धुम धाम से पूजा होती है ।
सप्ताह के चोथे दिन बुधवार के बाद में 5 वां दिन यही होता है । माना जाता है की यह दिन मुसलमानो के लिए बहुत ही अहम होता है क्योकी यह दिन उनके लिए जुमेरात होता है । क्योकी अगले ही दिन जुम्मा पढने वाला दिन आता है । जिसके कारण से रात को जुमेरात के नाम से जानते है ।
अगले दिन का मुसलिम लोग बडा इंतजार करते है । हालाकी हिंदु धर्म मे इस दिन को बृहस्पति देव का दिन कहा जाता है । क्योकी इसका नाम गुरूवार है तो इसे गुरू का दिन भी कहा जाता है ।
अक्सर सप्ताह के दिनो को अलग अलग क्रम में बाटा गया है और यह दिन सप्ताह का 6 वा दिन है । यह दिन मुख्य रूप से मुसलिम लोगो के लिए बडा अहम होता है क्योकी इस दिन मुसलिम लोग जुमा पढते है ।
क्योकी जुमा पढा जाता है तो इस्लाम में भी इस दिन का बडा महत्व होगा। यह सच है क्योकी इस्लाम में बताया जाता है की यह दिन बाकी दिना से पवित्र है । वही पर अगर हिदू धर्म की बात करे तो इस दिन की उत्पत्ति शुक्र ग्रह से हुई है । क्योकी शुक्र ग्रह के नाम पर ही इस दिन का नाम रखा गया है ।
सप्ताह के बाकी दिनो में से सबसे अहम दिन इसी को माना जाता है । क्योकी यह सप्ताह का अंतिम दिन होता है । इसके अलावा सरकारी कार्यकाल मे इस दिन में आधा अवकाश भी रखा जाता है । अगर हिंदू धर्म की बात करे तो इस दिन को शनिदेव से जोडा जाता है जो की सूर्यदेव के पूत्र है और यमुना के भाई । यह शनिदेव वही है जो कर्म के अनुसार दंड देते है शनिदेव की साढे साती के नाम पर इन्हे पहचाना जा कसता है ।
इस तरह से सप्ताह के इन सात दिनो को अलग अलग महत्व रखा जाता है । और अलग धर्म मे इनका महत्व भी अलग अलग होता है।
दोस्तो सप्ताह में कुल सात दिन होते है और उनमे से सबसे पहला दिन रविवार का ही होता है । और इस दिन ही राजकिय अवकाश रखा जाता है । हालाकी सप्ताह के इस दिन छुट्टी होना 1843 में शुरू कर दिया था । मगर उस समय इस आदेश को लागू नही किया गया था । क्योकी उस समय अंग्रेजो का सासनकाल था तो अंग्रेजो ने इसे नही लागू किया ।
अगर भारत की बात करे तो मजदुरो के लिए इस नियम को लागू करने की माग रखी गई थी । क्योकी उस समय मजदूरो को इतना भी समय नही दिया जाता था की वे अपना पेट आराम से भर सके । जिसके कारण से मजदूरो को बडी परेशानी उठानी पडती थी । और यह 10 जून, 1890 सफल बन सका था ।
हालाकी 1986 में अंग्रेजो ने छूट्टी प्रदान कर दी थी मगर यह केवल स्कूल मे अध्ययन करने वाले विधाथियो के लिए थी सभी मजदूरो के लिए नही था । वही अगर रविवार के छुट्टी की शुरूआत की बात करे तो यह 1843 मे शुरू हो गई थी ।
दोस्तो आज मानव अपना जीवन गुजार रहा है और हर एक दिन बितता जाता है। इस तरह से इन दिनो को एक एक नाम से जाना जाता है । जैसे रविवार से लेकर शनिवार तक । इस तरह से दिनो का यह क्रम जारी रहता है और कुल सात दिन बनते है ।
यानि सात दिनो के बाद मे यही सात दिनो का वापस चले आते है । यानि रविवार सें अंत मे शनिवार के बाद मे फिर से रविवार आ जाता है। इस तरह से कुल सात दिन बनते है और इन सात दिनो को ही एक सप्ताह कहा जाता है । असल मे सप्ताह के दिनो की उत्पत्ति सात ग्रहो से मानी जाती है ।
दोस्तो अगर माना जाए की इन सात दिनो को मिलाकार हम सप्ताह कहते है वह सप्ताह शब्द न हो और केवल सात दिन हो । तो यह सात दिनो का क्रम तो इसी तरह से जारी रहेगा । मगर हम यह नही कह सकते है की कुल एक सात दिन चले गए है दो सात दिन चले गए है । यह कहने मे बडा ही अटपटा लगता है ।
और इस तरह से हम दिनो को नही समझ पाते है और उनका हिसाब नही रख पाते है । मगर वही अगर इन सात दिनो का एक समूह बना कर सप्ताह नाम दिया जाता है तो यह बता सकते है की आज 4 सप्ताह बित गए है । इस तरह से कहने में भी अटपटा नही लगता और समझ मे भी आ जाता है की 4 सप्ताह बितने का अर्थ 28 दिन बित गए है । इस तरह से सप्ताह का मानव जीवन मे महत्व होता है ।’
जी हां , क्योकी ऐसे एक कारण नही है बल्की बहुत से ऐसे कारण है जिनके आधार पर यह कहना बिल्कुल गलत नही होगा की मानव के लिए सप्ताह जो होता है वह उपयोगी है की नही ।
क्योकी आपको पता है की सप्ताह कें दिनो को हिंदू धर्म में अलग अलग देवी देवताओ के आधार पर बाटा जाता है और प्रत्येक दिन का पुराणो मे एक अलग महत्व माना जाता है तो इन सभी बातो के आधार पर कहना गलत नही होगा की सप्ताह मानव के लिए उपयोगी है।
दोस्तो यह जो सप्ताह का लेख है उसके अंदर आप यह सब बातो को पढते है और फिर आप समझ सकते है की किस तरह से सप्ताह मानव के लिए उपयोगी है ।
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