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30+ सरस्वती के पर्यायवाची शब्द और मां सरस्वती के बारे में अनोखी जानकारी

‌‌‌दोस्तो हम इस लेंख मे जानेगे की सरस्वती का पर्यायवची शब्द saraswati ka paryayvachi shabd या सरस्वती का समानार्थी शब्द saraswati ka samanarthi shabd क्या होते है साथी जानेगे की सरस्वती कोन थी और इसके बारे में रोचक तथ्य और भी बहुत कुछ तो इस लेख को ध्यान से पढते है ।

सरस्वती का पर्यायवची शब्द या सरस्वती का समानार्थी शब्द { saraswati ka paryayvachi shabd ya saraswati ka samanarthi shabd}

शब्द {shabd}पर्यायवची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}
सरस्वतीविद्या की देवी, ब्राह्मी, भारती, गो, गिरा, सुष्टु, वागीश, महाश्वेता, भाषा, वाचा, विधात्री, धनदा, धनेश्वरी, श्री, बाक्, इग, ईश्वरी, वर्णमातृका, सन्ध्येश्वरी, वाक्येश्वरी, वाक्, वाणी, शारदा, इला, वोणापाणि, काव्य प्रतिभा, गंभीर विचार, कवित्वशक्ति, ‌‌‌भारतीय माता, ‌‌‌हिंदू देवी, ‌‌‌वीणा की देवी, ‌‌‌ज्ञान की देवी
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‌‌‌‌‌

30+ माता सरस्वती के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट || List of 30+ synonyms of Mata Saraswati

1.            विद्या की देवी (Goddess of Knowledge)

2.            ब्राह्मी (Brahmi)

3.            भारती (Bharati)

4.            गो (Go)

5.            गिरा (Gira)

6.            सुष्टु (Sushtu)

7.            वागीश (Vagish)

8.            महाश्वेता (Mahashweta)

9.            भाषा (Bhasha)

10.          वाचा (Vacha)

11.          विधात्री (Vidhatri)

12.          धनदा (Dhanada)

13.          धनेश्वरी (Dhaneshwari)

14.          श्री (Shri)

15.          बाक् (Bak)

16.          इग (Ig)

17.          ईश्वरी (Ishvari)

18.          वर्णमातृका (Varnamatruka)

19.          सन्ध्येश्वरी (Sandhyeshwari)

20.          वाक्येश्वरी (Vakyeshwari)

21.          वाक् (Vak)

22.          वाणी (Vaani)

23.          शारदा (Sharada)

24.          इला (Ila)

25.          वोणापाणि (Vonapani)

26.          काव्य प्रतिभा (Kavya Pratibha)

27.          गंभीर विचार (Gambhir Vichar)

28.          कवित्व-शक्ति (Kavitva-Shakti)

29.          भारतीय माता (Bharatiya Mata)

30.          हिंदू देवी (Hindu Devi)

31.          वीणा की देवी (Veena Ki Devi)

32.          ज्ञान की देवी (Gyan Ki Devi)

सरस्वती कोन है ‌‌‌who is saraswati –

‌‌‌सरस्वती को हिंदू धर्म की एक प्रमुख देवी माना जाना जाता है जिसे वीणा की देवी भी कहा जाता है क्योकी इनके हाथों मे वीणा हमेशा ही देखने को मिल जाती है । इसके अलावा सरस्वती को साहित्य, संगीत, कला की देवी भी कहा जाता है और इनकी पूजा की ‌‌‌जाती है ।

‌‌‌ ‌सरस्वती का हिंदी में अर्थ Meaning of Saraswati in hindi

  1. ‌‌‌स्वयं का सार ।
  2. विद्या देने वाली देवी यानि विद्या की देवी ।
  3. रागिनी जो अपनी ‌‌‌वीणा से मनभावन राग गाति हो रागिनीदेवी ।
  4. ‌‌‌वीणा को धारण करने वाली देवी ।
  5. शिक्षा की देवी ।
  6. संगित की देवी ।
  7. हिंदू धर्म की एक ऐसी देवी जो विद्या की देवी के रूप मे जानी जाती है ।
  8. हिंदू धर्म की एक ऐसी देवी जीसका वाहन हंस होता है ।
  9. ‌‌‌जल की देवी ।
  10. ‌‌‌भारतीय देवी ।
  11. भाषा की एक ऐसी देवी जो भाषा का ज्ञान कराती है ।

‌‌‌सरस्वती का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग , use of synonyms of saraswati in sentence

  • ‌‌‌बच्चे को मांता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए ताकी उसका दिमाग काम करे और वह ज्ञान हासिल कर सके ।
  • विधार्थी अपने जीवन में सरस्वती को माता मान कर पूजा करता है।
  • अरे भाई रामलाल का लडका 10 कक्षा में पास आता क्यो नही वह दिन रात माता विद्या की देवी की पूजा जो करता है ।
  • भारत के हिंदू धर्म ने कवित्वशक्ति ‌‌‌को भारतिय माता के रूप मे देखा है ।
  • तुम संगित क्या सिख पाओगे तुम तो संगित की देवी माता ‌‌‌वीणा की देवी की इज्जत करना भी नही जानते हो ।
  • रामलाल जब मेरे पास वीणा बजाना सिखने के लिए आया तो उसने देखते ही वीणा को वागीश मान कर उसे अपने माथे से लगाया तब मैं समझ गया की यह वीणा बहुत जल्दी सिख जागा ।
  • ‌‌‌मीरा दिन रात मां भाषा की वीणा बजाते हुए अपने प्रभु श्री कृष्ण को याद करती रही जिसके कारण से उस पर प्रभु ने एक कष्ट भी नही आने दिया ।
  • तुम आजकल के पढे लिखे नोजवान क्या जान पाओगे की वीणा क्या चीज होती है ।
  • ‌‌‌किशोरी तो इस तरह से वीणा बजाती है जैसे मानो की स्वयं मां शारदा उस मे विराजमान हो तभी उसकी चरचा दूर दूर तक है ।

‌‌‌सरस्वती के बारे मे रोचक तथ्य, Interesting facts about Saraswati

  • ‌‌‌माता सरस्वती जिसे ज्ञान की देवी माना जाता है उसकी पूजा बंसत पंचमी के दिन होती है ।
  • अगर कोई छोटा बच्चा होता है जिसने अभी तक लिखना शुरू नही किया होता है तो बसंत पंचमी के दिन मांता सरस्वती को याद कर कर उससे कुछ लिखवाया जाए तो अच्छा माना जाता है ।
  • आपको जान कर ‌‌‌हैरानी होगी जब ब्रहमाजी ने ‌‌‌सृष्टि की रचना की तो चारो तरफ शांति थी यह देखते हुए ही मां सरस्वती की उत्पत्ति की गई ।
  • ‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की जब ब्रहमाजी ने अपने कमण्डल से जल छिड़का तब मां सरस्वत का जन्म हो गया ।
  • कुछ ग्रथो मे बताया जाता है की जब माता ने पहली बार वीणा को अपने हाथ में लिया तो धरती का रोम रोम जगमगाने लगा था और सभी आनन्दित होकर नाचने लगे थे ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की  सनातन धर्म शास्त्रों में ‌‌‌बताया गया है की ब्रहमा की पत्नि और एक विष्णु की पत्नी दोनो को ही सरस्वती कहा गया है इस तरह से दो सरस्वती का वर्णन मिलता है ।
  • आपको जानकारी न होगी की जो विष्णु की पत्नी सरस्वती है वह ब्रहमा जी से उत्पन्न हुई पुत्री है ।
  • कुछ ग्रंथ ऐसे भी है जो कहते है की सरस्वती न तो एक है और न ‌‌‌दो ही ‌‌‌बल्की सरस्वती कुल तीन है जो ब्रहमा की पत्नी व उसकी पुत्री व विष्णु की पत्नी है ।
  • विष्णु पत्नी सरस्वती वैकुण्ठ में रहती है ।

  • महाकवि कालिदास, वरदराजाचार्य, वोपदेव जैसे की कुछ अन्य जो मंद बुद्धि के थे और जब उन्होने माता सरस्वती का आवाहन किया तो माता ने प्रकट होकर उन्हे ज्ञान देकर विद्वान् बना दिया था उस दिन कें बाद में माता को ज्ञान की देवी कहा जाने लगा ।
  • जैन धर्म में भी माता सरस्वती का वर्णन देखने को मिलता है ।
  • ‌‌‌क्योकी यह ब्रहमा की पत्नी के रूप में जानी जाती है जिसके कारण से इसे ब्रह्मणी के नाम से भी जाना जाता है ।
  • नदी में वास करने के कारण से सरस्वती को नदियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी जाना जाता है ।
  • सत्य लोक में रहने के कारण से सरस्वती को सत्य के रूप में जाना जाता है ।
  • आपने सरस्वती ‌‌‌को हंस पर विराजमान देखा होगा साथ ही कमल पर विराजमान देखा होगा तो ये दोनो इसके वाहन है और कमल इन्हे ब्रहमा की पत्नी होने पर प्राप्त हुआ था ।
  • ‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की सरस्वती का वर्णन लगभग सभी ‌‌‌शास्त्रों व ग्रंथो मे वर्णन मिल जाता है ।
  • सरस्वती का वाहन मोर भी होता है यही कारण है की कुछ स्थानो पर इनके साथ मोर भी देखने को मिलता है ।

‌‌‌ सरस्वती का जन्म कैसे हुआ था, How was Saraswati born?

देवी सरस्वती के बारे मे अनेक ग्रंथो मे अनेक बाते पता चलती है । किसी ग्रंथ मे कहा गया है की सरस्वती मां भगवान ब्रह्मा की पत्नी है तो कोई ग्रंथ कहता की वह उकनी पुत्र है साथ ही यह भी सुनने को आता है की विष्णु की पत्नी भी सरस्वती है । इन सब बातो ‌‌‌के चलते कुल तीन सरस्वती मानी जाती है । जिनमें ‌‌‌से ब्रह्मा के द्वारा उत्पन्न हुई सरस्वती के बारे मे बहुत कुछ जानकारी पुराणो मे मिल जाती है ।

ब्रह्मा ने किया मां सरस्वती का जन्म, Brahma gave birth to Mother Saraswati

‌‌‌पुराणो मे पढने को मिलता है की जब ब्रहमाजी को भगवान विष्णु ने अपनी नाभी से प्रकट किया और उन्हे सृष्टि निर्माण की आज्ञा दे दी । तो ब्रहमाजी सृष्टि ‌‌‌निर्माण की आज्ञा का पालन करते ‌‌‌हुए सृष्टि निर्माण करने लगे थे । पुराणो और ग्रंथा मे बताया जाता है की जब ब्रहमाजी ने पहला जीव बनाया तो वह एक मनुष्य का जीवन था । इसके बाद में धीरे धीरे अन्य जीव बनाए गए थे ।

इस तरह से सृष्टि में जीवन की शुरूआत हो गई । मगर अभी भी इन सभी में एक कमी रह गई थी । सभी बोल नही पा रहे थे सभी अपने आप ‌‌‌में उदासी महसुस कर रहे थे । यह देख कर ब्रहमाजी को लगा की उनकी सृष्टि निर्माण में भी अभी बहुत कमी रह गई है ।

इस तरह से सोचा तो ब्रहमजी को ख्याल आया की वह एक ऐसा और जीवन बनाएगा जिसके कारण से सारी की सारी सृष्टि खिल उठेगी । ऐसा सोच कर ब्रहमजी ने तुरन्त ही‌‌‌ कमंडल से जल लेकर पृथ्वी पर छिडक दिया और भगवान विष्णु की ध्यान किया ।

जीसके कारण से इससे एक महिला की उत्पत्ति हुई । इसके हाथो में सबसे पहले ब्रहमाजी को वीणा नजर आई फिर इन्हे इसके बाकी के हाथ दिखाई दिए और उनमें पुस्तक व माला नजर आई । यह एक बहुत ही सुन्दर देवी थी जिसे आज सरस्वती ‌‌‌कें नाम से जाना जाता है । जब ब्रहमाजी ने यह सब देखा तो उन्हे वीणा सुनने की इच्छा हुई ।

जब इस बारे मे सरस्वती को कहा तो उन्होने वीणा बजानी शुरू कर दी । इस वीणा की आवाज इतनी मधुर थी की सुनने मात्र पूरी की पूरी पृथ्वी में चहल पहल हो गई और सभी ‌‌‌जीव जन्तुओं मे आवाज आ गई । यह देख कर ब्रहमाजी बडे खुश हुए क्योकी उन्होने इसी के लिए तो सरस्वती का जन्म किया था जो अब पूरा हो गया था ।

इस तरह से ब्रहमा जी ने ही माता सरस्वती का जन्म किया था । ‌‌‌जीस ‌‌‌दिन मांता सरस्वती का जन्म हुआ वह दिन वसंत पंचमी का होने के कारण से ही माता की पूजा वसंत पंचमी के दिन बडी जोरो सोरो से होती है ।

‌‌‌ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती का जन्म, Birth of Saraswati, wife of Brahma

इस कथा के बारे मे मत्स्य पुराण में पढने को मिलता है । इसमें बताया गया है की ब्रह्मा जब विष्णु की आज्ञा से सृष्टि निर्माण ‌‌‌करना शुरू ‌‌‌किया तो सबसे पहले उन्होने एक महिला को जन्म दिया । यह महिला और कोई नही बल्की स्वयं सरस्वती थी । क्योकी यह ब्रहमा से ‌‌‌उत्पन्न हुई थी जिसके कारण से यह उन्हे अपने पिता मानती थी ।

मगर ब्रहमा सृष्टि निर्माण करना चाह रहे थे जिसके कारण से उन्होने ही इससे विवाह कर लिया और फिर सृष्टि निर्माण के लिए सबसे पहले एक बालक को जन्म दिया । यह बालक विष्णु और ब्रहमा दोनो के गुणो से मिलकर बना था क्योकी ब्रहमा ‌‌‌में विष्णु की शक्तिया थी । जिसके कारण से इन्हे सरस्वती ने ही शंभु नाम दिया ।

यह बालक या शंभु पहले पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य बने थे । इस तरह से ब्रहमा ने जीसकी उत्पत्ति की ‌‌‌उसी को अपनी पत्नी बना लिया गया जिसके कारण से ही ब्रहमा के बारे मे कहा जाता है की सरस्वती उनकी पत्नी है ।

‌‌‌‌‌‌सरस्वती को वीणा की देवी क्यो कहते है, Why is Saraswati called the Goddess of Veena?

‌‌‌जब ब्रह्मा ने सरस्वती का जन्म किया तब उनके हाथों मे एक वीणा थी । जो देखने में बहुत ही सुंदर थी। इस वीणा को देख कर ब्रहमा ने सरस्वती को वीणा बजाने के ‌‌‌लिए कहा । ब्रहमा की आज्ञा का पालन करते हुए सरस्वती ने इस वीणा को बजाया । जिसके कारण से ब्रहमा तो खुश हुए थे ही मगर साथ में पूरी की ‌‌‌पूरी सृष्टि खुश हो गई ।

सरस्वती की वीणा में इतनी शक्ति थी की हर जीव जन्तु में वाणी आ गई वे सभी बोलने लग गए थे । जिसके कारण से पूरी सृष्टि में चहल पहल मच गई । जब ब्रहमा ने यह देखा तो सरस्वती को वरदान देते हुए कहा की आज से तुम्हे सृष्टि में वीणा की देवी के नाम से जाना जाएगा । उसी दिन ‌‌‌कें बाद मे सरस्वती को वीणा की देवी कहा जाने लगा ।

सरस्वती को विद्या की देवी क्यो कहा जाता है, Why is Saraswati called the goddess of learning?

‌‌‌अनेक ग्रंथो में बताया गया है की जब सरस्वती का जन्म हुआ तो वह दिन वसंत पंचमी का था साथ ही बताया जाता है की सरस्वती के जन्म के समय से ही उनके हाथों मे वीणा और पुस्तक व माला थी । क्योकी जब किसी के पास किसी प्रकार का ज्ञान नही था मगर उनके हाथों मे जो पुस्तक थी वह ज्ञान देने का काम करने लगी ‌‌‌तो इसे विद्या के देवी के नाम से जाना जाने लगा ।

और धिरे धिरे इनकी पूजा होने लगी थी । वर्तमान में सरस्वती की पूजा विद्या ग्रहण करने के लिए बहुत अधिक होती है । साथ ही इनके जन्म दिन के समय यानि वसंत पंचमी के दिन अगर किसी छोटे बच्चे को पहली बार कुछ शब्द लिखाए जाते है तो माना जाता है की ‌‌‌सरस्वती उस पर अपनी कृपा कर कर उसे विद्या देती है । यही कारण है की इसे विद्या की देवी के नाम से जाना जाता है ।

मंद बुद्धि के लोग सरस्वती की पूजा करने से होते है विद्धवान, People of retarded intelligence become wise by worshiping Saraswati.

इस बारे में कुछ जगहो पर पढने को मिला है की जीस जीस ने सरस्वती की पूजा की है उसे ज्ञान हासिल हुआ है । और वह मंद बुद्धि का होने के बाद भी विद्धवान जैसे कार्य करने लगे थे । जिस तरह से महाकवि कालिदास, वरदराजाचार्य, वोपदेव आदि के बारे मे ‌‌‌बताया जाता है की यह सभीमंद बुद्धि के लोग थे ।

मगर इन्होने माता सरस्वती की पूजा की थी जिसके बाद में ये इतने विद्धवान बन गए थे । यह बात कितनी सच है यह तो पता नही मगर ऐसा माना जाता है की जो भी इनकी पूजा करता है वह सच में विद्धवान बनता है । और यही कारण है की वसंत पंचमी के दिन आज सरस्वती की ‌‌‌पूजा होती आ रही है ।

माता सरस्वती क्या मानव के लिए उपयोगी है, Is Mata Saraswati useful for humans

हां, क्योकी माता सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है और ज्ञान की देवी होने के कारण से माता सरस्वती हमे काफी कुछ ज्ञान देने का काम करती है । हमे यह बताती है की कैसे बोलना है और कब क्या करना है यह बताती है ।

इसके अलावा जीवन में सफल होने के लिए भी आज के समय में इस ज्ञान की जरूरत होती है तो इसका मतलब है की माता सरस्वती मानव के लिए जरूरी है।

इतना ही नही बल्की इसके अलवा माता सरस्वती विणा की देवी है जो की अनेक तरह के राग और ध्वनी के बारे में हमे ज्ञान देती है और यह सभी हमारे लिए जरूरी है तो इसका मतलब है की माता लक्ष्मी मानव के लिए उपयोगी है ।

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