शहर विलोम शब्द city opposite word in hindi

city ka opposite word kya hai शहर का विलोम शब्द क्या है shahar ka vilom shabd kya hai ?

शहर का विलोम शब्द या शहर का विलोम शब्द, शहर का उल्टा क्या होता है ? shahar ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
शहरgaanv,dehaat
shaharSatya

‌‌‌शहर का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों शहर का विलोम शब्द गांव होता है।वैसे आपको शहर का अर्थ बताने की जरूरत नहीं है। शहर एक ऐसा आबादी का संघन क्षेत्र होता है जहां पर लगभग सारी जरूरत की चीजें मिल जाती हैं। खैर यदि हम बात करें शहरी जीवन की तो दोस्तों शहरी जीवन अच्छा नहीं रह गया है।

‌‌‌शहर का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌शहरी लोगों की जीवन शैली भी अच्छी नहीं होती है।हालांकि शहरी लोगों के पास यहां पर रहने के अपने फायदे होते हैं। लेकिन यदि आपको प्रदूषण मुक्त और शांत जीवन चाहिए तो आपको ग्रामिण आबादी मे ही रहना होगा । शहर के अंदर भले ही अच्छी सुविधाएं आपको मिल जाती हैं लेकिन कुछ भी ऑरेजनल आपको नहीं मिल पाएगा।

‌‌‌अधिकतर शहरी लोग गाय और भैंस नहीं रखते हैं तो फिर उनको दूध खाने पीने के लिए मौल लेकर आना होता है। ऐसी स्थिति के अंदर दूध भी मिलावटी होता है। और इस तरह के मिलावटी दूध मे काफी नुकसान दायी चीजें होती हैं। इसके अलावा ‌‌‌शहरों के अंदर बहुत अधिक ध्वनी प्रदूषण होंता है। जिसकी वजह से एक शांत क्षेत्र मे रहने वाले इंसान को यह काफी अजीब लग सकता है। यदि आपका घर रोड़ के पास है तो यह आपके लिए काफी असहज हो सकता है।

‌‌‌इसके अलावा आपके पास खाने और बनाने के अलावा कोई काम नहीं होते है। हालांकि पुरूष काम करने के लिए जाते हैं लेकिन अधिकतर रूप से आप अधिक मेहनत नहीं करनें की वजह से शहरी लोग अधिक बीमार पड़ते हैं।

‌‌‌और सबसे बड़ी समस्या तो प्रदूषण है।प्रदूषण की वजह से कभी भी आपको साफ हवा सांस लेने के लिए नहीं मिल सकती है। क्योंकि हर समय वाहनों के धुएं से वातावरण खराब होता रहता है।

‌‌‌लेकिन यदि बात करें शहर मे रहने के फायदे की तो दोस्तों शहर मे रहने के भी कई सारे फायदे होते हैं।सबसे पहला फायदा तो यह है कि आपको सारी चीजें एक ही स्थान पर मिल जाती हैं आपको चीजों के लिए अलग अलग घूमने की आवश्यकता नहीं होती है। एक ही स्थान पर सारी चीजें मिल जाती हैं।

‌‌‌जैसे कि आपको डॉक्टर के पास जाना है या कोई सामान खरीदना है तो आपको शहर के अंदर काफी आसानी से मिल जाएगा । और गांव के अंदर यह नहीं मिल पाएगा । इस तरह से यह काफी बड़ा फायदा है।

‌‌‌शहर मे रहने का दूसरा फायदा यह है कि आपको काम आसानी से मिल जाता है। क्योंकि शहर मे कई तरह के काम चलते रहते हैं। और यदि किसी को काम की जरूरत है तो वहां पर आसानी से मिल जाएगा । जोंकि शहर मे रहने वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद चीज होगी ।

‌‌‌और यदि आप शहर मे रह रहे हैं तो गांव से शहर की यात्रा करने मे जो पैसा और समय खर्च होता है वह आसानी से बच जाता है। क्योंकि गांव के लोगों को कई बार शहर जाना पड़ सकता है। तो यह भी शहर मे रहने का एक फायदा है।

‌‌‌गांव का अर्थ और मतलब ?

एक गाँव एक समूहित मानव बस्ती या समुदाय है , जो एक गाँव से बड़ा है, लेकिन एक शहर से छोटा हैजिसकी आबादी आमतौर पर कुछ सौ से लेकर कुछ हज़ार तक होती है। , शहरी गाँव शब्द कुछ शहरी इलाकों के लिए भी लागू होता है। गाँव सामान्य रूप से स्थायी होते हैं, जिनमें निश्चित आवास होते हैं ; हालाँकि, क्षणिक गाँव हो सकते हैं। इसके अलावा, एक गाँव के आवास एक दूसरे के काफी करीब होते हैं, न कि एक छितरी हुई बस्ती के रूप में, परिदृश्य पर व्यापक रूप से बिखरे हुए नहीं ।

अतीत में, गाँव उन समाजों के लिए समुदाय का एक सामान्य रूप थे जो निर्वाह कृषि का अभ्यास करते थे , और कुछ गैर-कृषि समाजों के लिए भी। में ग्रेट ब्रिटेन , एक हेमलेट जब यह एक निर्मित एक गांव के नाम से जाना करने का अधिकार प्राप्त चर्च ।  कई संस्कृतियों में, कस्बे और शहर कम थे, जिनमें आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा रहता था। औद्योगिक क्रांति मिलों और कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया; लोगों की सघनता के कारण कई गाँव कस्बों और शहरों में विकसित हुए। इसने श्रम और शिल्प की विशेषज्ञता और कई व्यापारों के विकास को भी सक्षम बनाया। शहरीकरण की प्रवृत्तिजारी है, हालांकि हमेशा औद्योगीकरण के संबंध में नहीं। ऐतिहासिक रूप से घर सामाजिकता और रक्षा के लिए एक साथ स्थित थे, और रहने वाले क्वार्टर के आसपास की भूमि पर खेती की जाती थी। पारंपरिक मछली पकड़ने के गांव कारीगर मछली पकड़ने पर आधारित थे और मछली पकड़ने के मैदान के निकट स्थित थे ।

‌‌‌यदि हम बात करें गांव की तो भारत के अधिकतर लोग आज भी गांव मे रहते हैं। और ग्रामीण जीवन काफी अच्छा होता है। हम खुली हवा के अंदर सांस ले सकते हैं। और किसी भी तरह का प्रदूषण गांव के अंदर नहीं होता है जोकि सबसे अच्छी बात होती है।‌‌‌लेकिन यदि आप शहर मे रहते हैं तो आपको पता ही होगा कि वहां पर कितना प्रदूषण होता है और शोर शराबा भी काफी अधिक होता है।

‌‌‌यदि आप गांव मे रहते हैं और आपको शहर मे लाकर छोड़ दिया जाए तो आपके लिए शहर मे रहना काफी कठिन हो जाएगा । इसका कारण यह है कि शहर मे बहुत असहजता होती है। एक तो आपके पास घूमने फिरने के लिए अधिक जगह नहीं होगी दूसरी ‌‌‌ यह है कि आप पांच दोस्तों के पास जाकर नहीं बैठ पाएंगे क्योंकि आप यही नहीं जान पाएंगे कि आपके बगल वाला पड़ोसी कौनसा है तों ऐसी स्थिति के अंदर वह मजा नहीं रह जाएगा ।‌‌‌ हालांकि गांव भी धीरे धीरे बदल रहे हैं अब गांव में भी शहर की तरह होता जा रहा है। एक दूसरे से मिलना जुलना लोग कम करते जा रहे हैं।‌‌‌एक दिन गांव भी शहर की तरह हो जाएंगे ।और गांव तो गांव बचेंगे ही नहीं । पड़ोसी पड़ोसी को नहीं जान पाएगा ।

दक्षिणपूर्वी क्षेत्र के ग्रामीण निवासी “पितृवंश से संबंधित झोपड़ियों के समूह” में एक-एक करके रहते थे। चूंकि वर्षावन क्षेत्र में इग्बो स्पीकमी लोगों का वर्चस्व है, इसलिए गांवों को इग्बो भाषा में इमे ओबोडो (शहर के अंदर) के रूप में जाना जाता है। एक आम बड़े गांव में कुछ हजार पुरुष और महिलाएं हो सकती हैं जो एक ही बाजार, सभा क्षेत्र और विश्वास साझा करते हैं।

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