शुष्क का विलोम शब्द या सहयोग का विलोम , शुष्क का उल्टा क्या होता है ? Shushk ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
शुष्क | आर्द |
Shushk | Ardra |
दोस्तों शुष्क का मतलब होता है जो कि गिला नहीं हो ।शुष्क शब्द हमने कई बार सुना है। इसका मतलब है सुखा । जब बारिश नहीं होती है तो उसके बाद जमीन पूरी तरह से शुष्क पड़ जाती है । इसको सूखा भी कहते हैं
सूखा महीनों या वर्षों तक रह सकता है, और इसे 15 दिनों के बाद घोषित किया जा सकता है। यह प्रभावित क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि पर काफी प्रभाव डाल सकता है।
वैसे आपको यह बतादें कि शुष्कता काफी भयंकर होती है। अब पहले की तरह बारिश नहीं होती है। यदि आप रेतिले इलाकों की तरफ जाएंगे तो आपको यह पता चलेगा कि वहां पर दूर दूर तक कोई पेड ही नहीं है। और यदि वहां पर कोई फंस भी जाता है तो उसका जीना कठिन हो जाएगा ।
और सबसे बड़ी बात तो यह है कि पेड़ पौधे भी तभी होते हैं जब जमीन के उपर बारिश होती है।जिन इलाकों के अंदर बारिश ना के बराबर होती है वहां पर पेड़ पौधे भी अधिक समय तक जिंदा नहीं रह पाते हैं।
यदि आप रेतीले इलाकों को सफर करते हैं तो आपको यह पता होगा कि इन इलाकों के लोग अपने घर के अंदर पेड़ पौधे बहुत ही कम लगाते हैं। यह लोग अक्सर पेड़ों को काट लेते हैं। क्योंकि इनको जलाने के लिए लकड़ी की आवश्यकता होती है।
शुष्कता चाहे किसी भी प्रकार की क्योंना हो वह हानिकारक होती है। पहले कई जमाने के अंदर सूखा पड़ता था तो लोगों के पास खाने के दाने तक नहीं बचते थे । उस स्थति के अंदर यदि आप देखेंगे तो एक इंसान को कुत्ते के साथ झगड़कर खाना प्राप्त करना पड़ता था। लेकिन आज का दौर बदल चुका है।
महज कुछ ही घंटों के अंदर सब्जी को उगा दिया जाता है। जिससे आप यह समझ सकते हैं कि आज के दौर मे कम से कम कोई भूख तो मर ही नहीं सकता है। इसके अलावा जो लोग गरीब हैं।उनको भी सरकार महिने का राशन देती है ताकि कम से कम वह अपना पेट तो आसानी से भर ही सकता है। भले ही वह कमाता नहीं हो लेकिन पेट भरने मे उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।
सरकार गरीबी को दूर करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। अधिकतर लोग यह समझते हैं कि सड़क के किनारे रहने वाले अधिकतर लोग गरीब होते हैं उनके पास पैसा नहीं होता है लेकिन आपको यह जानकर हर्ष होगा कि यह लोग भी काफी पैसे वाले होते हैं जो लोग दिनभर भीख मांगते होते हैं वे एक मजदूरी के बराबर पैसा कमा लेते हैं। यह पैसे उनके बचत मे ही रहते हैं। क्योंकि उनको खाने और कपड़े तो कोई आसानी से दे ही देता है।
इसी तरह से यदि आपका जीवन भी शुष्क हो गया है तो उसके अंदर आपको रंग भरने का प्रयास करना चाहिए । कई बार हमे जीवन भी शुष्क लगने लग जाता है तो हम इसके लिए कई चीजें कर सकते हैं जैसे कि आप मनोरंजन करने के लिए जा सकते हैं या फिर आप कोई खेल खेल सकते हैं।अपने जीवन को नए सीरे से शुरू करना भी इसका एक उपाय हो सकता है।
आर्द का मतलब होता है गीला । और यदि हम बात करें जमीन गिली की तो जमीन बारिश से गिली होता है। और बारिश के बारेक मे आपको पता ही है कि देश मे बारिश का क्या हाल है ? दोस्तों बारिश समय पर नहीं होने पर आद्रता तो मिलती ही नहीं है। देश के किसान कई साल से आंदोलन कर रहे हैं तो वैसे भी समस्या हो रखी है।दोस्तों और भारत के सिस्टम के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। यहां के सरकारी बाबू का तो कहना ही क्या । खैर जिस तरीके से इंसान ने इस धरती पर गंद फैलाई है इससे देखकर तो यही लगता है।
कि जल्दी ही यह धरती मानव के रहने योग्य नहीं बचेगी । और यहां पर काफी गंध भी फैल जाएगी ।
आज आप जो वातावरण के अंदर बदलाव देख रहे हैं।इसका कारण हम इंसान ही हैं। पेड़ तेजी से कटते जा रहे हैं जिससे कि आर्द होने की संभावना भी कम हो रही है। यदि आप रेगिस्तानी इलाकों के अंदर भी जाएंगे तो आपको यह पता चलेगा कि दूर दूर तक कोई भी पेड़ या पौधा नहीं है । ऐसी स्थिति के अंदर बारिश कैसे हो सकती है ? आप समझ सकते हैं। सूखी जमीन बजंर होने लग जाती है और उसके बाद वहां पर अन्न उगाना काफी कठिन हो जाता है।
और आजकल आप देख रहे हैं कि खाने पीने की चीजों को अनेचुरल तरीके से इंजेक्सन की मदद से या फिर दवा की मदद से बड़ा किया जा रहा है। इस तरह की फल सब्जी यदि हम खाते हैं तो इसका परिणाम होगा कि हमारा शरीर काफी रोगग्रस्त हो जाएगा ।
आजकल जो कैंसर के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण यही है कि हम नेचुरल खाना नहीं खा रहे हैं। हम जो कुछ भी खा रहे हैं वह जहरीली चीजें खा रहे हैं। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि हम कैंसर जैसे भयंकर रोग को जन्म दे रहे हैं।
और यदि आपने गौर किया हो तो आपको यह पता चलेगा कि कैंसर जैसी भयंकर बीमारी खास कर उन्हीं क्षेत्रों मे अधिक हो रही है जिन क्षेत्रों के अंदर दवा का प्रयोग सबसे अधिक हो रहा है।
यदि आप भी अपने खाने के लिए सब्जी वैगरह उगाते हैं तो आपको उसकों बढ़ाने के लिए जहरीली दवाओं का प्रयोग ना करें । क्योंकि यदि आप ऐसा करेंगे तो उल्टा आपको ही नुकसान होगा।
और यदि आप बारिश की खेती के उपर निर्भर हैं तो आपको चाहिए कि आप अधिक से अधिक पेड़ लगाएं यदि आप किसी कारण वश आप पेड़ काटते भी हैं तो उसके बदले मे दो से अधिक पेड़ लगाएं ।
यदि आप अधिक पेड़ लगाते हैं तो आपको पता ही है कि पेड़ वर्षा को बुलाते हैं और यह जमीन को आर्द बनाए रखने मे मदद करते हैं। जिन इलाकों मे पेड़ नहीं होते हैं। उन इलाकों मे वर्षा भी नहीं होती है।इसलिए यदि आप अधिक वर्षा चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी फसल अच्छी हो तो पेड़ अधिक से अधिक लगाएं ।हम लोग धीरे धीरे समझदार होते जा रहे हैं।यही वजह है कि हम अपने घरों के अंदर भी पेड़ पौधे को लगाने लगे हैं।
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