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Sukh ka vilom shabd सुख का विलोम शब्द ?

सुख का विलोम शब्द, सुख शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुख का उल्टा Sukh ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
सुख दुख
SukhDukh

‌‌‌सुख का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों सुख के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।आप हर समय बस एक ही चीज करते हैं और वो है सुख के लिए ही करते हैं। सुख के लिए ही आप खाना खाते हैं सुख के लिए ही आप पानी पीते हैं और सुख के लिए ही आप नहाते हैं। ‌‌‌मतलब यही है कि इस धरती पर अधिकतर जीव और जंतु सुख के लिए ही करते हैं। आप समझ सकते हैं कि सुख क्या चीज है ? सुख वर्तमान मे सबसे अधिक उपयोगी चीज बन चुका है।

‌‌‌सुख का विलोम दुख होता है।हमारा सभी का मकसद सुख ही होता है। हमे बस सुख चाहिए होता है। और सुख को पाने के लिए हम अलग तरह के हथकंड़ों को अपनाने का काम करते हैं।

‌‌‌और सुख को प्राप्त करने के लिए हम अलग अलग तरीकों का प्रयोग करते हैं। कोई सुख को प्राप्त करने के लिए किसी को मारता है पीटता है तो कोई दूसरा सुख को प्राप्त करने के लिए काफी मेहनत करता है। आप समझ सकते हैं कि ‌‌‌सुख को प्राप्त करने के लिए ही तो इस दुनिया के अंदर पूरा खेल चल रहा होता है।और हकीकत यह है कि जिस भी चीज के अंदर हम सुख को देखते हैं उसके पीछे भागने लग जाते  हैं लेकिन बाद मे हमे यह पता चलता है कि उसके अंदर भी सुख नहीं है। तो फिर किसी दूसरी चीज का पीछा करने लग जाते हैं। और बाद मे यह पता ‌‌‌चलता है कि हम जिस भी चीज के पीछे भाग रहे थे उसके अंदर भी सुख नहीं है। इसी तरीके से पूरा जीवन ही निकल जाता है। और पता ही नहीं चल पाता है कि सुख किसके अंदर है ?

‌‌‌हम आपको एक पैसे वाले इंसान की कहानी सुनाते हैं ।सुरेश नामक एक इंसान था। वह पढ़ने मे तो काफी होशियार था तो कुछ दिनों मे उसकी नौकरी लग गई। उसे लगा कि अब उसे सुख हाशिल होगा । लेकिन कुछ दिन बाद उसका एक पैर टूट गया एक्सीडेंट की वजह से ‌‌‌उसे काफी दुख हुआ और जैसे तैसे पैर को ठीक करवाया । तो फिर जिंदगी के मजे लेने लगा । और 80 हजार रूपये सैलरी के अंदर ऐश करने लगा तो उसके बच्चे बड़े हो गए उनकी शादी हो गई ।

‌‌‌बच्चों की शादी के अंदर खूब पैसा लगाया और सोचा की उसके समान कोई दूसरा नहीं होगा । इसी तरीके से जीवन कटा चला गया और ‌‌‌जब शरीर बूढ़ा होग या तो कई तरह के रोग लगने लग गए । पैसा तो था ही सब जगह पर दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ । कभी उधर दर्द आ जाता कभी इधर दर्द आ जाता है। लेकिन अब जीवन कष्टमय हो चुका था। और उसे यह एहसास हुआ की जीवन मे वास्तव मे जिसे वह सुख समझते हैं वह सुख है ही नहीं । यह बस छल है ‌‌‌जिससे हमे बार बार धोखा मिलता है।जैसे कि बच्चा जब खेलता नहीं है तो उसे हर बार एक नया खिलौना दिया जाता है । खिलौना नकली होता है।और बच्चा उस नकली खिलौने को लेकर खेलता रहता है। ‌‌‌असल मे जो कुछ दिख रहा है वह भ्रमित करने वाला है।सुख तो मात्र क्षणिक दिखाई देता है। उसमे कुछ भी असली नहीं है।

‌‌‌दुख का अर्थ और मतलब

दोस्तों दुख का मतलब होता है आपको परेशान करना या जो चीज आपको परेशान करती है वह आपके लिए दुख ही होती है। उसके बाद भले ही कोई भी चीज हो । आपके जीवन के अंदर कुछ चीजें ऐसी होती हैं जोकि आपको परेशान करती हैं वे सब दुख ही हैं या दुख देती हैं । दुख दो तरह का होता है मानसिक दुख और ‌‌‌दूसरा शारीरिक दुख खैर मानसिक दुख आपको मानसिक रूप से पीड़ा देता है। और शारीरिक दुख  शरीर की समस्या होने पर पीड़ा देता है।

‌‌‌जैसे कि किसी के घर मे कोई मर जाता है तो उसके बाद घर के लोगों को काफी दुख होता है और इसकी वजह से कई दिन तक वह रोता ही रहता है। यदि यह स्थिति है तो यह मानसिक दुख होता है। मानसिक दुख का कारण मन होता है। हालांकि कोई भी मानसिक दुख स्थाई नहीं होता है।‌‌‌ मानसिक दुख तो सदैव ही बदलता रहता है।और यह अधिक समय तक नहीं टिक पाता है। जैसे कि कोई मर जाता है तो आप अधिक से अधिक एक महिने तक शोक करोगे और उसके बाद धीरे धीरे भूल जाओगे ।

‌‌‌दूसरा होता है शारीरिक दुख । दोस्तों यह दुख शरीर की वजह से होता है। जैसे कि शरीर के अंदर कहीं पर चोट लग गई तो यह शारीरिक दुख के अंदर आता है।‌‌‌कल न्यूज आई थी कि एक लड़का बाइक पर जा रहा था बीच रस्ते मे सामने से एक बाइक आ गई और दोनो बाइक के अंदर टक्कर हुई । जिसकी वजह से सामने वाले बाइक सवार तो उछल कर दूर जा गिरा और जो एक बाइक सवार था वह रोड़ के बीच मे गिर गया जिसकी वजह से उसके पर ट्रेक्टर का एक टायर चढ़ गया और वहीं पर उसकी मौत हो ‌‌‌ गई।दूसरे व्यक्ति को काफी चोट आई थी। और पहला व्यक्ति तो मर ही गया तो उसका दुख वहीं समाप्त हो गया जो शारीरिक था लेकिन दूसरे व्यक्ति के चोट लगने पर दोनो दुख पैदा हो गए ।

‌‌‌वैसे हम सब लोग दुख को दूर करने के लिए ही करते हैं।हर कोई यही चाहता है कि जीवन के अंदर दुख आए ही ना । इसके लिए हम सभी लोग काफी प्रयास करते हैं। और पैसा हम इसलिए ही तो कमाते हैं कि जीवन के अंदर सारे दुख दूर हो जाएं ।‌‌‌लेकिन सिर्फ पैसा ही दुख को दूर करने मे काफी नहीं होता है।कुछ दुख इस तरह के भी होते हैं कि उनके लिए पैसा काफी नहीं होता है। जैसे एक महिला को कैंसर हो गया था। कैंसर से बचने के लिए उस महिला ने खूब पैसा लगाया ।

उसके पास काफी अधिक पैसा भी था। लेकिन पैसा भी काम नहीं आया और अंत मे उसको शरीर ‌‌‌ को छोड़ना पड़ा वैसे आपको बतादें कि शरीर ही तो दुख का कारण होता है।यदि आपके पास शरीर नहीं होगा और आप अपने विचारों को नियंत्रित कर देते हैं तो आपके पास कोई कारण नहीं होगा की दुख हो ।‌‌‌अपने शरीर के दुख को दूर करने के लिए आप भले ही कितने ही प्रयत्न करते  रहें लेकिन आप सौ फीसदी शरीर के दुख को आप दूर नहीं कर सकते हैं।

सुख का विलोम शब्द, सुख शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुख का उल्टा Sukh ka vilom shabd लेख आपको कैसा लगा ? उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका कोई विचार है तो हमें कमेंट करके बताएं ।

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