सुंदर का विलोम शब्द, सपने शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुंदर का उल्टा , sundar ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
सुंदर | कुरूप |
Sundar | Kurup |
beautiful | Ugly |
सुंदर का विलोम शब्द कुरूप होता है। वैसे सुंदरता की परिभाषा देना बहुत ही कठिन है। क्योंकि सुंदर एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक तत्व है। एक इंसान के मन को जो चीज अच्छी लगती है वही उसके लिए सुंदर होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि आपके लिए सुंदरता कोई और हो सकती है जो किसी दूसरे के लिए बदसूरत हो सकती है।
इस प्रकार से एक इंसान के लिए सुंदरता का मतलब कुछ और हो सकता है तो दूसरे के लिए कुछ और हो सकता है। इसके अलावा कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो सभी को समान रूप से सुंदर लग सकती हैं। जैसे कि लगभग सभी को तीखे नैन नक्स वाली और बड़े बड़े स्तनों वाली स्त्री पसंद आती है ।
इसी प्रकार से स्त्री का गौरा रंग भी सुंदरता का परिचायक होता है।इसी प्रकार से वस्तुओं पर भी यह मापदंड लागू होता है। मोर्डन डिजाइन की गाडियां आपको अधिक सुंदर लग सकती हैं लेकिन पुरानी गाडियों की डिजाइन आपको बेकार लग सकती है। असल मे यह बेकार नहीं होती है। बस यह मनोभाव होता है। रियल के अंदर सुंदरता का मतलब जो आपके मन को संतुष्ट करें वही है।
सुंदरता के विपरित वर्ड बदसूरत या कुरूप होता है।कुरूप का मतलब यही है कि जो आपको देखने मे अच्छा ना लगे वही तो कुरूप होता है। जैसे कि कोई गाड़ी टूटी फूटी है यदि वह आपको अच्छी नहीं लग रही है तो वह कुरूप हो सकती है। हालांकि कुरूप का मतलब भद्दापन होता है।
जैसे काले रंग को अक्सर अच्छा नहीं माना जाता है। यदि कोई पुरूष काले रंग का है।इसके अलावा यदि उसका चेहरा भी देखने मे काफी टेड़ा मेड़ा लगता है तो इसको हम कुरूप ही कहेंगे ।
इस प्रकार से बदसूरत को कुरूप कहते हैं। आप समझ सकते हैं कि एक लड़की के चेहरे को कुरूप बनाने के लिए उसके उपर तेजाब वैगरह फेंका जाता है और जिससे उसके चेहरे को जला दिया जाता है। भारत के अंदर अनेक ऐसी लड़कियां हैं जिनके चेहरे पर तेजाब फेंक कर उनके चेहरे को जला दिया गया है।
प्राचीन काल की बात है।रामेश्वर काका के दो बेटी थी एक का नाम सुंदरी और दूसरी का नाम असुंदरी था। सुंदरी नाम के अनुसार बहुत ही सुंदर थी वहीं असुंदर काफी कुरूप थी। दोनों जब बड़ी हुई तो उनको स्कुल के अंदर भर्ति करवा दिया गया ।
स्कूल मे हर कोई सुंदरी के साथ रहता था लेकिन असुंदरी के साथ कोई भी रहना पसंद नहीं करता था।और इसी वजह से असुंदरी कक्षा के अंदर भी अकेली बैठती थी। लेकिन उसके मन मे कभी भी अपनी बहन के प्रति द्धवेष नहीं होता था। लेकिन उसकी बहन सुंदरी को भी यह देखकर काफी घमंड़ हो गया कि वह काफी सुंदर है और सब उसे पसंद करते हैं।
जब दोनों बहनों ने पढ़ाई पूरी करली तो रामेश्वर काका नें उनके लिए वर की तलास करनी शूरू करदी । सुंदर के लिए तो एक लड़का बहुत ही जल्दी मिल गया लेकिन असुंदरी को जो भी देखने आता उसके काले रंग की वजह से शादी के लिए मना कर देता है। असुंदर को अब तक कई लड़के देखने के लिए आए लेकिन किसी ने भी हां नहीं भरी । समय अपनी गति से चला जा रहा था तो रामेश्वर काका ने सुंदरी की एक बहादुर नामक लड़के से शादी करदी और असुंदरी के बारे मे वह सोच कर परेशान था कि यह काफी काली है इससे कौन शादी करेगा ?
इस प्रकार सुंदरी यह आश छोड़ चुकी थी कि उसकी शादी होगी ।और अब तो जहां पर भी वह जाती गांव का कोई भी कुंवारा लड़का उसकी तरफ से आंख फेर लेता । मतलब उसे वह पसंद नहीं करता था। इसी प्रकार कुछ दिन बीत गए । एक बार सुंदर गांव से शहर गई और वहां पर उसे एक लड़का मिला जो सब्जी बेचा करता था। वह असुंदरी को पहले से ही जानता था ।हालांकि असुंदरी उसे नहीं जानती थी। वह उससे बोला ………..अरे असुंदरी तुम आज यहां पर कैसे आई हो ? सुना है तुम्हारी बहन की तो शादी हो गई पर …….
…..पर मेरी शादी नहीं हुई है। असुंदरी के मुख से निकल ही गया ।
……..अरे यार शादी के लिए कौन शौक करता है ?पहचाना मुझे मैं तुम्हारे साथ पढ़ने वाला मोहन
….ओह मोहन अब तुम कैसे हो और बाल बच्चे कैसे हैं ?
…….शादी नहीं हुई तो बाल बच्चे कैसे होंगे ?
…..मगर तुम तो सुंदर भी हो और जवान भी ?
…..हूं मगर अभी अच्छी लड़की नहीं मिली है।
—– चलो मैं घर तक छोड़ देता हूं । मेरे पास बाइक है ।
……..नहीं नहीं कुंवारी लड़की इस प्रकार किसी पर मर्द के पीछे बैठेगी तो लोग क्या सोचेंगे ?
…….अरे फालतू मे टेंशन क्यो लेती हो अपना चेहरा ढक लेना ।
और उसके बाद असुंदरी मोहन के बाइक के पीछे बैठी और मोहन उसे घर छोड़कर आ गया । और इस प्रकार असुंदरी कभी कभी और मोहन से ढेर सारी बातें करती । इसी प्रकार से कुछ दिन बीत गए । और असुंदरी को अब लग गया कि वह मोहन से दिल लगा बैठी लेकिन कह नहीं पा रही थी और एक दिन हिम्मत करके कह भी दिया कि वह तुझ से प्यार करती है और अब शादी करना चाहती है।
बस उसके बाद तो शादी के लिए मोहन तैयार ही था दोनों की शादी हो गई और दोनों मस्ती से अपना जीवन काटने लगे । इसी प्रकार कुछ समय बीत गया और दोनों को एक बच्चा भी हो गया ।
एक दिन असुंदरी की बहन सुंदरी उनके यहां पर आई और बोली …..बहना किस्मत वाले खाते हैं और रूपवाले रोते हैं। कल तक मैं अपनी सुंदरता पर घमंड करती थी आज वही सुंदरता मेरी जान की दुश्मन बनी हुई है।मैंने अपने पति को धोखा दिया तो उसने मुझे तलाक देदिया आज मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं तो एक कोठे पर रहने वाली बन चुकी हूं ।उसके बाद असुंदरी ने अपनी बहन की मदद की और उसके दुखों को दूर किया ।
सुंदर का विलोम शब्द, सपने शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुंदर का उल्टा , sundar ka vilom shabd उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका कोई विचार हो तो नीचे कमेंट करें ।
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