‌‌‌सूरज का पर्यायवाची शब्द या suraj ka paryayvachi shabd

‌‌‌सूरज का पर्यायवाची शब्द या सूरज का समानार्थी शब्द (suraj ka paryayvachi shabd ya suraj ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में काफी विस्तार से जानने वाले है । इसके अलावा अगर आप भी जानना चाहते है की सूरज के पर्यायवाची शब्द क्या है तो इस लेख को देखे ।

‌‌‌सूरज का पर्यायवाची शब्द या सूरज का समानार्थी शब्द (suraj ka paryayvachi shabd ya suraj ka samanarthi shabd)

शब्दपर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} 
‌‌‌सूरज‌‌‌सूर्यरविमार्तण्डअंशुमालीहंसअर्क, पतंगभास्करमरीचीभानु सवितातरणिदिनकर, दिनकरआदित्य,  दिवाकरप्रभाकरआदित्यदिनेश।
‌‌‌सूरज in HindiSurya, Ravi, Martand, Anshumali, Hans, Ark, Kite, Bhaskar, Marichi, Bhanu, Savita, Tarani, Dinkar, Dinkar, Aditya, Diwakar, Prabhakar, Aditya, Dinesh.
‌‌‌सूरज in EnglishSun, Phoebus, Sol, daystar, luminary.
‌‌‌सूरज का पर्यायवाची शब्द या suraj ka paryayvachi shabd

‌‌‌सूरज का अर्थ हिंदी में

दोस्तो सूरज का अर्थ होता है सूर्य । यानि आज पृथ्वी पर जीसके कारण से दिन और रात होता है वह और कोई नही बल्की सूरज होता है । हिंदू धर्म में सूरज को सूर्य भगवान के रूप में जाना जाता है और उसे पूजा जाता है ।

असल में सूरज हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है जिसके चारो ‌‌‌और पृथ्वी चक्कर लगाती है । और पृथ्वी के चारो और चंद्रमा चक्कर लागती है । जिसे सौरमंडल का एक बड़ा तारा भी कहा जाता है । इसके अंदर हाइड्रोजन और हीलियम गैसों की सबसे अधिक मात्रा होती है । जिसके कारण से इसे हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का गोला भी कहा जाता है ।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की सूरज ‌‌‌ही वह है जिसके कारण से हम दिन और रात के समय में अंतर कर पाते है ।

अगर सूरज शब्द के अर्थ की बात करे तो इसका अर्थ कुछ इस तरह से दिया जा सकता है –

सौरमंडल के केंद्र में स्थित सबसे बड़ा पीड़ या तारा ।

सौरमंडल कें केंद्र मे स्थित वह तारा जिसके चारो और पृथ्वी चक्कर लगा रही है ।

हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है।

‌‌‌वह जिसे हिंदू धर्म में भगवान सूर्यदेव कहा गया है ।

वह जिसे रवि के नाम से जानते है ।

दिन में उजाला फैलाने के कारण से जिसे दिनकर के नाम से जाना जाता है ।

वह जिसे भास्कर के नाम से जानते है ।

आदी सभी सूरज के अर्थ होते है । दोस्तो सूरज के बारे में आपको यह पता होना चाहिए की यह एक पिंड या ‌‌‌तारा है जो की रोशनी फैलाने का काम करता है । और यही कारण है की आज धरती पर दिन हो पा रहा है ।

सूरज शब्द का वाक्य में प्रयोग

दानवीर कर्ण सूरज की प्रथम किरण के साथ दान देना शुरू कर देते थे ।

जैसे ही सूरज उगता है महेश उठ कर स्नान करने के लिए चला जाता है ।

अरे नालायक जरा उठ जा आज कितनी लेट ‌‌‌हो गई है जरा देख तो सूरज भी उग आया है।

‌‌‌महेश रात को तो मुबाईल के लगा रहता है और दिन में जब सूरज उग जाता है तब तक उठता नही है ।

सूरज के पर्यायवाची शब्दो का वाक्य में प्रयोग

अरे मोसी आज तो रवि निकल आया है मगर महेश अभी भी निंद से नही उठा है ।

देखे आजकल के लड़को को उनका पेपर आ रहा है और दिनकर दिखाई देने लग जाता है मगर इनकी निंद ‌‌‌तक नही उड़ पाती है ।

अरे उस महाराज को कोई निंद से जगा दो काफी समय बित गया भास्कर भी निकल चुका है ।

जैसे ही दिवाकर की प्रथम किरण घर में पड़ती है सरिता पूजा पाठ करने लग जाती है ।

‌‌‌सूरज पृथ्वी से किनती दूरी पर है

दोस्तो आज के समय में यह तो सभी को मालूम है की सूरज एक पिंड या तारा होता है जो की पृथ्वी से दूर होता है । मगर पृथ्वी सूर्य के चारो और चक्कर लगाती है  ।यह सभी को मालूम है । आपने देखा होगा की हमारे समय में दिन रात का समय चलता रहता है ।

तो इस तरह से दिन रात ‌‌‌केवल सूर्य के कारण से होता है । क्योकी सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है । और दूसरा यह है की हमारी पृथ्वी जो है वह अपने अक्ष पर चक्कर लगाती रहती है । और इन ही दो कारणो के कारण से पृथ्वी पर दिन रात होती है ।

मगर एक प्रशन सभी भाईयो के मन में रहता है की आखिर ‌‌‌सूरज पृथ्वी से किनती दूरी पर ‌‌‌है । तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की सूरज पृथ्वी से 148.61 million km की दूरी होती है । और यह दूरी काफी अधिक होती है । जिसके कारण से ही सूरज का प्रभाव पृथ्वी पर कम देखने को मिलता है ।

 क्योकी आपने देखा होगा की सूरज और पृथ्वी के बिच की दूरी 148.61 million km होने के बाद भी हमे गर्मी ‌‌‌अधिक लगती है तो एक बार यह कलपना करे की जब सूरज हमारी पृथ्वी के पूरा पास होगा तक क्या होगा । तब हम देखने के लिए जीवित तक नही रहेगे । क्योकी पूरी की पूरी पृथ्वी जल कर नष्ट हो जाती है ।

‌‌‌सूरज के चारो और चक्कर कोन लगाता है

दोस्तो यह भी एक प्रशन है जो की अधिकतर पूछा जाता है । की आखिर कोन है जो की सूर्य के चारो और चक्कर लगाता है । हालाकी हो सकता है की आपको इस बारे मे पता हो । मगर फिर भी आपको बता देते है की सूरज के चारो औरचक्कर लगाने का काम हमारी पृथ्वी ही करती है  ।

सूरज की ‌‌‌परिक्रमा और कोई नही बल्की हमारी पृथ्वी करती है । जब पृथ्वी अपने अक्ष पर घुमती हुई सूर्य का चक्कर लगाती है तो उसे काफी समय लगता है और एक चक्कर पूरा करने में पृथ्वी को  365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड का समय लग जाता है । ओर इस समय को हम एक वर्ष के रूप में जानते है ।

अब आपका एक प्रशन ‌‌‌और तैयार हो गया की सूरज के चारो और पृथ्वी जब एक परिक्रमा करती है तो कितना समय लगता है और वह समय  365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड का होता है । और आपको यह भी पता होना चाहिए की एक वर्ष में कितने दिन और समय होता है तो वह भी  365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड का होता है ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो आपको यह पता चल गया की सूरज के चारो और चक्कर लगाने वाली हमारी पृथ्वी है  ।

सूरज रात में कहां जाता है

आपको यह बताने की जरूरत नही है की सूरज ही वह है जिसके कारण से दिन और रात होता रहता है । मगर एक प्रशन हमेशा रहता है की जब दिन होता है तो सूरज दिखाई देता है । मगर रात में सूरज कहा चला जाता है।

हालाकी यह प्रशन इतना बड़ा नही है मगर फिर भी बहुत से युजर केमन में यह प्रशन ‌‌‌जरूर रहता है ।

जब सूरज पृथ्वी पर दिखाई देगा तभी दिन होगा । अगर सुरज पृथ्वी पर दिखाई नही देता है तो उस समय दिन नही होगा । आपको यह पता होना चाहिए की दिन और रात का समय निर्धारण केवल सूरज नही करता है । बल्की इसमें पृथ्वी का काफी बड़ा योगदान रहता है । ‌‌‌

सबसे पहली बात पृथ्वी अपने अक्ष पर घुमती हुई सूर्य की परिक्रमा करती है और इस तरह से घूमते रहने के कारण से पृथ्वी का जो हिस्सा सूर्य की तरफ है उसी पर दिन होगा । आपको यह पता होना चाहिए की पृथ्वी गोल या अंडाकार होती है । जिसके कारण से उसका आधा भाग ही सूरज की और होता है और उसी भाग पर दिन होगा ‌‌‌।

बाकी का जो भाग होता है उसमें दिन नही होगा । उस भाग में रात होती है । तो आपका प्रशन था की रात को सूरज कहा जाता है तो इसका उत्तर यह है की रात होने पर सूरज कही नही जाता है । बल्की यह कह सकते है की सूरज कभी भी अपने अक्ष से हिलता तक नही है ।

बल्की वह अपने स्थान पर ही रहता है । ऐसा नही है की ‌‌‌रात हो रही है और सूरज खेलने के लिए चला गया है । नही ऐसा नही है । बल्की सुरज अपने स्थान पर रहता है । और पृथ्वी का अपने अक्ष पर घुमते हुए परिक्रमा करने के कारण से ही एक साथ सूरज की रोशनी पृथ्वी पर नही पहुंच पाती है । और जीस हिस्से में सुरज की रोशनी नही पहुंच पाती है वहां पर रात होती है । और ‌‌‌वहां सूरज दिखाई तक नही देता है ।

सूरज की आयु कितनी है

आज के समय में जब किसी का जन्म होता है उस समय से लेकर जब तक उसका जीवन चलता रहता है उस समय के कुल योग को ही आयु कहा जाता है । जैसे की आपका जन्म हुआ है और अब तक आप 18 वर्षों के हो गए हो । तो इसका मतलब है की आपकी आयु 18 वर्ष है ।

उसी तरह से अगर सूरज की आयु की बात की जाए तो आपको   ‌‌‌यह जान कर हैरानी होगी सूरज की आयु 4.603 billion years है । जो की काफी ज्यादा होती है । इसका मतलब यह है की 4.603 billion years पहले सूरज का जन्म हुआ है । हालाकी यह पुरी तरह से सटीक नही है । मगर वैज्ञानिको का यह मानना है की सूरज की आयु कुल 4.603 billion years हो चुकी है ।

‌‌‌अगर आप इस बारे में अधिक ज्ञान हासिल करना चाहते है तो गुगल बाबा बैठा है । और वहां पर आपको यह जरूर देखने को मिल जाएगा की सूरज की आयु असल में 4.603 billion years ही हो चुकी है । हालाकी कहा जाता है की सबसे पहले सूरज का ही जन्म हुआ था और उसके बाद ही पृथ्वी का जन्म हुआ ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो आपको सूरज के पर्यायवाची शब्द या सूरज के समानार्थी शब्द के बारे में जानकारी मिल गई होगी । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट में बताना ।

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