सुस्ती का विलोम शब्द या सुस्ती का विलोम शब्द, सुस्ती का उल्टा क्या होता है ? Sust ka vilom shabd susti ka vilom shabd kya hoga
शब्द | विलोम शब्द |
सुस्ती | चुस्त |
Sust | Chust |
दोस्तों सुस्ती का विलोम शब्द होता है। चुस्त । और यदि हम बात करें सुस्ती के मतलब की तो इसका अर्थ होता है ढीला ।कई बार क्या होता है कि हम बीमार हो जाते हैं। उस समय हमारे शरीर के अंदर उर्जा नहीं होती है तो हम काफी ढीले ढाले दिखाई देने लग जाते हैं।सुस्ती कई तरह की होती है। वैसे आपको बतादें कि कई बार हम ऐसे ही सुस्त हो जाते हैं। इसका कारण होता है अरूचि । जब हम किसी काम को करते हैं और उससे बोर हो जाते हैं तो सुस्त हो जाते हैं।
जब हम कंपनी मे काम करते थे तो वहां पर 12 घंटे तक का काम होता था। ऐसी स्थिति के अंदर काम करते करते काफी थक जाते थे और सुस्त हो जाते थे । और कई बार हमारे सुपरवाइजर ने हमें इसके लिए डांटा भी था लेकिन हमें इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ा ।
वैसे सुस्ती सही नहीं होती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जोकि हर समय सुस्त ही होते हैं। वे किसी भी तरह का काम क्योंना करलें । बस सुस्त ही रहते हैं। ऐसी स्थिति सही नहीं होती है। लेकिन जो ज्ञानी लोग होते हैं वे अपनी रूचि का काम करते हैं। जिसके अंदर काफी वे एक्साइटमेंट रखते हैं।
जब आप सुस्ती रखते हैं तो आप किसी भी काम को सही तरीके से पुरा नहीं कर पाते हैं। आप काम को तेजी से पुरा नहीं कर पाते हैं। सुस्ती के कई कारण हो सकते हैं। एक तो मानसिक प्रकार की सुस्ती होती है जिसके अंदर हमारे मन के अंदर दूसरे विचार आते हैं। खास कर जब हम किसी तरह की समस्या के अंदर होते हैं
तो सुस्ती पैदा हो जाती है। मोटिवेशन का नाम तो आपने सुना ही होगा । मोटिवेशन इसलिए ही होता है कि वह आपकी सुस्ती को दूर करने का काम करता है। यदि आप भी काफी सुस्ती महसूस कर रहे हैं तो आपको मोटिवेशन करना चाहिए । और आजकल मोटिवेशन करना काफी आसान होता है। क्योंकि आजकल नेट के उपर कई तरह के विडियो उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप आसानी से अपनी सुस्ती को दूर कर सकते हैं। यह विडियो आपके दिमाग के अंदर एक अलग तरह की उर्जा का संचार करते हैं जिससे आपकी सुस्ती दूर होती है।
सुस्ती यदि आपके अंदर भी रहती है तो आपको इसको दूर करने के उपाय करने की आवश्यकता होगी । दोस्तों कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिनकी किसी भी काम के अंदर रूचि नहीं होती है। इस तरह के लोगों की हर काम के अंदर सुस्ती देखने को मिलती है। सुस्त इंसान आज के जमाने मे कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता है।
और वैसे भी आज का माहौल ही कुछ इस तरह का हो चुका है कि सुस्ती से तो काम चल ही नहीं सकता है आपको दौड़ना पड़ता है। लेकिन यदि कोई बीमार है तो फिर तो सुस्ती आएगी ही । इस तरह की सुस्ती को दूर करने का एक ही ईलाज है कि आप बीमार इंसान को किसी डॉक्टर के पास लेकर जाएं जिससे कि वह सही हो जाएगा । दोस्तों सुस्ती यदि मानसिक समस्या है तो फिर उसको आप खुद को ही दूर करना होगा । इसका ईलाज किसी के पास नहीं है। आपको अपने मन को ठीक करना होगा । इसके लिए आपको अपने विचारों को बदलना होगा । उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा ।
चुस्त का अर्थ होता है खूब कसा हुआ (जैसे—यह कमीज़ चुस्त है)।जो शिथिल, आलसी न हो, फ़ुर्तीला।दोस्तों चुस्ती कुछ लोगों के अंदर होती है जोकि सच मे फुर्तीले होते हैं। कुछ नौकरियां ऐसी होती हैं जिनके अंदर सुस्त लोगों की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि वहां पर सुस्त लोग कुछ भी नहीं कर पाते हैं। वहां पर हमेशा फुर्तीले लोगों की जरूरत होती है। खास कर यदि आप सैना के अंदर हैं तो आपके अंदर बहुत अधिक फुर्ती होना जरूरी होता है। क्योंकि कभी यदि दुश्मन देश हमला कर देते हैं तो आपको उनका जवाब देना होता है या फिर आपको उनके हमले से बचना होता है और यदि आप चुस्त नहीं होगे तो सोते ही रह जाओगे।
दोस्तों कुछ लोग इस तरह के कार्य के अंदर अभियस्त होते हैं। जैसे कि यदि हम किसी फौजी की बात करें तो वह लड़ाई आदि के अंदर आपकी चुस्त होता है। वह तेजी से निर्णय ले सकता है। लेकिन दूसरे कामों के अंदर यह जरूरी नहीं है कि वह चुस्त ही हो ।
दोस्तों चुस्ती शारीरिक रूप से भी होती है। यदि आपका शरीर तंदुरस्त होता है तो आप काफी चुस्त होते हैं। और तंदुरस्त शरीर के लिए समय पर अच्छा भोजन सबसे अधिक जरूरी होता है। दोस्तों शारीरिक तंदुरस्ती ही आपको चुस्त बनाती है। लेकिन कुछ लोग मानसिक रूप से सोये रहते हैं। उनको पता ही नहीं होता है कि उनके आस पास क्या हो रहा है। एक ऐसा ही इंसान था जिनका नाम काल्पनिक रमेश था। एक बार की बात है यह व्यक्ति ट्रेन की पटरी पर बैठ गया और पता नहीं क्या सोचने लगा । उसके बाद ट्रेन दौड़ती हुई इसके पास आ गई और ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रेन को रोका और उस इंसान को हटाया ।
जब हमने उससे पूछा कि क्या तुमको ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी उसने कई बार सीटी भी बजाई थी । लेकिन उस व्यक्ति ने कहा कि उसे कुछ भी सुनाई नहीं दिया । पता नहीं उसके साथ क्या हो गया था। और कुछ लोग तो जानबूझकर बेवकूफ बनते हैं। आपने लड़कों को देखा होगा जोकि रोड़ पर बाइक चलाते हैं लेकिन अपने कानों के अंदर ईयर फोन लगाए रहते हैं। जिससे कि उनको आस पास का कुछ भी सुनाई नहीं देता । एक बार इसी तरह का सुस्त लड़का रेल्वे ट्रेक को बाइक से पार कर रहा था दूसरी तरफ से ट्रेन आ गई तो उसका एक्सीडेंट हो गया और वह वहीं मर गया ।
दोस्तों थोड़ी तो चुस्ती इंसान के अंदर होनी चाहिए । यदि आप शारीरिक रूप से बलवान हैं तो आपको चुस्त रहना चाहिए यह एक अलग बात है कि आप बीमार हैं ऐसी स्थिति के अंदर आप चुस्त नहीं रह सकते हैं।
जब कोई इंसान बीमार हो जाता है तो उसके बाद वह काफी आलस्य महसूस करने लग जाता है तो चुस्ती नहीं रह पाती है। खैर आपको समझना होगा कि आज के समय मे फूर्ती बहुत ही जरूरी चीज है। हर काम के अंदर फूती चाहिए होती है। वरना फिर आप किसी भी काम के अंदर सक्सेस नहीं हो सकते हैं।
एक कंपनी के अंदर भी जब आप काम करते हैं तो आपको काम निकाल कर देना होता है। बिना काम निकाले कुछ भी नहीं होता है। तो दोस्तों फूर्ती आपको हर जगह पर चाहिए होती है चाहिए काम किसी भी तरह का क्यों ना हो ।
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