तोता को संस्कृत में क्या कहते हैं शुक, कीरः
तोता को संस्कृत में क्या कहते हैं शुक, कीरः tota ko sanskrit mein kya kahate hai
तोता एक पक्ष होता है जिसका वैज्ञानिक नाम सिटाक्यूला केमरी होता है। अक्सर तोता काफी सुंदर होता है। और यह कई रंगों के अंदर होता है। भारत के अंदर अक्सर तोते को पाला जाता है। यह मानव की भाषा के कई वर्ड को सीख सकता है। इसके अलावा तोते को घर के अंदर रखना भी अच्छा माना जाता है।
तोता को संस्कृत में क्या कहते हैं शुक, कीरः
तोते को संस्कृत मे शुक, कीरः के नाम से जाना जाता है लेकिन इसके कई अन्य नाम भी हो सकते हैं। हालांकि इसके बारे मे हमे जानकारी नहीं है।
तोता क्या आपने भी पाला है ? यदि आपने कभी तोता पाला है तो उसका एक्सपिरियंस कैसा रहा आप हमे बताएं ।हमने भी कई बार तोते को पाला है। वास्तव मे यह काफी सुंदर होता है। हालांकि यदि आप एक बार तोते को पिंजरे से बाहर निकाल देते हैं तो उसके बाद यह कम ही वापस आता है । क्योंकि इस जानवर को आजादी काफी पसंद होती है।
वर्तमान मे तोते की 400 से अधिक प्रजातियां हैं। लेकिन उनमे से अधिक संकट का सामना कर रही हैं। मानव के लगातार पेड़ों को काटने और तोता को पकड़ने की वजह से ऐसा हुआ है।
तोते काफी बुद्धिमान होते हैं
दोस्तों आपको यह जानकार हैरानी होगी कि तोते काफी बुद्धिमान होते हैं। तोता कई तरह के शब्दों को आसानी से जोड़ सकते हैं और यह काफी बुद्धिमान भी होते हैं। तोते का आईक्यू लेवल चार साल के बच्चे के बराबर होता है। और यह कई समस्याओं का हल अपने आप ही हल कर सकते हैं। जैसे कि यह नल से आसानी से पानी निकाल सकते हैं।
दोस्तों तोते की खास बात यह होती है कि यह ध्वनियों की नकल करते हैं। जिसकी वजह से यह इंसानों की पहली पसंद भी बन जाते हैं । कुछ समय पहले भारत के अंदर एक ऐसा तोता देखा गया था जोकि गाली देता था। उसे गाली देना सिखाया गया था। उसके बाद उसे पुलिस भी पकड़ कर ले गई। एक अफ्रीकी ग्रे तोता 100 शब्दों से अधिक बोलने में सक्षम था।
सभी तोते उड़ने मे सक्षम नहीं हैं
दोस्तों आपको यह जानकार हैरानी होगी कि सभी तोते उड़ने मे सक्षम नहीं होते हैं।काकापो नामक एक तोता है जोकि उड़ नहीं सकता है। इसका वजन 9 पाउंड तक होता है। और यह पेड़ों पर चढ़ सकता है। हालांकि यह अब तेजी से विलुप्त हो रहा है जोकि एक बहुत ही बुरी बात के अंदर आता है।
तोते अपने पैरों से खा सकते हैं
दोस्तों तोते खाने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल कर सकते हैं।वे किसी भी चीज को अपने पैरों से पकड़ते हैं और उसके बाद उसे खाने लग जाते हैं। यदि आपने तोतों को देखा होगा तो वे अक्सर पैर से खाते दिख जाएंगे ।
तोते काफी लंबे समय तक जीते हैं
दोस्तों वास्तव मे तोते काफी लंबे समय तक जिंदा रहते हैं।एक आम छोटे तोते लगभग 15 से 20 साल और बड़े तोते 100 साल तक जिंदा रह सकते हैं।सबसे पुराने जीवित तोते का रिकॉर्ड एक कॉकटू के पास है, जिसका नाम कुकी है, जो 82 वर्ष का था, जब 2016 में उसका निधन हो गया।
तोते सर्वाहरी होते हैं
दोस्तों सभी तोते तो नहीं लेकिन इनकी कुछ प्रजातियां हम इंसानों की तरह ही सर्वाहरी होती हैं।फल, बीज, नट, कीड़े और तोतो को ऑस्ट्रेलिया के अंदर मांस खाते हुए देखा गया था। इसी तरह से 1868 मे न्यूजलेंड के देशी केया नामक तोतों ने एक भेड़ पर हमला कर दिया और उसके बाद उसका मांस खाया ।
दुनिया के एक तिहाई तोते विलुप्त होने के कगार पर हैं
दोस्तों दुनिया के कई सारे तोते तेजी से नष्ट हो रहे हैं।इसका कारण यह है कि मानव आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से पेड़ों को काटा जा रहा है। जिससे कि इनका रहना कठिन हो चुका है। नवंबर के एक अध्ययन में पाया गया कि घाना में लॉगिंग ने 99 प्रतिशत अफ्रीकी ग्रे ( Psittacus erithacus ) आबादी को नष्ट कर दिया है।
तोते के अंदर नर और मादा समान दिखते हैं
दोस्तों तोते के अंदर नर और मादा समान दिखते हैं। यदि तोतों के बारे मे कोई जानकार नहीं है तो उसके बाद पहली नजर के अंदर देखकर यह कोई बता भी नहीं सकता है कि तोते मे कौन नर है और कौन मादा है।
तोते अपने तालू से स्वाद लेते हैं
जिस तरह से मानव के पास 10 हजार से अधिक ग्रंथियां होती हैं लेकिन उनके पास सिर्फ 300 स्वाद कलियां होती हैं। जिसकी मदद से वे स्वाद ले सकते हैं। हालांकि उनको स्वाद लेने के लिए अपने तालू का इस्तेमाल करना होता है।
तोते के पंख में जीवाणुरोधी वर्णक होते हैं
दोस्तों तोते के पंख काफी विशेष होते हैं। दोस्तों तोते के पंख पर विशेष प्रकार के वर्णक होते हैं जोकि उनके पंखों को गिरने से बचाने का काम करते हैं। इन वर्णक की मदद से ही तोते का रंग कई प्रकार का दिखाई देता है।
तोते के अंदर जीपीएस
दोस्तों तोतो के बारे मे जानकारी हाशिल करने के लिए खासकर जंगली तोते के बारे मे जानकारी हाशिल करने के लिए उनके उपर जीपीएस डाला जाता है। और उसके बाद तोतों के बारे मे उचित जानकारी हाशिल होती है। बिना जीपीएस के तोते को ट्रेक करना कठिन होता है।
एक तोते को पालना आपके लिए सुखद हो सकता है ?
दोस्तों तोते को पालना काफी सुखद हो सकता है।इसका कारण यह है कि जब आप तोता पालते हैं तो आप उसकी मदद से मनोरंजन कर सकत हैं और यह आपके लिए काफी अच्छा हो सकता है। इसी वजह से भारत के अंदर काफी लोग तोते को पालते हैं।
तोता एक वफादार पक्षी नहीं होता है
दोस्तों यदि आप सोच रहे हैं कि तोता कुत्ते जितना वफादार होता है तो आप गलत सोच रहे हैं।तोता एक वफादार पक्षी नहीं होता है। यदि आप इसको पिंजरे से बाहर निकालते हैं तो इसकी कोई भी गारंटी नहीं होती है कि वह वापस आएगा । कई बार पहले हमने तोता पाला था। हालांकि अब तोता नहीं पालते हैं। तो देखा कि पिंजरे से निकालने के बाद तोता भाग गया ।
तोते को 3000 साल से पालतू बनाया गया है
दोस्तों तोते को पीछले 3000 साल से पालतू बनाया जा रहा है।सबसे पहले चीन के अंदर तोते को पाला गया और उसके बाद भारत के लोगों ने भी तोते को पालना शूरू किया । प्रसिद्ध लोगों में अरस्तू, किंग हेनरी VIII, मार्को पोलो, क्वीन इसाबेला, मैरी एंटोनेट, क्वीन विक्टोरिया, मार्था वाशिंगटन, टेडी रूजवेल्ट और स्टीवन स्पीलबर्ग आदि लोग तोते को पालते थे ।
तोता जीवन भर एक दूसरे का साथ देता हैं
दोस्तों यदि एक नर तोता जोड़े के अंदर नहीं होता है तो उसके बाद वह अपने जोड़े को प्राप्त करने के लिए कई तरह की ध्वनी करता है और प्रयास भी करता है।और एक बार जब वे बंधन के अंदर बंध जाते हैं तो जीवन भर साथ रहते हैं। दोनों एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं। और एक दूसरे की भोजन को खोजने मे भी मदद करते हैं। प्रजनन के मौसम के दौरान, मादा तोते 2-8 अंडों में से कहीं भी देती हैं, जो हमेशा सफेद होते हैं। ज्यादातर तोते घोंसले का निर्माण नहीं करते, बल्कि पेड़ के छेदों में अंडे देते हैं। और 17 से 35 दिन के बाद अंड़ों से बच्चे निकलते हैं।
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