उपस्थित का पर्यायवाची शब्द या उपस्थित का समानार्थी शब्द (upasthit ka paryayvachi shabd / upasthit ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम जानेगे इसके साथ ही उपस्थित शब्द से जुडी सभी प्रकार की जानकारियों पर चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
उपस्थित | विद्यमान, प्रस्तुत, वर्तमान, हाजिर, मौजूदा, तैयार, |
उपस्थित in Hindi | vidyamaan, prastut, vartamaan, haajir, maujooda, taiyaar, |
उपस्थित in English | existing, present, present, present, existing, ready. |
दोस्तो कभी कभार उपस्थित शब्द के पर्यायवाची के मिल जाने पर उपस्थित होना का पर्यायवाची नही माना जाता है क्योकी विद्यार्थी को समझ मे नही आता है की आखिर सही यही है क्या । मगर उपस्थित और उपस्थित होना के पर्यायवाची मे ज्यादा कुछ बदलाव नही होता है यानि दोनो एक ही होते है फिर भी आप देख सकते है की उपस्थित होना के पर्यायवाची शब्द क्या होते है ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द |
उपस्थित होना | विद्यमान होना, प्रस्तुत होना, वर्तमान में, हाजिररहना, मौजूदाहोना, तैयार होना, पेश होना, समीप खड़े होना, आसन्न, सेवा के लिए तैयार, तैयार करने के लिए तैयार, पहनने के लिए तैयार |
उपस्थित होना in Hindi | vidyamaan hona, prastut hona, vartamaan mein, haajirarahana, maujoodaahona, taiyaar hona, pesh hona, sameep khade hona, aasann, seva ke lie taiyaar, taiyaar karane ke lie taiyaar, pahanane ke lie taiyaar. |
उपस्थित होना in English | Being present, be present, present, ready, impending, ready-for-service, ready-to-order, ready-to-wear. |
हिंदी भाषा में उपस्थित शब्द का अर्थ तैयार या विद्यमान से होता है । जिस तरह से अगर कोई व्यक्ति आपके पास तैयार खडा है जैसे आपका नोकर । उसी तरह से तैयार खडे होने के लिए उपस्थित शब्द का प्रयोग किया जाता है और ऐसा कहा जाता है की नोकर मेरा काम करने के लिए उपस्थित है । इसे उपस्थित होना भी कह सकते है । उपस्थित का अर्थ एक शब्द में इस तरह से होते है –
दोस्तो यह दोनो एक ही प्रकार के शब्द होते है और दोनो का अर्थ भी एक होता है । हालाकी उपस्थित को विद्यमान या माजूद के रूप मे जाना जाता है मगर उपस्थित होना को मोजूद होना या विद्यमान होना कहा जाता है । जिस तरह से अगर कोई नोकर आपके घर मे मोजूद है तो वह उपस्थित है ।
वही अगर वह नोकर आपको पास रहता है या आपके पास खडा है तो इसे उपस्थित होना कहा जाता है । हालाकी दोनो प्रकार के शब्द एक ही है । भिन्न भिन्न नही है ।
1.घर पर उपस्थित रहकर नोकरी करना – दुनिया में तरह तरह के बदलावो की खोज चल रही है उनमें से ही एक घर बैठे काम करना है क्योकी वर्तमान ऑनलाईन का समय आता जा रहा है जिसके कारण से आने वाले समय में घर पर उपस्थित रहते हुए भी नोकरी की जा सकती है । उदहारण के रूप मे आप कंप्यूटर में किया जाने वाला काम मान सकते हो क्योकी यह एक ऐसा कार्य है जो घर पर उपस्थित रहने के बाद ही बडी आसानी से पूरा किया जा सकता है ।
2.बिना कार्यालय में उपस्थित हुए समस्याओं का हल – दोस्तो वर्तमान का समय इतना अधिक तरकी कर चुका है की देश के सरकारी कार्यालयो मे घर पर रह कर भी किसी समस्या को बताया जा सकता है और उसका हल तक किया जा सकता है । और इस तरह के कार्यो के लिए किसी प्रकार का धन भी नही लगता है ।
जैसे बैंकिग, पंचायत समिति, मुबाईल सिम, सोपिग आदी सभी ऐसे कार्य है जिनको ऑनलाई घर पर बैठे घर में पाया जा सकता है या अपनी समस्या से छूटकारा पाया जा सकता है । अगर आपको मुबाईल सिम मगवानी है तो वह भी वर्तमान मे घर में उपस्थित रहते हुए हो सकता है ।
3. विधालय में उपस्थित विद्यार्थी – दोस्तो विधालय में विद्या का ज्ञान दिया जाता है जिसे ग्रहण करने के लिए विद्यार्थी जाते है । और इस ज्ञान को वही हासिल कर सकता है जो अधिक से अधिक समय तक विद्यालय में उपस्थित रहता हो । इस कारण से ही सरकार ने यह निश्चित किया है की एक विद्यार्थी की कम से कम 75 प्रतिशत विधालय मे उपस्थिती होनी चाहिए । और इस तरह से जब विद्यार्थी विधालय मे रहता है तो इसे विद्यार्थी का विधालय मे उपस्थित या उपस्थित होना कहा जाता है ।
4.कोलेज विधालय मे उपस्थित विद्यार्थी – दोस्तो आपने यह सुना होगा की कोलेज मे अधिक जाना जरूरी नही होता है । मगर यह सच नही है क्योकी कोलेज में अध्ययन करने के लिए भी निश्चित प्रतिशतो तक उपस्थिती होनी ही चाहिए । जिसके बाद ही विद्यार्थी अपना एग्जाम दे सकता है । हालाकी यह यूनिवर्सीटी पर ही पर आधारीत है ।
5. नोकर का मालिक के पास उपस्थित होना – दोस्तो जो लोग धनवान होते है वे लोग अपना काम करवाने के लिए कुछ लोगो को रख लेते है । जिस तरह से घर का काम कराने के लिए या अपने बिजनेश का कुछ कार्य करवाने के लिए । तो इस तरह से काम करने वाले लोगो को नोकर कहा जाता है और जिसके पास काम करते है उस व्यक्ति को मालिक कहा जाता है। और मालिक के पास नोकरी का उपस्थित होना बहुत ही जरूरी होता है वरना मालिक नोकर को नोकरी से निकाल भी सकता है ।
6.मैं उपस्थित हूँ यहाँ – दोस्तो इस नाम की एक किताब है जिसके लेखक Balkavi Bairagi नामक एक व्यक्ति है । यह पुस्तक 21 मार्च 2018 को प्रकाशित की गई थी ।
दोस्तो उपस्थित शब्द की उत्पत्ति हिंदी भाषा से मानी जाती है । क्योकी जब उपस्थित शब्द का विच्छेद किया जाता है तो यह दो शब्दो से मिलकर बना होता है पहला उप और दूसरा स्थित । यहां पर उप शब्द एक उपसर्ग होता है जो की स्थित के साथ जुड की उपस्थित बना देता है ।
उप + स्थित में से उप शब्द का अर्थ पास से होता है और वही स्थित का अर्थ एक स्थान पर ठहरा होता है । अब इसे सयुक्त रूप से देखते है तो उपस्थित बनता है जिसका अर्थ पास ठहरा हुआ होता है । यानि जो पास ठहरा हुआ है वह उपस्थित है । पास ठहरने को पास रहना या मौजूद रहना भी कहा जा सकता है ।
इस तरह से उपस्थित शब्द का अर्थ मौजूद रहना होता है। अत हिंदी या सस्कृत भाषा से ही इस शब्द की उत्पत्ति मान सकते है क्योकी यह दो शब्दो से जुडकर बना होता है जो की संस्कृत के उपसर्ग के अनुसार है ।
विद्यार्थी जीवन में बहुत बार इस तरह के शब्दो का प्रयोग हुआ था जो की आपने अपने मुख से किया था । क्योकी जब भी कोई विद्यार्थी विधालय में नही आता था और अध्यापक के पूछने पर कहा जाता था की आज वह विधालय मे अनुपस्थित है । इस तरह से कहा जाता था की वह आज विधालय में मौजूद नही है ।
इसके साथ ही अगर कोई विद्यार्थी विधालय में होता था तो उसके लिए कहा जाता था की वह मौजूद है । इस तरह से समझ में आ जाता है की जो मौजूद होता है उसके लिए कहा जाता है की वह उपस्थित है मगर जो मौजूद नही होता है उसके लिए उपस्थित नही है की जगह अनुपस्थित शब्द का प्रयोग किया जाता है । संक्षिप्त में कह सकते है की उपस्थित शब्द का विलोम अनुपस्थित होता है ।
दोस्तो उपस्थित शब्द दो प्रकार के शब्दो से मिलकर बना होता है । जिनमें से एक उप होता है और दूसरा स्थित होता है । जो पहले उप लगता है वह उपसर्ग कहा जाता है । इस तरह से उपस्थित शब्द में उप शब्द जुडा होता है ।
दोस्तो हिंदी भाषा कें अंदर जब स्थित शब्द के साथ उप जुड जाता है तो एक शब्द बनता है जिसे उपस्थित कहा जाता है । इस शब्द में उप उपसर्ग जुडता है तो वही स्थित मुल शब्द होता है । अंत उपस्थित में स्थित मुल शब्द होता है ।
वर्तमान में विधालयों मे विद्यार्थी की उपस्थित होने की जानकारी रखी जाती है । ताकी विद्यार्थी के बारे मे यह जानकारी रहे की कोनसे विद्यार्थी की विधालय में कितनी उपस्थिती है । इसके साथ ही कुछ देशो मे एक प्रमाण पत्र के रूप में भी इसे प्रदान किया जाने लगा है ।
जिसे उपस्थित या उपस्थिति प्रमाण पत्र के नाम से जानते है । इस तरह का प्रमाण प्रत्र अमेरिका और कनाडा जैसे देशो में भी लागू है । भारत में भी यह लागू है हालाकी इसका उपयोग विद्यार्थी के लिए नही होता है बल्की एक रिकोर्ड के रूप में रहता है । कहने का अर्थ है की भारत मे इसे विद्यार्थी को नही सोपा जाता है बल्की उपस्थित या उपस्थिति प्रमाण पत्र अमेरिका मे विद्यार्थी को प्रदान किया जाता है । इस प्रमाण प्रत्र को 12 कक्षा पास करने के बाद मे विद्यार्थी को दिया जाता है ।
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