उपकार का विलोम शब्द Upkar ka vilom shabd kya hai ?

उपकार का विलोम शब्द या उपकार का विलोम , उपकार का उल्टा क्या होता है ? Upkar ka vilom shabd , Upkar ka vilom shabd kya hai

शब्दविलोम शब्द
उपकारअपकार
UpkarApkar

‌‌‌उपकार का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌उपकार का मतलब अपकार होता है।उपकार का अर्थ होता है भलाई करना किसी की सहायता करना । जैसे कहा जाता है कि तुम्हारे उपर हमने बहुत उपकार किये हैं। वैसे भलाई करना बहुत ही अच्छा काम है। उपकार सिर्फ इंसानों पर ही नहीं करने चाहिए । वरन जानवरों के उपर भी उपकार करने चाहिए । ‌‌‌बहुत से लोग जो उपकार करने का दिखावा करते हैं। इस प्रकार के उपकार किसी काम के नहीं होते हैं। क्योंकि यह एक तरह का छल होता है। और यदि आप छल करते हैं तो फिर आप भी एक दिन छले जाते हैं। आप दूसरों का उपकार करते हैं तो आपके मन के अंदर वैसी ही सूचनाएं सेव होती हैं और वैसे ही आपको कर्म संस्कार बनते ‌‌‌और उसके बाद आपको वैसी ही गति मिलती है।बहुत से लोग यह समझते हैं कि उपकार करना धार्मिक होना है। धर्म के लिए उपयोगी है लेकिन असल मे यह धर्म एक विज्ञान है।

उपकार का विलोम शब्द

यदि आप दूसरों का उपकार करते हैं तो आपके मन मे अच्छी भावनाएं आती हैं और अच्छी भावनाएं आपके मन को सकून देती हैं। मौत के बाद भी जीवन होता ‌‌‌है। जिसको विज्ञान भी सिद्ध कर चुका है और हिंदु और कई धर्म मे हजारों सालों पहले ही इसके बारे मे बताया जा चुका है।यदि आप मन मे कूड़ा भरेगे तो बाद मे यही कूड़ा बार बार आपके मन को परेशान करेगा । यही वजह है कि हमेशा यही कहा जाता है कि आपको दूसरों का उपकार करना चाहिए ।

‌‌‌यदि आप एक अच्छे इंसान हैं और दूसरों का उपकार करते हैं तो आपका मन हमेशा शांत ही रहेगा आपके लिए यह बहुत ही अच्छा साबित होगा और आपने कर्म का नाम सूना ही होगा । असल मे कर्म सूचनाओं का संग्रह है यदि आप इस सूचना मे अच्छा भरते हैं तो मरने के बाद आप अच्छे ही बने रहेंगे आपको शांति मिलेगी ।

‌‌‌लेकिन जो लोग दूसरों का भला करते हैं उनके अंदर अच्छी भावनाएं होती हैं वे हमेशा भला करने की सोच रखते हैं जिसकी वजह से वे भी शांत ही रहते हैं। तो उपकार करना सिर्फ दूसरों के कल्याण से नहीं जुड़ा होता है वरन यह आपके कल्याण से भी जुड़ा होता है। आप ‌‌‌इस चीज के अंदर कल्याणकारी होते हैं।आप खुद अच्छी चीजों को सीखते हैं। जैसा अनाज आप अपने खेत के अंदर बोयेंगे वैसा ही आपको मिलेगा । यदि कचरा बोएंगे तो आपको कचरा ही मिलेगा और यदि अच्छा बोएंगे तो अच्छा ही मिलेगा ।

‌‌‌तो आपको किसी का भला करने की जरूरत है। आपको उपकार करना चाहिए ।जरूरी नहीं है कि आप किसी का उपकार पैसा देकर ही करें आपके पास जो है वह आप उसे दे सकते हैं या फिर आप उसकी कोई मदद भी कर सकते हैं जिससे कि उसका उपकार हो जाएगा और आप एक अच्छभ् चीज को अपनी सूचना मे संग्रहित करेंगे ।

‌‌‌अधिकतर लोग गलती इसलिए करते हैं क्योंकि वे बस भरोशा करते हैं। जानने की उनकी औकात नहीं होती और मानना वे चाहते नहीं । तभी दुनिया मे मूर्खता पूर्ण काम होते हैं जो आप देख रहे हैं।

‌‌‌अपकार का मतलब और अर्थ

‌‌‌अपकार का मतलब अनिष्ट , अत्याचार, अनुचित आचरण होता है।‌‌‌मतलब यह है कि आप किसी का उपकार नहीं करते हैं किसी का भला नहीं करते हैं लेकिन यदि आप किसी का बुरा करते हैं अनिष्ट करते हैं तो यह अपकार होता है। वैसे आजकल अनिष्ट करने वालों की कमी नहीं है। मन एक साफटवेयर होता है जिसके अंदर अनिष्ट ही फीड किया जाता है।‌‌‌यदि आप बच्चों की किताबों को पढ़ेंगे तो उनको अंदर यह लिखा मिलेगा अकबर ने फला महल बनाया था। अब बच्चे इस महल का क्या करेंगे ?

उनको यह कभी नहीं सिखाया जाता है कि उनका जीवन क्यों है ? और जीवन मे क्या नहीं करना चाहिए ? जीवन के कृत्तव्यों के बारे मे कुछ नहीं बताया जाता है। जो अपने बारे मे ‌‌‌ठीक से नहीं जान पाया हो वह दुनिया को जानकर भी कुछ नहीं उखाड़  पायेगा । क्योंकि आप बस उस  सूचना के अनुकूल बन जाएंगे । इससे अधिक कुछ नहीं हो सकता है। भारत के अंदर तो इंसानों को पैसा कमाने वाला जीव बनाया जाता है। और फोर्स किया जाता है कि यह ही जीवन है।‌‌‌लेकिन झूठ कभी भी जीवन नहीं हो सकता है।आप यदि झूठ पर टिके रहोगे तो एक ना एक दिन आपकी नींद टूटेगी और आपको बहुत अधिक पछताना होगा । जो दूसरों का अनिष्ट करते हैं उनको यह लगता है कि  वे महान हैं। वे सब कुछ कर सकते हैं।

‌‌‌लेकिन असल मे वे महान नहीं होते हैं।दुनिया के सबसे बड़े बेवकूफ इंसान होते हैं। यह प्रकृति हर इंसान की इच्छा का सम्मान करती है। आप भी इसी से पैदा हुए हैं और सामने वाला भी इसी से पैदा हुआ है।

‌‌‌असल मे जो दूसरों का अनिष्ट करते हैं वे उसके अंदर काफी खुश नजर आते हैं और भोगों को भोगते जाते हैं। और वैसे ही कर्म संस्कार उनके अंदर छप जाते हैं जिनका फल भी उनको भोगना पड़ता है। यदि आप सोच रहे हैं कि आप जो कुछ भी करते हैं उसका फल आपको नहीं मिलता है तो आप गलत सोच रहे हैं।

‌‌‌यह सब नेचर के नियम हैं जिनको बदलना किसी इंसान की औकात नहीं है। यदि आप आप इस चीज को नहीं मानते हो तो भी नेचर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा । यदि आप नेचर के विपरित चलोगे तो आपको परेशानी का  सामना करना पड़ेगा ।

‌‌‌दूसरों का बुरा करने वाले इंसान असल मे एक ना दिन खुद भी उसका फल भुगतते हैं। यदि आपसे ताकतवर इंसान आपको परेशान कर रहा है और अदालत  भी उसका कुछ नहीं कर पा रही है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि नेचर या भगवान की अदालत मे नकली इंसानों की अदलातों के जज को भी अपने कर्मों का हिसाब देना ‌‌‌ पड़ता है। और वहां पर वे अपने पॉवर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। नेचर उनको बहस करने तक का मौका नहीं देती है। तभी भगवान ने एक जगह कहा है कि जो जैसे कर्म करता है उसकी वैसी ही गति होती है।

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