Utsah ka vilom shabd उत्साह का विलोम शब्द ?
उत्साह का विलोम शब्द, उत्साह शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, उत्साह का उल्टा Utsah vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
उत्साह | निरुत्साह |
Utsah | Nirutsah |
उत्साह का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों उत्साह का विलोम शब्द होता है। निरूत्साह । दोस्तो उत्साह एक मन का भाव होता है। जिसका मतलब होता है मन के अंदर किसी काम बात को करने की खुशी होना । वैसे देखा जाए तो उत्साह एक तरह की खुशी होती है। लेकिन आमतौर पर यह किसी काम को लेकर होती है। अक्सर जब लोग किसी तरह का नया काम करते हैं तो उनके मन मे उस काम को लेकर काफी उत्साह होता है। जैसे कि एक बंदा एक दुकान को खोलने के लिए जा रहा है तो उसके अंदर इस काम को लेकर उत्साह है कि किस तरह से वह अपनी दुकान को चलाएगा ? और किस तरह से वह इन सब कामों को करेगा ।इसके अलावा उत्साह किसी भी काम को लेकर हो सकता है। जैसे कि आपकी नई नई नोकरी लगी है और आप कल ही डयूटी को ज्योइन कर रहे हैं तो उसे लेकर भी आपके मन के अंदर उत्साह हो सकता है। दोस्तों आपको बतादें कि उत्साह सदैव ही सकारात्मक होता है। नकारात्मक चीजों को लेकर हमारे मन के अंदर किसी तरह का उत्साह नहीं होता है। जैसे कि
किसी की मौत हो गई है तो मौत के अंदर शामिल होने के लिए हमारे अंदर किसी भी तरह का उत्साह नहीं होता है। कारण यह है कि हम उसे दुख की घड़ी मानते हैं और आपको तो पता ही है कि दुख की घड़ी के अंदर किसी भी तरह का उत्साह नहीं होता है। उत्साह तो सिर्फ सुख की घड़ी के अंदर ही होता है।
यदि हम बात करें किसी काम के उत्साह के बारे मे तो काम को लेकर उत्साह की अलग अलग तरह का हो सकता है। आमतौर पर जब हम किसी काम को करते हैं तो उसके अंदर काफी उत्साह होता है। लेकिन जैसे ही काम करना शूरू करते हैं उसके बाद धीरे धीरे हमारे अंदर का उत्साह नष्ट होता चला जाता है ऐसा वास्तव मे होता है।
आप अपने रियल लाइफ के कुछ कामों को याद करिये । जब आपकी नई नई शादी हुई थी तो आपके अंदर काफी उत्साह था लेकिन अब वो उत्साह नहीं रहा है। क्योंकि शादी काफी पुरानी हो चुकी है। इसी तरह से काम को करने के बाद वह उत्साह नहीं बच पाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
लेकिन कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जोकि काम के अंत तक उत्साह को बनाए रखते हैं। दोस्तो उत्साह एक तरह से हमे काम करने की प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करता है। यदि उत्साह नहीं होगा तो काम करने की प्रेरणा नहीं हो पायेगी । यदि आप काम के अंदर लंबे समय तक उत्साह को बनाये रखते हैं तो काम करने की प्ररेणा भी बनी रहती है। और आप उस काम को आगे ब़ढ़ाते हुए चले जाते हैं। लेकिन जब आप उत्साह को खो देते हैं तो उसके बाद आप उस काम के उपर कम ध्यान देने लग जाते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए । आपको अपने काम को सक्सेस की तरफ ले जाने के लिए उसके अंदर उत्साह को बनाए रखना जरूरी होता है।
आज के बाद जब भी आप कोई काम को शूरू करें तो उसके अंदर उत्साह को बनाए रखें । यदि आपके अंदर उत्साह खत्म हो रहा है तो फिर आपको चाहिए कि आप उत्साह को बढ़ाने के लिए मोटिवेशन चीजों की मदद ले सकते हैं। यह आपके उत्साह को बढ़ाने का काम करती हैं। आपको इसके बारे मे पता ही होगा ।
इस तरह से उत्साह किसी काम के अंदर सफलता को हाशिल करने के लिए बहुत ही जरूरी होता है
निरूत्साह का अर्थ और मतलब
निरूत्साह का मतलब होता है जिसके अंदर उत्साह नहीं हो उसके लिए यह शब्द का प्रयोग किया जाता है। दोस्तों निरूत्साह के बारे मे वैसे आप बहुत ही अच्छी तरह से जानते ही हैं।दोस्तों जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि उत्साह की जरूरत हर किसी को होती है। और बिना उत्साह कम ही चांस के अंदर काम चलता है। इसके बारे मे आप भी अच्छी तरह से जानते ही हैं। हालांकि यदि आप किसी नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो फिर आपको उत्साह की जरूरत बहुत अधिक होती है। क्योंकि उस प्रोजेक्ट को सक्सेस बनाने के लिए उत्साह ही वह चीज होती है जोकि सबसे अधिक काम आती है।
लेकिन हम मे से बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जोकि उत्साह को खो देते हैं या फिर वे इसको काफी लंबे समय तक नहीं बनाए रख पाते हैं। जिसका परिणाम भी उनको देखने को मिलता है। वे अपने कार्य की गति को कम कर देते हैं या फिर वह उतने भयंकर तरीके से कार्य नहीं कर पाते हैं जितना की उनको करना चाहिए ।
और आप इसके बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं कि उत्साह किसी कार्य के लिए कितना जरूरी होता है। लेकिन उत्साह का नष्ट होना भी बहुत जल्दी होता है। एक तरह से उत्साह और निरूत्साह दोनों आपस मे भाई बहन होते हैं। दोस्तों आपको बतादें कि जब उत्साह धीरे धीरे जाता है तो उसके बाद निरूत्साह आता है। लेकिन इन दोनों का अनुभव अलग अलग होता है। आपको इसके बारे मे पता ही है। जब हम उत्साहित होते हैं तो इसका अनुभव अलग होता है। इसके अंदर आमतौर पर हम अधिक खुश नजर आते हैं लेकिन जैसे ही हम अपने उत्साह को छोड़ देते हैं वैसे ही हमारा अनुभव अलग अलग हो जाता है।
निरूत्साह की दशा के अंदर हम काफी निराश और हताश हो जाते हैं। कारण यह है कि निरूत्साह नगेटिव प्रभाव पैदा करने वाला होता है। इसकी वजह से ऐसा होता है। इसी प्रकार से निरूत्साह एक अच्छी चीज नहीं होती है। आपको हर चीज के प्रति उत्साहित होना जरूरी होता है। क्योंकि आप खुद इसी तरह की प्रकृति से रचे गए हैं। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लिया जाना चाहिए । दोस्तों यदि आपके अंदर भी उत्साह समाप्त हो गया है तो आपको चाहिए कि आप अपने उत्साह को बढ़ाने का प्रयास करें । और इसके लिए आप कई तरह के उचित कदम को उठा सकते हैं।
खास कर आप उत्साह को बढ़ाने वाले विडियो आदि को देख सकते हैं जिससे कि आपका उत्साह बढ़ेगा और यह आपके लिए काफी फायदेमंद भी हो सकता है।क्योंकि उत्साह का बढ़ना आपके अंदर नई एनर्जी का संचार करता है।इसलिए निरंतर उत्साह को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए । दोस्तों यदि आप उत्साह को ठीक तरीके से नहीं बढ़ा पाते हैं तो फिर आपके काम के उपर इसका असर पड़ने लग जाता है आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।