दोस्तो इस लेख में हम वर्ष का पर्यायवाची शब्द varsh ka paryayvachi shabd या वर्ष का समानार्थी शब्द varsh ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । इसके अलावा वर्ष शब्द से जुडी महत्वपूर्ण बातो पर विस्तार से चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {varsh ka paryayvachi shabd / varsh ka samanarthi shabd} |
वर्ष | साल, बरस, अब्द, वत्सर, ईसवी, हायन, सन्, सरत, संवत् । |
वर्ष in Hindi | saal, baras, abd, vatsar, eesavee, haayan, san, sarat, sanvat, sam . |
वर्ष in English | year, season. |
हिंदी भाषा में वर्ष को समय के साथ जोडा जाता है और 12 महीनो के कुल समय को वर्ष के रूप मे जाना जाता है । इसके अलावा कह सकते है की पृथ्वी का सूर्य के चारो और चक्कर लगाने का समय एक वर्ष है । अगर वर्ष के संक्षिप्त शब्दो मे अर्थ की बात करे तो होते है –
इस तरह से एक वर्ष को विभिन्न रूप से समझा जा सकता है । हालाकी यह एक प्रकार का निश्चित समय होता है ।
सप्ताह का पर्यायवाची शब्द बताइए
रात का पर्यायवाची शब्द या रात का समानार्थी शब्द
दिन का पर्यायवाची शब्द // दिन का समानार्थी शब्द
दोस्तो आपने यह तो सुना होगा की पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती रहती है और इस तरह से वह सूर्य के चारो और चक्कर लगाने का काम करती है । इसी प्रक्रिया के कारण से वर्ष की गणना की जाती है ।
क्योकी जैसा की बताया जाता है की 24 घंटे मे पृथ्वी अपने अक्ष पर घूम जाती है उसी तरह से यह भी बताया जाता है की सूर्य के चारो ओर एक चक्कर लगाने मे पृथ्वी को काफी अधिक समय लगता है और यह समय 365 दिन 6 घंटे होते है । जब पृथ्वी सूर्य के चारो और एक चक्कर पूरा कर लेती है तो इसे एक वर्ष कहा जाता है और इसी के आधार पर वर्ष की गणना होती है ।
दोस्तो आपने देखा होगा की प्रत्यक 4 वर्ष के बाद में एक दिन बढ़ जाता है यानि कुल 24 घंटे बड जाते है । और यह 24 घंटे पृथ्वी का सूर्य के चारो और लगाए गए चक्कर मे से ही बचता है । क्योकी एक चक्कर मे 365 दिन और 6 घंटे लगते है । इस तरह से इन 6 घंटो को प्रत्यक 4 वर्षो तक अलग कर लिया जाता है और जिसके कारण से कुल 24 घंटे हो जाते है ।
क्योकी 24 घंटो का ही एक दिन रात होता है इस कारण से इस समय को चोथे वर्ष में मिलकार फरवरी को 29 का बना दिया जाता है । जिसके कारण से ही प्रत्यक 4 वर्ष के बाद मे फरवरी 29 की होती है वरना फरवरी 28 की ही रहती है ।
दोस्तो जैसा की हमने समझा की फरवरी प्रत्यक चार वर्ष के बाद में 29 की होती है । और इस दिन अगर किसी व्यक्ति जन्म हुआ है तो उसका जन्म अगले चार वर्ष के बाद आएगा । क्योकी 29 फरवरी प्रत्यक चार वर्ष मे आती है । जिसके कारण से इस तरह के व्यक्तियो का जन्म बडा ही अगल होता है ।
दोस्तो एक वर्ष का समय पृथ्वी का एक चक्कर सूर्य के चारो ओर होना होता है । और इसमें में कुल 365 दिन और 6 घंटे होते है । अगर एक वर्ष मे दिनो की बात करे तो यह कहा जाता है की एक वर्ष में 365 दिन होते है। मगर यह बात जीतनी सच है उतनी गलत भी है । क्योकी सच इस कारण से है प्रत्यक 6 घंटे को वर्ष मे सामिल नही किया जाता बल्की चौथे वर्ष मे इसे एक दिन बना दिया जाता है ।
और गलत इस कारण से है क्योकी प्रत्यक 6 घंटे इस वर्ष के होते है तो एक वर्ष में कुल दिन 365 दिन 6 घंटे होगे । अगर कुल 365 दिन ही माने तो अगले 4 वर्ष मे यह दिन 366 हो जाएगे । क्योकी एक दिन बढ रहा है ।
दोस्तो जब सूर्य की रोशनी अधिक समय तक पृथ्वी पर रहती है तो उस दिन वर्ष का सबसे बडा दिन होता है । इस दिन पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे घंटो तक रोशनी रहती है जिसके कारण से दिन बडा बन जाता है मगर रात छोटी रहती है । और यह दिन 19 से लेकर 23 जून के मध्य ही होता है । हालाकी ज्यादातर 21 जून को सबसे बडा दिन होता है ।
21 जून को सबसे बडा दिन होने के पिछे सूर्य की रोशनी का अहम महत्व रहता है क्योकी इसी रोशनी के कारण से दिन होता है और इस दिन सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध पर पहुंच जाता है । जिसके कारण से जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पहुंची है तो यह रोशनी कर्क रेखा पर बिल्कुल सिधे पडती है ।
जिसके कारण से सूर्य की रोशनी अधिक समय तक पृथ्वी पर ही बनी रहती है । अत: कह सकते है की उत्तरी गोलार्द्ध पर स्थित देशो मे दिन बहुत ही बडे होते है । समय के अनुसार दिन का बडा छोटा भी देखा जाता है । इस तरह से विज्ञान के आधार पर दिन का बडा होना सूर्य का उत्तरी गोलार्द्ध पर पहुंच जाना होता है ।
दोस्तो जैसा की एक वर्ष में बडा दिन आता है तो एक छोटा दिन भी आता है और यह दिन दिसम्बर में आता है । जो की लगभग 21 दिसम्बर या इसके आसपास ही रहता है । यह दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन होगा । यह दिन इतना अधिक छोटा हो जाता है की दिन की रात 15 से 16 घंटो तक लम्बी होती है और वही दिन 8 घंटो का ही बना रह जाता है ।
क्योकी जैसा की बाताया जाता है की पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती रहती है और इसके साथ ही वह सूर्य के चारो और चक्कर लगाने का काम भी करती है। जिसके कारण से दिसम्बर में सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ जाने लग जाता है । ऐसा पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण से होता है । और 21 दिसम्बर या इसके आस पास के समय में यह दिन बहुत ही छोटा हो जाता है । इस दिन सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर काफी कम पडती है। जिसके कारण से सर्दी बहुत अधिक होती है । इस तरह से दिन का छोटा होने का कारण होता है ।
दोस्तो जीस तरह से वर्ष का सबसे बडा दिन होता है उसी तरह से वर्ष की सबसे छोटी रात भी होती है । क्योकी दिन और रात कुल 24 घंटो का ही होता है और जिस समय दिन 15 से 16 घंटो का होता है यानि दिन बडा होता है उसी समय रात सबसे छोटी होती है ।
यह जून महीने के 21 तारीख या इसके आस पास ही होता है। हालाकी अधिकतर 21 जून को दिन सबसे बडा होता है और उसी रात को रात सबसे छोटी हो जाती है ।
दोस्तो जैसा की दिन बडा होता है और दिन छोटा होता है उसी तरह से रात बडी और रात छोटी होती है । क्योकी जिस समय दिन बडा होगा उस समय रात छोटी होगी और जब दिन छोटा होगा उसी समय रात बडी होगी । इस तरह से 21 दिसम्बर को सबसे बडी रात होती है ।
दोस्तो एक वर्ष में कुल दिन 365 दिन होते है और वही रात की बात करे तो कुल 365 रात होगी क्योकी जिस समय दिन होता है उसी समय रात होती है । इसके साथ ही अगर एक दिन और रात के समय की बात करे तो कुल 24 घंटो का होता है । और यह समय वही है जो की पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाती है ।
यह वह समय नही है जब पृथ्वी सूर्य के चारो और चक्कर लगाती है बल्की पृथ्वी का अपने अक्ष पर चक्कर लगाया गया समय है । क्योकी पृथ्वी का आकार अंडाकार होता है और जब यह अपने अक्ष पर घूमती है तो इसका एक भाग सूर्य के सामने और दूसरा भाग सूर्य के सामने नही आता बल्की वह छिपा रह जाता है ।
जिसके कारण से जो भाग सूर्य की तरफ होता है वहां पर रोशनी होने के कारण से दिन होता है और जिस स्थान पर सूर्य की रोशनी नही पहुंचती है यानि पृथ्वी का पिछे वाला भाग वहां रात होती है । इस तरह से एक वर्ष में रात और दिन चलता रहता है । क्योकी ऐसा एक वर्ष में कुल 365 बार होता है जिसके कारण से 365 दिनो तक रात और दिन होता है ।
दोस्तो मानव जीवन को सरल बनाने के लिए समय को अलग अलग भाग में बाटा गया है । ताकी समय सरल बन जाए और मानव उसका आसानी से हिसाब रख सके । क्योकी जिस तरह से दिन और रात होती है उसके अनुसार मानव अपना कार्यकाल करता रहता है ।
उसी तरह से अगर वर्ष की गणना हो तो मानव बहुत सी जानकारियों को आसानी से याद रख सके और आसानी से उनकी गणना कर सके । यही कारण होता है की वर्ष का मनव जीवन में महत्व रखा जाता है । क्योकी जब किसी प्रकार की घटना घटित हो जाती है तो उसे याद रखने के लिए एक निश्चित समय होता है ।
जिसके कारण से वह याद रह जाता है और कहा जा सकता है की वह घटना उस वर्ष में घटित हुई थी । अगर दिन की बात करे तो कहा जाता है की उस वर्ष के उस दिन घटित हुई थी । मगर वर्ष अगर न हो तो यह नही कहा जा सकता की वह घटना उस दिन घटित हुई थी । क्योकी फिर दिनो की गणना नही रखी जाती है और दिनो की उलझन मे फंस जाते है ।
अगर आज भी कोई पूछे तो बता सकते है की प्राचीन समय के उस वर्ष वह कार्य हुआ था मगर बिना वर्ष के यह कहना कठिन होता है । अत: मानव जीवन को सरल बनाने के लिए वर्ष का काफी अधिक महत्व रखा जाता है ।
जी हां, क्योकी अभी आपने एक तो इस लेख को अच्छी तरह से पढा है और दूसरा की इस लेख में यह बताया गया हैकी वर्ष का मानव जीवन मे क्या महत्व रहता है तो आप इन बातो के आधार पर यह समझ सकते हैकी मानव के लिए क्या सच में वर्ष उपयोगी है की नही ।
दोस्तो आपको बात दे की इस दुनिया मे हम अपने जीवन को वर्ष के अनुसार ही याद रखते है जैसे की हम 15, 16, 20, 25, 30 वर्ष के हो चुके है । तो इस तरह से हम याद रखते है तो आप समझ ले की वर्ष उपयोगी हो रहा है ।
इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनके कारण से आप स्वयं कहेगे की वर्ष मानव के लिए उपयोगी है ।
इस तरह से हमने इस लेंख मे वर्ष का पर्यायवाची शब्द या वर्ष का समानार्थी शब्द के बारे में जाना इसके अलावा वर्ष से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा की है । उमिद है की लेख पंसद आया होगा ।
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