दोस्तो इसे लेख के अंदर वर्षा का पर्यायवाची शब्द varsha ka paryayvachi shabd या वर्षा का समानार्थी शब्द varsha samanarthi shabd के बारे मे जानकारी दी जाएगी इसके अलावा वर्षा के बारे मे और भी बहुत कुछ बताया गया है ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द { paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
वर्षा | वर्षाऋतु, मानसुन, वर्षा काल, बारिश, बरसात, चौमासा, वर्षं, वृष्टि, मेह, पावस, झंझा, झंझावात, पावस ऋतु और बारीश होना , बरसात होना, मेह होना, पानी बरसना, पानी पडना । । |
varsha | varsha rtu, barish, barsaat, chumasa, varshan, vrishti, varshakal, meh, pavas . |
rain | Rainy Season, monsson, autumn, rain, rainfall, Baarish, season rainy. |
वर्षा एक प्रकार की गैस से द्रव बनने की परिघटना है । क्योकी पृथ्वी पर रहने वाला जल जब वाष्प के रूम में आसमान मे चला जाता है तो वह समय बितने पर ठंडा होकर वापस जल के रूप मे पृथ्वी पर आ जाता है । इस तर हसे आसमान से पानी या जल का नीचे आना वर्षा कहा जाता है ।
बारिश जल के रूप मे आसमान से पृथ्वी पर आती है । जिसके कारण से पृथ्वी पर जल की कमी दूर होती है । मगर कभी कभी बारिश या वर्षा इतनी अधिक होने लग जाती है की पृथ्वी पर पानी की अधिकता हो जाती है । जब किसी स्थान पर पानी अधिक मात्रा मे होता है तो उस क्षेत्र को नष्ट करने का होसला बारिश के पास होता है ।
क्योकी बारिश के पानी का बाहव इतना अधिक होता है की रेत का कटावा होने लग जाता है जिसके कारण से लोगो का घर नष्ट हो जाता है साथ ही पेड जिसकी जडे जमीन मे बहुत दुर तक फैली होती है वह भी वर्षा के पानी के आगे नही ठहरता बल्की नष्ट हो जाता है । इस तरह से दूनिया मे ऐसी अनेक तबाही है जो बारिश के कारण से आई है जो है –
वर्षा की उत्पत्ति मानसुन आने से होती है । जब पृथ्वी पर ठंडी हवाओ के साथ कुछ पानी की बूंदे भी आती है तो उसे वर्षा के नाम से जानते है । जब किसी स्थान पर सूर्य की रोसनी के कारण से इतनी अधिक गर्मी बढ जाती है की आस पास की जगह ही नही बल्की पेड पौधे तक नष्ट होने की कगार पर आने लगते है । इस समय मनुष्य के पास भी पानी बहुत कम मात्रा मे रहता है । इस सब का कारण गर्मी है । इसके विपरीत जहां समुंद्र इलाका होता है वहां पर गर्मी इतनी अधिक नही होती है इसका कारण वहां पर पाई जाने वाली नमी है ।
मगर गर्मी तो वहां पर भी होती है जिसके कारण से समुंद्र का पानी गर्म होकर वाष्प बन जाता है और वह वायुमंडल मे चला जाता है । अब वाष्प आकाश मे बहुत अधिक मात्रा मे होते है जिसके कारण से वे इकट्ठा होकर बादल के रूप मे जम जाते है । क्योकी जीस स्थान पर ज्यादा गर्मी होती है वहां पर हवा भी तेज गति से पहुंचती है इस कारण से हवा के साथ पानी से भरे बादल भी उस ओर जाने लग जाते है । और वायु की गति के कारण से बादल एक दूसरे से टकराते है और वर्षा होने लगती है ।
जब जलवाष्प आकाश मे चली जाती है तो वह पूरी तरह से ठंडी हो जाती है । फिर यही वाष्प जलकण के रूप मे बदल जाती है । अब अगर वायु दाब और अधिक कम होगा तो ये हिमांक मे बदल जाती है ।
दोस्तो आपको पता होगा की विश्व मे अलग अलग प्रकार से अलग अलग समय पर वर्षा आती है साथ ही वर्षा के भारी मात्रा मे होने के कारण से तबाही मच जाती है । और कभी कभी वर्षा के साथ तेज हवा भी चलने लग जाती है जिसके कारण से वर्षा का एक अलग ही रूप बन जाता है । इन सब कारणो के आधार पर वर्षा को तीन भागो मे बाटा गया है –
संवहनीय वर्षा – धरातल गर्म होने के कारण से जब वर्षा होती है तो उसे संवहनीय वर्षा के नाम से जाना जाता है ।
पर्वतकृत वर्षा – पर्वत के टकराने के कारण से जब वर्षा होती है तो इसे पर्वतकृत वर्षा के नाम से जानते है । इस वर्षा मे पानी का वाष्प के रूप मे हवा के साथ फैलने के कारण से वह आकाश की तरफ जाने लगती है । मगर यह हवा के साथ साथ जाती है । जिसके कारण से इनके मार्ग मे कुछ इस तरह के पर्वत देखने को मिल जाते है जो काफी अधिक विशाल होते है और उन पर बहुत अधिक मात्रा मे ठंड भी होती है ।
जब ये वाष्प हवाएं इन पर्वतो से होकर गुजरती है तब हवाओ को पर्वत पार करने से रोकता है । जिसके कारण से वाष्प हवाओ को अपना मार्ग बदलना पडता है और वे पर्वत के उपर की और उठ कर जाने लग जाती है । इस तरह से जब वाष्प हवाए पर्वत के उपर पहुंचती है जहां पर अधिक मात्रा मे ठंड रहती है तो वाष्प ठंडी हो जाती है । जिसके कारण से अब वाष्प न रह कर पानी की बूंदो के रूप मे रहने लग जाती है । अब इन पानी की बूंदो का भार अधिक हो जाने के कारण से यह धरती की तरफ वापस चली आती है इसे ही पर्वतीय वर्षा के नाम से जाना जाता है ।
चक्रवातीय वर्षा – गर्म और शीतल वायु एक साथ मिल जाती है पैदा होती है, इस समय जो वायु हल्की गर्म होती है वह उपर उठने लगती है मगर जो ठंडी वायु होती है वह नीचे ही रह जाती है । अब यह एक चक्रवात का रूप धारण कर लेती है । जो निचे से चक्रवात की तरह रहती है और उपर से वर्षा होने लग जाती है । इस तरह की वर्षा को चक्रवातीय वर्षा के नाम से जाना जाता है ।
अलग अलग स्थानो पर अलग अलग वर्षा होती है जिसका अनुमान नही लगाया जाता है । मगर वषामापी एक ऐसा उपकरण है जिसके उपयोग से वर्षा की माप को आसानी से मापा जा सकता है और यह बताया जा सकता है की किस स्थान पर कितनी वर्षा हुई है। वर्षामापी अधिकतर मिलीमीटर में ही वर्षा को मापता है ।
वषामापी देखने मे एक खोखला बेलन की तरह नजर आता है । मगर इस खोखले बेलन मे एक बोतल रखी होती है । यह बोतल वर्षा के पानी से भरने के लिए रखी जाती है । जब बोतल मे पानी भर जाता है तो इसे मापा जाता है की कितनी वर्षा हुई थी।
अगर वर्षा शाम के समय होती है तो वर्षा के थम जाने के बाद मे एक वृत्ताकार आकृती दिखाई देती है । जो देखने मे रंग बिरंगी होती है । क्योकी इस आकृती मे कुल 7 रंग होते है । इसे इंद्रधनुष के नाम से जाना जाता है । ऐसा इस कारण से होता है क्योकी वर्षा के बाद में भी पानी की कुछ बूंदे आसमान मे रह जाती है और जब इन बूंदो पर सूर्य की रोशनी पडती है तो इनमे अलग अलग रंग दिखाई देने लग जाते है । क्योकी ये बुंदे सूर्य की किरणो को अपवर्तित तथा परावर्तित करती है । यह हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में ही बनता है ।
वर्षा का पर्यायवाची शब्द के लेख में आपको पता चला होगा की वर्षा के पर्यायवाची क्या है । मगर हमारी एक कोशिश रहती है की जिस शब्द के बारे में आपको बताया जा रहा है उसके बारे में आपको पूरी की पूरी जानकारी दे दी जाए ।
आपको बात दे की यहां पर भी ऐसा ही किया गया है वर्षा क्या होती है और इससे जुड़ी काफी तरह की जानकारी आपको यहां पर दी जा चुकी है । ताकी आप वर्षा के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सके ।
अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया और आप कुछ पूछन चाहते है तो आप इस स्थिति में निचे जो कमेंट बॉक्स देख रहे है वहां पर कमेंट लिख सकते है ।
सांड को रोटी खिलाने से क्या होता है हिंदु धर्म के अंदर गाय को माता…
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …