वसंत ऋतु का पर्यायवाची शब्द या वसन्त का समानार्थी शब्द (vasant ka paryayvachi shabd / vasant ritu ka samanarthi shabd) के बारे मे इसे लेख में हम बडे ही विस्तार से जानेगे साथ ही वसन्त से जुडी महत्वपूर्ण बातो के बारे में भी जानेगे तो लेख देख ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
वसन्त | ऋतुराज, ऋतुपति, पुष्पसमय, कुसुमाकर, माधव, सुरभि, बहार, कुसुमकाल, मधुमास, मधु, मधुऋतु । |
वसन्त in Hindi | Rituraj, Ritupati, Pushp Samay, Kusumakar, Madhav, Surabhi, Bahar, Kusumkal, Madhumas, Madhu, Madhuritu. |
वसन्त in English | spring, springtime, springtide. |
दोस्तो एक वर्ष में कुल छ: प्रकार की ऋतु आती है जिनका एक क्रम होता है और वसंत ऋतु प्रथम ऋतु है जिसके कारण से इसे ऋतुराज के नाम से भी जाना जाता है । यानि वसंत ऋतु का अर्थ ऋतुओ में प्रधानता से माना जा सकता है । इसके अलावा एक शब्द में अर्थ की बाते करे तो होते है –
दोस्तो वसंत ऋतु का आगमन माघ महीने की शुक्ल पंचमी के दिन से होता है । इसके बाद में यह ऋतु दो महिनो तक रहती है । हिंदू धर्म का तो यह तक मानना है की वसंत ऋतु के समय ही नए वर्ष का आगमन होता है । वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति में बहुत सी ऐसी घटनाए होती है जो घटित होती है और प्रकृति का एक नए रूप मे जन्म होता है । जैसे –
वसंत ऋतु के आगमन के समय ही सर्दी कम होने लग जाती है जिसके कारण से कुछ गर्मी सी लगती है और यही कारण है की यह ऋतु बडी ही सुहानी लगती है ।
वसंत ऋतु के आगमन के समय ही मौसम का सुहाना पल आने लग जाता है क्योकी सर्दी के कारण से लोग जहां मौसम को पसंद नही करते है वही सर्दी के कम होने के कारण से मौसम बडा ही अच्छा लगने लग जाता है क्योकी न तो सर्दी होती है और न ही गर्मी होती है । इसके साथ ही चारो और का वातावरण मनुष्य को बडा ही आनन्द पहुंचाने का काम करता है ।
दोस्तो आपने देखा होगा की वसंत ऋतु के समय पेड़ पौधो में एक नई जान आ जाती है । जिस तरह से किसी बालक का जन्म होता है उसी तरह से पेड़ पौधो में से एक नए जान का जन्म होता है ।
यानि पेड़ पौधो में से तरह तरह की पत्तीया निकलने लग जाती है जिसके कारण से आस पास का वातावरण बडा ही सुन्दर लगने लग जाता है । और चारो तरफ हरियाली नजर आती है । जिसे देखने पर बडा ही अच्छा लगता है । इस तरह से पेड़ पौधो मे से नई नई पत्तीयो का जन्म होता है ।
वसंत ऋतु के समय सभी प्रकार के पेड नए रूप में जन्म लेते है और उनके बाद मे उन पेड़ पौधो मे से जीन पेड़ पौधो मे फुल आते है उनका आगमन शुरू हो जाता है । खेतो मे बोई गई फसलो मे जैसे सरसो की फसल मे फुल आने लग जाते है । जिसके कारण से चारो तरफ से वातावरण मे सुगंध भर जाती है और देखने मे बडा ही सुन्दर लगता है ।
इस तरह की हरियाली के साथ ही जब खुशबू का आनन्द लिया जाता है तब रोम रोम महख उठता है । और ऐसा लगता है की मानो मैं स्वर्ग मे आ गया हूं और चारो और आनन्द ही आनन्द है । इस तरह से फुलो का वसंत ऋतु मे बडा ही मनमोहक लगता है ।
वसंत ऋतु का समय ऐसा होता है की चारो और पेड पौधो मे नए नए फुलो का विकाश होता रहता है । और चारो तरफ खेतो मे बोई गई फसलो के फुलो की महक हवा के साथ मिल जाती है । जिसके कारण से जब हवा दूर दूर तक जाती है तो लोगो को बडा ही खुशबू भरा पल लगता है ।
जिसके कारण से बहुत से लोग तो इस आनन्द भरे जीवन को जीने के लिए सुबह सुबह यात्रा तक कर लेते है । क्योकी वायु के साथ एक खुशबू मिली हुई है जो लोगो को आनन्द पहुंचाने का काम करती है ।
वसंत ऋतु के आगमन के समय के साथ ही त्योहारो का आगमन भी शुरू हो जाता है । सबसे पहला त्योहार बसंत पंचमी का होता है जिसके साथ ही राग रंगों का उत्सव मानाना शुरू हो जाता है । इस त्योहार को भारत में विशेष महत्व दिया गया है हालाकी हिंदुओ के लिए यह त्योहार बहुत ही महत्व रखता है क्योकी इस त्योहार के साथ ही माना जाता है की सृष्टि की रचना ब्रहमा ने इसी समय की थी और माना जाता है की नए वर्ष का आरम्भ भी इसी समय से होता है ।
इसके बादमें सबसे बडे ज्ञानी और जीनका जन्म नही हुआ है उनका त्यौहार आता है यानि महाशिवरात्रि का त्योहार आता है । इस त्योहरा को भारत में बडा ही महत्व दिख जाता है और भारत के कोनो कोनो तक इस त्योहार को मानाया जाता है । इसके बाद में बैसाखी का त्योहार आता है क्योकी इस समय तक फसल की कटाई शुरू हो जाती है और इस त्योहार के समय फसल की पूजा की जाती है । विशेष रूप से इस त्योहार में कनक की खेती की पूजा होता है । इसके बदमें आने वाला होली का होता है ।
भारत मे होली का त्योहार बहुत ही प्रचलित होता है । जिसके कारण से भारत के हर शहर मे इस त्योहार को मनाया जाता है । हिंदूओ का यह एक प्रमुख त्योहार होता है । और इस दिन रंगो का खेल खेला जाता है । जिसके कारण से सभी एक दूसरे को रंगो से रंगने का काम करते है ।
इस तरह से वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही बडा ही सुन्दर और अच्छा त्योहार आने लग जाते है । साथ ही वसंत ऋतु का समय मन को बडी ही खुशी प्रदान करता है ।
दोस्तो जैसा की बताया की वसंत ऋतु का एक ऐसा समय होता है जब एक नए बालक के जन्म की तरह ही प्रकृति का जन्म होता है । यानि पृथ्वी पर उपस्थित विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधो की पत्तियां पतझड के कारण से गिर गई थी वह अब वाप आने लगती है । इस तरह से पेड़ पौधो मे एक नए जन्म का विकाश होता है । इसी के साथ चारो ओर का वातावरण खिल उठता है ।
वसंत ऋतु के समय चारो और पुष्पो की खुशबू की महक रहती है । जिसके कारण से मानव जीवन भी बडा प्रभावित होने लग जाता है । क्योकी इस तरह का वातावरण देखकर की उसका चेहरा भी खिल उठता है । इस तरह की घटना किसी प्रकार की ऋतु कें अंदर नही होती है । और ऐसी कोई अन्य ऋतु भी नही है जो वसंत से अधिक सुन्दर और अच्छी लगे । क्योकी वसंत ऋतु मे प्रकृति का एक नया जन्म सा होता है । जिसके कारण से ही वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है ।
दोस्तो प्रकृति की हर उस चिज का मानव जीवन में महत्व होता है जो मोजूद है । क्योकी प्रकृति के हर भाग का मानव उपयोग करता है । इसी तरह से ऋतुओ का महत्व मानव जीवन में रहता है । क्योकी वसंत ऋतु की बात हो रही है तो वसंत ऋतु मे अनेक तरह की घटनाए घटित होती है और इन ही घटनाओ का उपयोग मानव जीवन में होता है ।
क्योकी यह घटना खास कर वंसत ऋतु में हो रही है तो इसे वसंत ऋतु का प्रभाव भी कहा जा सकता है । और इसका प्रयोग करने के कारण से मानव के जीवन में उपयोगी रहती है ।
जीस तरह से वसंत ऋतु के साथ ही पेड़ पौधो में नई नई पत्तियो का विकाश होने लग जाता है उसी तरह से पेड़ पौधो मे अनेक तरह की ऐसी क्रियाए होती है जिनका मानव उपयोग करता है । क्योकी पेड़ का हारा भरा रहने के कारण से सबसे बडा लाभ मानव वायु के रूप मे लेता है ।
क्योकी वायु को मानव ऑक्सीजन के रूप मे अपने शरीर मे प्रवेश कराता है जो की वसंत ऋतु में बहुत ही अहम होती है क्योकी इस समय में वायु पुरी तरह से शुद्ध बनी रहती है जो की मनुष्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है । और इसी समय पेड़ पोधो में एक नए रूप से पत्तियो का विकाश होता है तो पेड पोधो से प्राप्त हर उस चिज का महत्व इसी ऋतु को दिया जाता है ।
इसके साथ ही खुशबू दार फूलो की खुशबू मानव का मनमोह लेती है और चेहरे पर खुशी की लहर दोड पडती है । वसंत ऋतु में वातावरण इतना अधिक सुन्दर लगता है की बडे से लेकर छोटो तक सभी के चहेरे पर एक अलग ही झलक देखने को मिलती है ।
इसके बिच तरह तरह के पर्व का आना वसंत में और अधिक खुशी बिखेर देती है । जो की मानव को आनन्दीत करने में किसी प्रकार की कसर नही छोडती है । क्योकी अनेक तरह के लाभ भी इस ऋतु के समय देखने को मिलते है और अनेक तरह की खुशिया भी इसी ऋतु के समय देखने को मिलती है ।
यहां तक की वातावरण का जीतना अधिक पवित्र और सुन्दर होता है वह इस ऋतु के अलावा किसी अन्य ऋतु मे इतना अधिक अच्छा नही लगता है । जिसके कारण से मानव को बडा लाभ पहुंचता है । क्योकी कहा जाता है जीस तरह का वातावरण होता है मनुष्य भी उसी तरह का होता है ।
क्योकी शौर सराबे के बिच मे रहने वाले व्यक्तियो का चिडचिडा पन देखने को मिल जाता है । मगर इस तरह के वातावरण मे रहने वाले लोगो का एक अलग ही स्वभाव होता है । जो की न केवल वहां रहने वाले लोगो को पसंद आता है बल्की सभी को बडा अच्छा लगता है ।
इस तरह का हमार लेंख वसंत या वसंत ऋतु का पर्यायवाची या समानाथी होता है। क्या आपको पसंद आया? बताना न भूले ।
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