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‌‌‌ वायु का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌के बारे मे बताएं, Tell about the synonym of air in Hindi

‌‌‌दोस्तो इसे लेख के अंदर आपको वायु का पर्यायवाची शब्द vayu ka paryayvachi shabd या वायु समानार्थी शब्द vayu samanarthi shabd के बारे मे जानकारी दी जाएगी इसके अलावा वायु के बारे मे और भी बहुत कुछ बताया गया है 

वायु का पर्यायवाची शब्द या वायु समानार्थी शब्द vayu ka paryayvachi shabd ya vayu samanarthi shabd

शब्द {shabd}पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / vayu samanarthi shabd}
वायुपवन, मंद पवन, हवा, मारुत, पवमान, समीरण, मातरिश्वा, प्रभंजन, बयार, वात, समीर, अनिल, प्रवात, स्पर्शन
वायुPawan, Hava, Marut, Pavman, Samiran, Matriswa, Prabhanjan, Byar, Vaat, Samir, Anil, Pravat.
WindAir, marut, Sameer, matrishva, hurricane, hurricano, wind, breeze, land breeze, land wind .

‌‌‌वायु ‌‌‌क्या होती है What is air – ‌‌

एक ऐसा प्रकार जिसमे अनेक प्रकार की गैसे सामिल होती है यानि गैसो के मिश्रण को वायु कहते है । साथ ही यह पंचभुत तत्वों मे से एक है । वेदो मे बताया गया है की भीम के पिता वायु देव और हनुमानजी के आध्यात्मिक पिता वायु देव है ।

वायु या पवन के बोर मे रोचक तथ्य vayu ya pawan ke bare me rochak tathya

  • ‌‌‌ ‌‌‌वायु एक प्रकार का गैसो का मिश्रण है जिसमे विभिन्न प्रकार की गैसे पाई जाती है मगर सबसे अधिक लगभग 78 प्रतिशत गैस नाइट्रोज के रूप मे ही पाई जाती है । मगर वायु मे ऑक्सीजन और आर्गन व अन्य गैस भी पाई जाती है जिनकी मात्रा बहुत कम होती है जैसे ऑक्सीजन 21 प्रतिशत , आर्गन 0.9 प्रतिशत और बचा 0.1 ‌‌‌प्रतिशत मे बाकी गैसे मिली होती है। 0.1 प्रतिशत मे वे सभी गैसे मिल जाती है जिसमे वायु मोजुद होती है । जिनकी थोडी थोडी मात्रा मोजुद होती है ।
  • ‌‌‌‌‌‌ जब मनुष्य श्वास लेते समय O2 का उपयोग करता है और एक गहरी सांस लेने पर औसतन 4 से 5.5 तक हवा का उपयोग कर सकता है । वही पूरी तरह से स्वस्थ मनुष्य हवा की मात्रा 7 तक ग्रहण कर सकता है ।
  • वायु मे जब ‌‌‌मिट्टी ‌‌‌के दुषित कण मिल जाते है तो वायु ‌‌‌प्रदूषित हो जाती है इस तरह से वायु के ‌‌‌प्रदूषित होने के कारण से वह श्वास के योग्य नही रहती है । वायु ‌‌‌प्रदूषण के अनेक कारण हो सकते है जैसे धुवा, ‌‌‌मिट्टी के कण यानि एरोसोल , गैसे, ध्वनी, कालिख, दवाईया आदी ।
  • पंचभुत तत्वों मे एक वायु भी समिल्लित होती है  और बाकी पंचभुत तत्व पृथ्वी, जल और अग्नि है । ऐसा माना जाता है की इन सभी तत्वो से मिल कर ही मानव का शरीर बना हुआ है । साथ ब्रह्मांड का जन्म भी इन तत्वो पर मोजुद है ।
  • ‌‌‌‌‌‌‌‌‌सबसे अधिक वायु समुद्री पोधो से होती है और फिर बाहरी पेड पोधो से होती है । जो भोजन बनाते समय वायु को मुक्त करते है और कार्बन डाईऑक्साइड को बहर निकलते है ।
  • पवन की दिशा का पता लगाने के लिए एक सुचक का उपयोग किया जाता है जिसे पवन दिक्सूचक के नाम से जाना जाता है । ‌‌‌यह उपकरण आगे की और नुकिला होता है जिसका मुह हवा जिधर से आती है उस ओर होता है ।
  • एक दिन मे आखिर कितनी बार मानव श्वास ले सकता है यह पता किसी को नही है मगर जानकारो का बताना है की मानव एक दिन मे 22,000 बार अवश्य सांस लेता है । यानि प्रतिदीन में 22,000 बार मानव वायु को अपने शरीर मे पहुंचाता है  ।
  • कोविड-19 के कारण से अनेक देशो को वायु प्रदूषित को ‌‌‌शुद्ध होने का मोका मिल पाया था । क्योकी इसमे सभी प्रकार के वाहन और कारागार बंद थे । जिसके कारण से प्रदूषण होने का कोई रूप नही बच पाया था । इसके कारण से बहुती वायु शुद्ध हो गई ।
  • ‌‌‌जब पेड पोधे अपने जीवन के लिए भोजन का उपयोग करते है तो उन्हे कार्बनडाईऑक्साई का उपयोग ‌‌‌करना पडता है और ‌‌‌उसमे पेड पौधे ‌‌‌ऑकसीजन छोडते है और कार्बनडाईऑक्साई का उपयोग करते है । जिसके कारण से वायु शुद्ध होती है ।
  • समुद्र मे पाए जाने वाले पेड पोधो और शैवाल जो हवा छोडते है वह पूरी तरह से स्वस्थ होती है और ‌‌‌पेड़ो के मुकाबले मे ज्यादा O2 छोडते है । मगर देखने मे ये पेड पोधो की तुलना में काफी छोटे दिखाई देते है ।
  • मानव वायु का उपयोग करता ही रहता है और जब कभी मानव हवा या वायु का उपयोग नही कर पता तो वह मृत्यु को प्राप्त हो सकता है । क्योकी मनुष्य पानी, भोजन के बिना तो रह सकता है मगर वायु या पवन के बिना उसका जीवित रहना ‌‌‌मुश्किल होता है ।
  • World Air Quality Report मे बताया गया है की भारत वायु प्रदूषित देश है जो कुल देशो मे से 22 वे नम्बर पर आता है । साथ ही भारत का दिल्ली शहर सबसे दुषित है । इसका कारण वाहन से लेकर आस पास के फेक्ट्रीया और भी बहुत कुछ है ।
  • होटन शहर जो चीन देश का एक शहर है यह भी चीन का बससे दुषित शहर के रूप मे जाना ‌‌‌जाता है ।
  • कोविड-19 के कारण से वायु शुद्ध हो गई जिसके कारण से हवा ‌‌‌जब मानव शरीर मे परवेश ‌‌‌करती है तो बहुत ही हलका महसुस होता है । साथ ही वातावरण बडा ही आनन्दित लगता है ।
  • ‌‌‌‌‌‌कुछ रीपोट का मानना है की सबसे अधिक धुंधले आसमान चीन मे दिखाई देते है साथ ही हवा भी बहुत हानिकारक है । इसका कारण वहां पर समय समय पर हो रहे प्रयोगो को भी एक माना जाता है । क्योकी खोजकर्ता के कारण से विभिन्न प्रकार की गैसे निकलती है जिसके कारण से हवा दुषित हो जाती है ।
  • वायु का उपयोग छोटे जीवो से लेकर बडे जीवो तक किया जाता है । मगर वर्तमान मे वायु मे ‌‌‌ऑकसीजन की कमी आने के कारण से बहुत समस्याओ का सामना करना पड सकता है । इस कारण से विशेष्यज्ञो के द्वारा सलाह दी जाती है की मनुष्य अपने जीवन मे कम से कम 10 पौधे जरूर लगाए क्योकी एक व्यक्ति अगर 10 पौधे भी लगाता ‌‌‌है तो पौधे की सख्या बढ सकती है ।

‌‌‌वायु से आए संकट || disaster from the air

‌‌‌‌‌‌कहते है की हवा की गति बढने के कारण से बहुत बडी तबाही तक आ सकती है । क्योकी हवा में इतनी ताक्त होती है की वह सब कुछ चकना चुर कर सकता है । जिसके कारण से घर बार सब कुछ नष्ट हो जाते है । ‌‌‌इसी तरह की हवा की गति बढ जाने के कारण विश्व की प्रमुख घटनाए निचे है ।

  • ‌‌‌भारत मे लगभग हर वर्ष इस तरह से हवा की गति बढना बहुत बार देखा जाता है मगर सबसे खतरनाख हवा की गति 11 नवंबर 1970 मे ‌‌‌बडी थी । जिसके कारण से बहुत बडी तबाही मच गई और 5 लाख लोगो की जान चली गई ।
  • पश्चिम बंगाल मे भी एक बार 185 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफतार से हवा चलने लगी थी । जिसके कारण से पास स्थित साईकलोन टुट गए और कई लोगो की जान चली गई साथ ही कई गाव पानी के साथ बहने लगे थे । पश्चिम बंगाल की इस घटना के कारण से लगभग 1 लाख से भी अधिक लोगो की जान चली गई थी ।
  • ‌‌‌1994 मे मिस्र मे भी हवा की गति तेज हो गई थी जिसके कारण से आस पास खडे पेड पोधे टूट टूट के निचे गिरने लगे थे । इसी के साथ वर्षा भी होने लगी थी जिसके कारण से कई लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पडा ।
  • 13 नवंबर 1970 को बांग्लादेश मे हवा का रूख इस तरह से बदला की आस पास के क्षेत्रो मे तेज हवा चलने लगी थी । जिसके कारण से धुल जैसे छोटे कण उडने लगे थे । उस समय हवा का रूप इस तरह का था की कई लोगो की जान तक चली गई ।
  • चीन मे ज्यादातर इस तरह की हवा की गति के बढने के कारण से तबाही होती रहती है । चीन मे हवा की गति बढने के कारण से सबसे बडी घटना 1975 मे हुई थी इसमे कई हजारो लोगो की जान चली गई ।
  • ‌‌‌ बांग्लादेश में 1989 मे वायु तेज ‌‌‌गति से चलने लगी थी जिसके कारण से एक तुफान का रूप ले लिया था । वायु के इस तरह से चलने के कारण से कई पेड पोधो को नुकसान पहुचा । बांग्लादेश के इस वायु के तेज गति को सबसे भयानक रूप मे जाना जाता है । साथ ही इसके कारण से लगभग 1000 लोगो की जान भी चली गई थी।
  • पश्चिम बंगाल मे 1976 मे हवा का वेग बढ गया और एक बडे साइक्लोन को टूटने पर मजबुर कर दिया । जिसके कारण से ज्यादा लोगो की जान नही गई मगर धन की ‌‌‌हानि बहुत अधिक हो गई थी साथ ही कई गावो को इस मुसीबत का सामना करना पडा था ।
  • ‌‌‌कोविड 19 एक वायु से जुडी बीमारी है जिसने दुनिया मे बहुत से लोगो को नुकसान पहुंचाया है । इसका कारण मनुष्य वायु से मिलने वाली ‌‌‌ऑकसीजन का प्रयोग पूरी तरह से नही कर पाना है ।

‌‌‌वायु ‌‌‌प्रदूषण के नुकसान || disadvantages of air pollution

  • आगरा का ताजमह अपनी सुंद्रता के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है मगर समय के साथ वह भी पीला पडता जा रहा है इसका कारण भी वायु का ‌‌‌प्रदूषित हो जाना है । क्योकी वायु मे अनेक तरह की ‌‌‌अशुद्धि मिल जाती है जो वायु को ‌‌‌गंदा कर देती है और वही इस ताजमल की सफेदी को पीला करने का काम करती है ।
  • वर्तमान मे वायु का ‌‌‌का ‌‌‌प्रदूषित होने का सबसे बडा कारण मनुष्य है क्योकी वह अपने आराम के जीवने के लिए ऐसे ऐसे कार्य करता है जिसके कारण से वायु ‌‌‌प्रदूषित हो जाती है । इन ही कार्यो मे से एक वाहन है जो रास्ते पर चलता रहता है मगर यह वाहन जो धुवा फेकता है उसके कारण से चारो और वायु ‌‌‌प्रदूषण फेल रहा है । जिसके कारण से  ‌‌‌आज पुरी तरह से स्वस्थ मनुष्य भी जल्दी बीमारी की कगार पर चला जाता है । क्योकी यह धुवा हवा के जरीय मनुष्य के शरीर मे पहुंचकर बीमारी उत्पन्न कर देता है।
  • ‌‌‌वायु ‌‌‌प्रदूषण के कारण से मनुष्य में फेफड़े का कैंसर, मोतियाबिंद , हृदय रोग, डायबिटीज, श्वसन तंत्र में संक्रमण, नियोनेटल डिसऑर्डर और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी रोग नामक रोग बडी जल्दी हो जाते है । और मनुष्य को इस बारे मे पता भी नही चलता की वह कब बीमारी हो गया । क्योकी वायु ‌‌‌प्रदूषण मे अनेक तरह ‌‌‌की जहरीली गैसे भी रहती है जो मनुष्य को इन बीमारीयो की और ले जार कर छोडती है ।
  • ‌‌‌2019 मे वायु ‌‌‌प्रदूषण से होने वाले रोगियो का पता लगाया तो पता चला की इसके कारण से बीमारी बहुत अधिक बढ रही है और दुनिया में 2019 मे 16.7 लाख लोगो की जान वायु ‌‌‌प्रदूषण के कारण से चली गई है।
  • वायु ‌‌‌प्रदूषण के कारण से बीमारी होने वाले रोगियो मे सबसे बडा लक्षण फेफड़े में लगातार रुकावट की सिकायत रहना ‌‌‌पाया जाता है ।

वायु की उत्पत्ति कैसे हुई vayu ki utpatti kaise hui

‌‌‌वायु की उत्पत्ति की दो अवधारणा मानी जाती है । Two concepts of the origin of air are considered.

पहली अवधारणा के अनुसार वायु की उत्पत्ति || Origin of air according to the first concept

‌‌‌जब पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी हो गई तो उसम महासागरो का जन्म हो गया । साइनोबैक्टीरिया महासागरो मे रहने वाला एक मात्र जीव था । जो पृथ्वी मे जमा हो रहे पानी मे अपना जीवन चलाता था । अब भोज प्राप्त करने के लिए उसने कार्बन डाईऑक्साइड का उपयोग किया और पानी के अंदर ही ऑक्सीजन छोडनी शुरू कर दी ।

इस तरह से जैसे जैसे समय बिता साइनोबैक्टीरिया की ‌‌‌सख्या भी बढने लगी थी । जिसके कारण से वे सभी भोजन के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करने लगे । जिसके कारण से कार्बन डाईऑक्साइड की कमी आनी शुरू हो गई । अब कमी आए तो कुछ साइनोबैक्टीरिया अपना भोजन पूरी तरह से नही बना पाए और वे समय के साथ खत्म होते गए ।

इस तरह से साइनोबैक्टीरिया खत्म हो गए । अब सुर्य ‌‌‌के प्रकाश का उपयोग करने वाला कोई नही रहा था जिसके कारण से उसके ताम मे वृद्धि हुई जिसके कारण से वायुमंडलीय अमोनिया को नाइट्रोजन और हाइड्रोजन मे तोडा गया ।

क्योकी हाइड्रोजन हल्की होती है जिसके कारण से वह नष्ट होती चली गई मगर नाइट्रोजन जो की भारी होती है तो वह पृथ्वी के गुरूत्वाकषर्ण के ‌‌‌कारण से पृथ्वी पर जमा हो गई । अब यह नाइट्रोजन समय के साथ ऑक्सीजन के साथ क्रिया करने लगी थी और फिर ऑक्सीजन की उत्पत्ति हुई ।‌‌‌ इस तरह से हवा की उत्पत्ति हो गई थी ।

‌‌‌दुसरी अवधारणा के अनुसार वायु की उत्पत्ति || According to the second concept, the origin of air

हम सभी को पता है की पृथ्वी का जन्म एक बहुत बडी प्रक्रिया थी । जिसमे कई वर्ष लग गए तब जाकर पृथ्वी पर जीवन शुरू हुआ । ‌‌‌जैसे जैसे पृथ्वी का विकाश हुआ उसके साथ भी वायु की उत्पत्ति होनी सुरू हुई थी । हाइड्रोजन और हीलियम की एक पतली परत पृथ्वी के विकाश के समय थी ।

मगर जैसे जैसे पृथ्वी बनी यह परत दूर होती चली गई । इसी हाइड्रोजन और हीलियम के कारण से सुर्य का विकाश हुआ माना जाता है क्योकी जब हाइड्रोजन और हीलियम ‌‌‌अन्य गैसे के संपर्क मे आया तो यह गैसे से जुडता गया और एक गोल आकृती बना ली ।

पृथ्वी जब जल्वालामुखी से बननी शुरू हुई तो उसमे बहुत प्रकार की गैसे मोजुद थी । और जब तक पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी नही होई तो ये गैसे गर्म होती गई और इनका भी विकाश होता गया । विशेष्यज्ञों का मानना है की उस समय पृथ्वी ‌‌‌में जल वाष्प भी मोजुद था । इसके अलावा अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड भी मोजुद थी ।

मगर अब रही बात हाइड्रोजन की तो वह हाइड्रोजन सल्फाईड के रूप मे मोजूद थी । समय के साथ साथ इनमे बहुत क्रिया हुई और एक वायुमंडल बनना शुरू हो गया । जब पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी हो गई तब जाकर वायुमंडल की उत्पत्ति हुई।

क्या मानव जीवन में वायु का उपयोग है || what is the use of air in human life

दोस्तो मानव जीवन जो होता है वह हमारा और हमारे जैसे जितने भी लोग है उन सभी का जीवन है ।

और इस जीवन के बारे में बात की जाए तो आपको पता ही होगा की यहां पर रहने वाले जिनते भी तरह के लोग है उन सभी के जीवन में वायु का क्या महत्व रहता है ।

क्योकी दिन रात हम वायु को अपने शरीर के अंदर पहुंचाते है और बाहर निकालते है और इस आधार पर आपको पता ही है की वायु हमारे लिए उपयोगी है ।

वैसे दोस्तो आपको बात दे की यह जो वायु होती है वह मानव के लिए इतनी जरूरी है की अगर वायु न हो तो मानव की मृत्यु होना निश्चित है । इस कारण से हमेशा हमे वायु को महत्व देना चाहिए ।

इसे आप इस तरह से समझ सकते है की जब आप वायु को शरीर में पहुंचने से रोक देते है तो इससे आपका दम घुटने लग जाता हैऔर ऐसे में मृत्यु भी हो सकती है । मगर वायु के होने पर यह नही होगा । तो इसका मतलब साफ है की वायु का महत्व हमारे जीवन में है ।

तो इस तरह से हमने इस लेख में वायु के पर्यायवाची शब्दो के बारे में अच्छी जानकारी हासिल की है । (So in this way we have gained good information about the synonyms of air in this article.)

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