वियोग का विलोम शब्द क्या है Viyog ka vilom shabd kya hai ?

वियोग का विलोम शब्द या उल्टी का वियोग शब्द, वियोग का उल्टा क्या होता है ? Viyog ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
वियोगसंयोग, योग
ViyogSanyog, Yog

‌‌‌वियोग का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌वियोग का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों वियोग का मतलब होता है संयोग या फिर हम मिलन इसके लिए कह सकते हैं। योग कह सकते हैं। दोस्तों वियोग एक तरह से बिछुडन होता है। जब कोई अपने प्रेमी से बिछुड़ जाता है तो उसे वियोग कहा जाता है।

‌‌‌कहा जाता है कि यह जमाना प्रमियों के लिए नरक होता है। जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो यह नहीं देखते हैं कि वह किसी जात पात का है ? और जब प्रेम हो जाता है और उसके बाद बात शादी तक पहुंचती है तो दोनों मे से किसी के घरवाले  नहीं मानते हैं ऐसी स्थितियों मे वियोग ही होता है।

‌‌‌जीवन के अंदर सदा ही मिलन नहीं होता है जीवन मे सदा ही खुशी के क्षण नहीं आते हैं। वियोग भी होता है। और ऐसा नहीं है कि हर प्रेमी प्रेमिका सदा ही मिलन मे होते हैं। उनका वियोग भी होता है। बात प्राचीन समय की है जब राम और सीता वन के अंदर निवास करते थे ।

उस समय राक्षस रावण आया और सीता को उठा ले ‌‌‌गया और उसके बाद राम सीता को पूरे वन के अंदर खोजा उसके बाद हनुमान को सीता को खोजने के लिए भेजा तो हनुमान ने आकर बताया कि सीता अशोकवाटिका के अंदर रहती है। दोस्तों उधर सीता भी राम के लिए वियोग मे थी। तो दोस्तों समझ सकते हैं कि जब भगवानों के अंदर भी वियोग हो जाता है तो उसके बाद हम इंसानों के ‌‌‌साथ तो वियोग होना तय ही है। इसलिए प्रेम सदा नहीं रहता है कभी आपको उस प्रेम के बदले पीड़ा का भी सामना करना पड़ता है।

‌‌‌यदि आप भी किसी से प्रेम करते हैं तो आपको भी वियोग के लिए तैयार रहना होगा । अक्सर आपने देखा होगा कि कई बार प्रेमी और प्रेमिका अपनी जान देते हैं। हालांकि जान देना एक समझदारी का काम नहीं होता है लेकिन प्रेम समझदारी से नहीं होता है। प्रेम तो एक पागलपन होता है।

‌‌‌वैसे हम मे से कोई भी नहीं होगा जोकि वियोग को चाहता है। लेकिन हमारे चाहने या ना चाहने से कुछ भी नहीं होता है। वियोग को तो आना होता है तो वियोग आ ही जाता है।

‌‌‌लेकिन जो ज्ञानी लोग होते हैं वो वियोग के अंदर भी हंसकर जीते हैं और योग के अंदर तो वो पहले जैसे ही रहते हैं। क्योंकि वो सब जानने वाले होते हैं। वे यह जानते हैं कि सदा एक जैसा वक्त नहीं रहने वाला है। कभी दुख भी आएगा तो कभी सुख भी आएगा ।

‌‌‌इसलिए वियोग आए तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। वियोग भी एक दिन खत्म हो जाएगा । लेकिन प्रेमी प्रेमिका को इतनी धीरज नहीं होती है। वे सब कुछ जल्दी देखना चाहते हैं। हमारे गांव की ही एक घटना है जिसके अंदर लड़के ने एक लड़की से प्रेम किया और उसके बाद प्रेम मे सफलता नहीं मिली तो  लड़का ट्रेन ‌‌‌के आगे आकर मर गया । इतनी छोटी सी उम्र के अंदर मरना अच्छा नहीं है। और खास कर किसी स्त्री के लिए आप बेवजह ही अपनी जान देते हैं।

‌‌‌क्योंकि आप इसलिए पैदा नहीं हुए है कि आप किसी स्त्री को पा सकें । आपके इससे भी बहुत बड़े मकसद हैं।

‌‌‌संयोग का अर्थ और मतलब

दोस्तों वियोग का उल्टा होता है संयोग । दोस्तों यहां पर संयोग का मतलब होता है योग होना या मिलन हो जाना है। संयोग सब चाहते हैं लेकिन बिछड़ना कोई भी पंसद नहीं करता है। क्योंकि बिछुड़ने के अंदर दर्द होता है और दर्द को हर कोई सहन नहीं करना चाहते हैं।

‌‌‌जब संयोग होता है तो यह खुशी लेकर आता है लेकिन जब वियोग होता है तो यह दुख को लेकर आता है। संयोग अच्छी चीज है लेकिन वियोग एक बुरी चीज है। यह सब हमने ही तो बनाया है। लेकिन जो ज्ञानी होते हैं। उनके लिए संयोग और वियोग कुछ नहीं होता है। अधिकतर लोग जो भगत होते हैं उनको भगवान के संयोग की आवश्यकता ‌‌‌होती है। और वे चाहते हैं कि यदि उनको भगवान का संयोग मिल जाए तो फिर कहना ही क्या होगा ? खैर आप उम्मीद कर सकते हैं कि एक भगत भगवान का संयोग करने के लिए क्या नहीं करेगा । वह जो कुछ भी संभव है उसको करने की कोशिश भी करेगा ।

‌‌‌संयोग एक बहुत ही सुंदर चीज होता है। लेकिन जिदंगी के बारे मे एक कहावत है कि इस दुनिया के अंदर संयोग किसी का नहीं है। बस सारे पथ के साथी हैं इंसान को तो अकेला ही जाना है। वह अकेला ही आया था और अकेला ही जाएगा ।

‌‌‌यह बात सौ फीसदी सच है कि इंसान को अकेला ही जाना होगा । वह अकेले ही आया था और अकेले ही जाएगा । भले ही यहां पर आप हर किसी का संयोग चाहते हैं और जब मरने का समय आएगा तो ना पुत्र पास आएंगे ना पत्नी पास आएगी । कोई भी आपका साथ नहीं देगा । आपको अकेले ही जाना होगा । और कोई भी आपके स्थान पर नहीं जाना ‌‌‌चाहेगा । लेकिन कर क्या सकते हैं जिसका समय आता है उसी को जाना होता है उसके बदले मे कोई दूसरा जा भी तो नहीं सकता है। यदि जाना चाहे तो भी वह नहीं जा सकता है।

‌‌‌यह जीवन एक चलते सफर की तरह होता है जिसके अंदर रस्ते मे आपको कई सारे साथी मिलेंगे कुछ साथी लंबे समय तक आपके साथ रहेंगे तो कुछ साथी रस्ते के अंदर ही आपसे अलग हो जाएंगे ।

‌‌‌इसलिए आपको संयोग की चिंता नहीं करनी चाहिए बस आपको चलना है आप बस चलते जाएं। आपको इस बारे मे ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए कि कौन आपका साथ दे रहा है और कौन आपका साथ नहीं दे रहा है।

‌‌‌संयोग जब हमे किसी का हो जाता है तो वह कई बार दुख का कारण भी बन जाता है। मान लिजिए कि आप किसी स्त्री से प्रेम करते हैं और अचानक से उसकी मौत हो जाती है तो उसके बाद आप काफी परेशान हो जाएंगे लेकिन कुछ नहीं कर पाएंगे । यदि आपने उसका संयोग नहीं किया होता तो आपको दुखी होने की जरूरत नहीं है।

‌‌‌बस आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप बस चलते जाएं । और जब आप चलते जाएंगे तो सब कुछ सही हो भी जाएगा । और जब आप किसी का संयोग करते हैं तो आप खुद परेशान होते हैं। यदि संयोग करना ही है तो भगवान का करें जो आपको हर जन्म मे बचाने के लिए आएंगे । और भव सागर से पार करेंगे ।

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