Uncategorized

युद्ध का विलोम शब्द Yuddh ka vilom shabd kya hai ?

युद्ध का विलोम शब्द या युद्ध का विलोम , युद्ध का उल्टा क्या होता है ? Yuddhka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
युद्धशान्ति
YuddhShanti

‌‌‌युद्ध का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों युद्ध का विलोम शब्द होता है शांति । और यदि बात करें युद्ध की तो मानव जाति का पूरा इतिहास ही युद्धों का रहा है। आज भी यही हो रहा है। इंसान जितनी मारकाट मचाता है उतनी इस धरती पर पैदा होने वाली कोई भी प्रजाति नहीं मचाती है।

‌‌‌आज से आप पूराने से पुराने इतिहास को उठाकर देखलें युद्धों का इतिहास ही रह चुका है। अब यदि बात करें की युद्ध क्यों होते हैं तो युद्ध होने का कारण ही नैचर ही है। असल मे यहां पर दो प्रकार की विचार धारा चलती हैं। एक देव विचार धारा होती है । जिसके अंदर आप हर किसी का भला करने पर यकीन करते हैं तो ‌‌‌दूसरी विचारधारा राक्षस वाली होती है। जिसके अंदर आप विनाश करने पर यकीन करते हैं। देव विचार धारा वाले इंसान इस विनाश को रोकना चाहते हैं तो राक्षस प्रजाति के लोग विनाश को बढ़ाना चाहते हैं।

‌‌‌ऐसी स्थिति के अंदर झगड़ा नहीं होगा तो क्या होगा ।यह हमेशा से ही होता आया है। प्राचीन काल के अंदर राक्षसों को दिखाया जाता था जिनके दो सींग होते थे और वे आते थे और आम जनता को परेशान करते थे । आज भी वैसे ही राक्षस मौजूद हैं जोकि भले ही दो सींग के नहीं हैं लेकिन इंसान की खाल मे छुपे हुए ‌‌‌ राक्षस हैं।

‌‌‌मानव सभ्यता ने आज तक न जाने कितने युद्ध लड़े हैं।और कई बड़े बड़े युद्धों के अंदर भयंकर जान माल की हानि हुई थी। यदि बात करे महाभारत के युद्ध कि तो उसके अंदर करोड़ों लोग मारे गए और युद्ध के बाद अधिकतर महिलाएं विधवा हो गई । घरों के अंदर पुरूष मिलना कठिन हो गए थे ।

‌‌‌यु़द्ध भले ही किसी भी तरह का क्यों ना हो विनाश ही लेकर आता है।महाभारत के युद्ध के बाद के बारे मे यह कहा जाता है कि चारो ओर चीख पुकार मच गई और सब तरफ से हाहाकार था। सैनिकों की लाशे ही लाशें थी। भगवान ने युद्ध मे मरे हुए सभी लोगों का अंतिम संस्कार करवाया था ताकि उनकी आत्मा भटके ना ।

‌‌‌लेकिन आपको यह हमेशा युद्ध रखना चाहिए  कि एक युद्ध जब होता है तो उसके बाद शांति स्थापित हो जाती है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद सब देश शांत हो चुके थे । इसी प्रकार दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हुआ । और अब तीसरा विश्व युद्ध ईसाइयत और इस्लाम के बीच होगा । जिसके बाद सब कुछ शांत हो जाएगा ।

‌‌‌जा देश अब युद्ध करने पर आमादा हैं।वे युद्ध के बाद अपने आप ही शांत हो जाएंगे । क्योंकि वे अपनों को इस युद्ध के अंदर खो चुके होंगे । और उसके बाद जब तक वे इस गम से उबरेंगे तब तक युद्ध के लिए फिर तैयार होंगे । लेकिन यह अंतराल काफी लंबा होगा । और मानव सभ्यता तीसरे विश्व युद्ध के अंदर बहुत कुछ ‌‌‌ खो देगी और यह भी हो सकता है कि इसके बाद एक अलग ही तरह की सभ्यता आए । क्योंकि युद्ध मे बहुत सारी चीजें नष्ट हो जाएंगी ।‌‌‌इस धरती पर मानव सभ्यता का पतन और उत्थान लगा रहता है।

‌‌‌शांति का अर्थ और मतलब

दोस्तों आप शांति का अर्थ तो बहुत ही अच्छी तरह से जानते ही होंगे ।शांति का मतलब होता है शांत हो जाना किसी तरह का वॉलेंस ना करना । जैसे आप आराम से बैठे हैं तो यह एक तरह की शांति ही है। कोई आराम से अपना काम कर रहा है तो यह भी एक तरह की शांति ही होती है।

‌‌‌इसी प्रकार से एक सिस्टम होता है नेचर का । जब आप पूरी तरह से शांत होते हैं तो उसके बाद अशांति आती है। आप यदि इतिहास उठाकर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि पहले लोग शांत बैठे रहते हैं फिर अशांत होकर आपस मे लड़ते हैं और लड़ाई के बाद कई सालों तक शांति आ जाती है।

‌‌‌यही मानव जाति का इतिहास रहा है।शांति तभी आती है जब युद्ध होता है। क्योंकि बहुत से लोगों को यह लगता है कि युद्ध ही हर समस्या का हल है लेकिन ऐसा नहीं है। युद्ध बस आपकी कमर को तोड़ देता है तो आप अपने आप ही टिक जाते हैं।

‌‌‌वैसे दुनिया मे कई किस्म के इंसान होते हैं ।वैसे कुछ इंसान इस प्रकार के होते हैं जोकि शांत होते हैं । हम बात कर रहे हैं उन्हीं इंसानों की जो शांत हैं। वैसे शांत का मतलब वो जो कायर हैं।

‌‌‌यदि आप अपनी कायरता की वजह से शांति लाना चाहते हैं तो ऐसी शांति का कोई भी फायदा नहीं है। यदि महाभारत की ही बात लेंलें ।दुर्योधन पांडवों को सूई की नौक के बराबर भी जमीन नहीं देना चाहता था। क्योंकि उसे पता था कि पांडव उसे युद्ध नहीं करेंगे। लेकिन बाद मे कौरवों को भी एहसास हो गया कि उनकी यह ‌‌‌ गलती ही है।

‌‌‌जब आप कायरता का चोला ओढे हुए शांति शांति चिल्लाते हैं तो फिर दूसरे लोग जो खुद को ताकतवर समझते हैं वे आपके उपर अत्याचार करना शूरू कर देते हैं । क्योंकि उनको यह लगता है कि आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। आपमे दम नहीं है। बस आप शांति चाहते हैं आप कायर हैं।

‌‌‌जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि जो इंसान जानवर के रूप मे होते हैं। उनको समझाने के लिए जानवर बनना पड़ता है। यदि आप शांति की भीख उनके सामने मांगेगे तो कुछ नहीं होगा ।

‌‌‌इसलिए शांति का इस्तेमाल वहीं पर करना चाहिए ।जहां पर जरूरी होता है। यदि आप बिना जरूरी स्थान पर शांति शांति चिल्लाएंगे तो फिर समस्या हो जाएगी । क्योंकि वहां पर आपकी भाषा को कोई नहीं समझेगा । यदि आप एक टेरेरिस्ट के आगे शांति शांति चिल्लाएंगे तो कुछ नहीं होगा वह आपको गोली मार ‌‌‌ देगा ।इसलिए शांति का पाठ वहीं पर करना चाहिए जहां पर उसका महत्व हो । जहां पर जिस चीज का अधिक महत्व हो उसका ही इस्तेमाल किया जाए तो अधिक अच्छा होता है।

‌‌‌तो हम सबके अंदर जो कायरता भरी हुई है।उसका हमे परित्याग करना चाहिए । और यदि कोई हमारे उपर अत्याचार करता है तो हमे उसके सबक भी सीखाना चाहिए क्योंकि यह सही नहीं होगा ।‌‌‌यदि हम उसे सबक नहीं सीखाएंगे तो वही हमारे उपर चढ़ जाएगा ।

Recent Posts

  • Uncategorized

‌‌‌हँसना का विलोम शब्द क्या Hansana ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌हँसना का विलोम शब्द या ‌‌‌हँसना का विलोम , ‌‌‌हँसना का उल्टा क्या होता है…

11 hours ago
  • Uncategorized

ईमान का विलोम शब्द क्या‌‌‌ है  iman  ka vilom shabd kya hai ?

ईमान का विलोम शब्द या ईमान का विलोम , योग्यता का उल्टा क्या होता है…

11 hours ago
  • Uncategorized

साक्षर का विलोम शब्द ‌‌‌क्या होगा ? Sakshar ka vilom shabd

साक्षर का विलोम शब्द या साक्षर का विलोम शब्द, साक्षर का उल्टा क्या होता है ? Sakshar ka vilom shabd Sakshar ka vilom shabd…

11 hours ago
  • Uncategorized

‌‌‌परिवार का विलोम शब्द क्या है parivar ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌परिवार का विलोम शब्द या ‌‌‌परिवार का विलोम , ‌‌‌परिवार का उल्टा क्या होता है…

11 hours ago
  • Uncategorized

भूमि का विलोम शब्द क्या है bhoomi ka vilom shabd kya hai ?

भूमि का विलोम शब्द या भूमि का विलोम , भूमि का क्या होता है ? bhoomi ka vilom shabd ,bhoomi ka vilom shabd…

11 hours ago
  • Uncategorized

बुद्धि का विलोम शब्द क्या है buddhi ka vilom shabd kya hai ?

बुद्धि का विलोम शब्द या बुद्धि का विलोम , बुद्धि का उल्टा क्या होता है…

11 hours ago